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प्राण प्रतिष्ठा के दिन MP में जन्मे 600 से ज्यादा बच्चे, छतरपुर में जुड़वां भाइयों का नाम रखा- राम और लक्ष्मण

Ramlalla Pran Pratishtha: 22 जनवरी यानी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का महत्वपूर्ण दिन तमाम लोगों के लिए यादगार बन गया. छतरपुर जिला अस्पताल में 31 प्रसूताओं ने बच्चों को जन्म दिया. इनमें 24 नॉर्मल व 8 सिजेरियन डिलवरी हुईं और 19 बेटे व 13 बेटियों की किलकारियां हॉस्पिटल में गूंजीं. 

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नवजात शिशुओं संग प्रसूता.
नवजात शिशुओं संग प्रसूता.

मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा जिस समय अयोध्या में उत्साहपूर्वक 22 जनवरी को संपन्न हो रही थी, उसी समय मध्य प्रदेश के छतरपुर जिला हॉस्पिटल में एक महिला ने दो जुड़वां बच्चों को जन्म दिया. दोनों शिशुओं का नाम रखा- राम और लक्ष्मण. 

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22 जनवरी यानी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का महत्वपूर्ण दिन तमाम लोगों के लिए यादगार बन गया. छतरपुर जिला अस्पताल में 31 प्रसूताओं ने बच्चों को जन्म दिया. इनमें 24 नॉर्मल व 8 सिजेरियन डिलवरी हुईं और 19 बेटे व 13 बेटियों की किलकारियां हॉस्पिटल में गूंजीं. 

इस खास अवसर पर बच्चे और बच्चियों के राम और सीता के नाम पर नामकरण किए गए. हॉस्पिटल में बच्चों की किलकारियां गूंजने पर परिजनों और प्रसूता मांओं का उत्साह और भी दुगना हो गया. सभी लोग खुशियां मनाते हुए नजर आए.

अस्पाल में जुड़वां भाइयों राम-लक्ष्मण का जन्म जिले की बसाटा निवासी ममता रैकवार की कोख से हुआ. ममता के पति भवानीदीन रैकवार ने खुशी का इजहार करते हुए कहा, हमें इस बात की खुशी है कि जहां अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री रामलला प्राण प्रतिष्ठा हो रही थी, वहीं हमें दो जुड़वां पुत्र मिले हैं. जिनका नाम हमने राम और लक्ष्मण रखा है. ऐसा लग रहा है कि जैसे हमारे घर साक्षात भगवान श्रीराम और लक्ष्मण जन्मे हों.  
 
उधर, जन्म देने के बाद बच्चों का शारीरिक चेकअप करने पहुंची डॉक्टरों की टीम ने शिशुओं का वजन समेत उनका चेकअप करते हुए बताया कि दोनों बच्चों का वजन 3 किलो तकरीबन हैं और बच्चे पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं.  

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स्टाफ नर्स वर्षा चतुर्वेदी ने बताया कि जिला अस्पताल में सोमवार यानी 22 जनवरी की दोपहर 12 बजे से शाम 7 बजे के बीच 31 गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी हुई. 

MP में 500 से ज्यादा बच्चे जन्मे
मध्य प्रदेश में तकरीबन 500 से ज्यादा बच्चों ने 22 जनवरी की तारीख को जन्म लिया. अकेले राजधानी भोपाल में ही 150 के करीब डिलीवरी हुईं. इसके अलावा, ग्वालियर में 90, इंदौर में 35 और शिवपुरी में 33 से ज्यादा बच्चों का जन्म हुआ. 

इसी दिन की थी प्लानिंग 

खासकर रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के शुभ मुहूर्त यानी 12:29:08 से 12:30:32 के बीच डिलीवरी के लिए अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भारी डिमांड थी. तमाम महिलाओं ने परिजनों की रजामंदी लेकर प्लानिंग करके शुभ मुहूर्त और शुभ दिन में सिजेरियन डिलीवरी करवाई.

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