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बेड, गद्दा और इंडक्शन... ट्रांसफर के बाद CEO मैडम ऑटो में लाद ले गईं सरकारी सामान, ऑफिस वालों ने ये आरोप भी लगाए

MP सरकार की महिला अधिकारी पर आरोप है कि वह तबादले के बाद जनपद का सरकारी सामान ऑटो में भरकर अपने साथ ले गईं. इस मामले में जिला पंचायत सीईओ अंजू पवन भदौरिया ने औबेदुल्लागंज थाने को पत्र भेजकर युक्ति शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं.

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MP सरकार की अधिकारी युक्ति शर्मा. (फाइल फोटो)
MP सरकार की अधिकारी युक्ति शर्मा. (फाइल फोटो)

MP News: रायसेन जिले में औबेदुल्लागंज जनपद पंचायत की पूर्व मुख्य कार्यपालन अधिकारी (CEO) युक्ति शर्मा के खिलाफ बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. तबादले के बाद महिला अधिकारी पर आरोप है कि वह जनपद का सरकारी सामान ऑटो में भरकर अपने साथ ले गईं. इस मामले में जिला पंचायत सीईओ अंजू पवन भदौरिया ने औबेदुल्लागंज थाने को पत्र भेजकर युक्ति शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं.
 
बता दें कि युक्ति शर्मा को कथित भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद 27 अगस्त 2024 को औबेदुल्लागंज से हटाकर शिवपुरी में पोषण आहार संयंत्र की सीईओ बनाया गया था. तबादले की सूचना मिलते ही युक्ति शर्मा ने उसी दिन ऑटो में जनपद का सरकारी सामान (कंप्यूटर, प्रिंटर, बेड, गद्दा, इंडक्शन और कुकर) भरकर अपने साथ ले गईं.

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सामान लौटाने के लिए लिखे गए पत्र
जनपद पंचायत कार्यालय ने 4 अक्टूबर 2024 और 3 मार्च 2025 को युक्ति शर्मा को पत्र लिखकर सरकारी सामान लौटाने को कहा, लेकिन उन्होंने केवल बेड को लेकर जवाब दिया कि 'यदि इसका बिल जनपद में है तो दिखाया जाए.'

कर्मचारियों का कहना है कि बेड कुछ सचिवों ने मिलकर उनकी छोटी बच्ची के लिए दिया था. कंप्यूटर और अन्य सामानों के बारे में शर्मा ने कोई जवाब नहीं दिया.

FIR दर्ज करवाने की तैयारी
जिला पंचायत सीईओ अंजू पवन भदौरिया ने औबेदुल्लागंज थाने को पत्र भेजकर कहा कि युक्ति शर्मा ने बिना किसी की जानकारी के कार्यालय का कंप्यूटर और सीपीयू अपने साथ ले लिया. सामान लौटाने के लिए लिखे गए पत्रों का कोई जवाब नहीं मिलने पर अब उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया गया है.

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वर्तमान जनपद सीईओ वृंदावन मीणा ने भी थाना प्रभारी को पत्र सौंपकर कार्रवाई की मांग की. पत्र की एक प्रति रायसेन कलेक्टर को भी भेजी गई है. 

भ्रष्टाचार के आरोप और हड़ताल
युक्ति शर्मा के कार्यकाल में जनपद सचिवों और कर्मचारियों ने उन पर कथित भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे. कर्मचारियों का कहना था कि युक्ति शर्मा हर कार्य के लिए मोटा कमीशन मांगती थीं, जिसके विरोध में 84 दिनों तक हड़ताल चली. इसके बाद शर्मा का तबादला शिवपुरी कर दिया गया, जहां वह वर्तमान में पदस्थ हैं.

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