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'राहुल गांधी की 24 घंटे में संसद सदस्यता गई, कठेरिया पर फैसला कब?' दिग्विजय का स्पीकर से सवाल

बीजेपी सांसद राम शंकर कठेरिया को दोषी ठहराए जाने के बाद कांग्रेस ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि स्पीकर ने सूरत की सेशन कोर्ट के फैसले के बाद राहुल गांधी को 24 घंटे के भीतर अयोग्य घोषित कर दिया था, अब यह देखना होगा कि कठेरिया पर कोई फैसला जाता है या नहीं?

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कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह. (फाइल फोटो)
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह. (फाइल फोटो)

मध्य प्रदेश में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने शनिवार को लोकसभा स्पीकर से सवाल पूछा है. दिग्विजय ने कहा, अब देखना यह है कि लोकसभा अध्यक्ष इटावा से बीजेपी सांसद राम शंकर कठेरिया को कब अयोग्य ठहराते हैं. उन्हें उन्हें आगरा की एक अदालत ने हमले के मामले में दोषी ठहराया है और दो साल की सजा सुनाई है. जबकि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को तो सजा मिलने के 24 घंटे के भीतर ही संसद से अयोग्य घोषित कर दिया था.

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बता दें कि आगरा की एमपी/एमएलए अदालत के विशेष मजिस्ट्रेट अनुज ने 2011 में एक निजी बिजली कंपनी के कर्मचारियों की पिटाई के मामले में फैसला सुनाया है. कोर्ट ने मारपीट और हमले की घटना में राम शंकर कठेरिया को दोषी पाया गया है और दो साल की सजा सुनाई है. बीजेपी सांसद को 2011 में आगरा में टोरेंट पावर लिमिटेड के कर्मचारियों की पिटाई के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई थी.

'देखते हैं कि कितनी निष्पक्षता से फैसला लेते हैं स्पीकर?'

इस घटनाक्रम पर दिग्विजय सिंह ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, सांसद राम शंकर कठेरिया को सजा सुनाई गई है. राहुल गांधी को 24 घंटे के भीतर अयोग्य घोषित कर दिया गया. अब देखने वाली बात यह होगी कि कठेरिया की सदस्यता रद्द होती है या नहीं. देखते हैं लोकसभा अध्यक्ष कितनी निष्पक्षता से काम करते हैं.

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'राहुल की सदस्यता कब बहाल होगी?'

दिग्विजय ने आगे कहा, यह भी देखना होगा कि 'मोदी सरनेम' मामले में जब सुप्रीम कोर्ट ने राहुल की सजा पर रोक लगा दी है तो संसद की सदस्यता कब तक बहाल की जाती है.

क्या है राहुल गांधी का मामला

गुजरात के पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने 2019 में राहुल गांधी के खिलाफ उनके बयान 'सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों है?' पर आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था. 13 अप्रैल, 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली के दौरान राहुल गांधी की ओर से ये टिप्पणी की गई थी. सूरत की सेशन कोर्ट ने इस साल 23 मार्च को मामले में राहुल को दोषी ठहराया था और दो साल जेल की सजा सुनाई थी. अगले दिन उन्हें लोकसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया.

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उसके बाद राहुल ने दोषसिद्धि पर रोक लगाने के फैसले को सत्र अदालत में चुनौती दी. सत्र अदालत ने उन्हें 20 अप्रैल को जमानत दे दी और उनकी चुनौती पर सुनवाई करने पर सहमति व्यक्त की, लेकिन सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. राहुल ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में समीक्षा याचिका दायर की. हाईकोर्ट ने दोष सिद्धि पर रोक लगाने का अनुरोध करने वाली याचिका खारिज कर दी. 15 जुलाई को राहुल ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिसमें गुजरात हाईकोर्ट के सजा बरकरार रखने के आदेश को चुनौती दी. राहुल का कहना था कि अगर इस फैसले पर स्टे नहीं लगाया गया तो यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर करारा प्रहार होगा.  

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