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हिंदू छात्राओं को हिजाब पहनने पर किया था मजबूर, शिवराज सरकार ने रद्द की स्कूल की मान्यता

मध्य प्रदेश के दमोह में हिंदू छात्राओं को हिजाब पहनने पर मजबूर करने वाले निजी स्कूल पर बड़ी कार्रवाई हुई है. शिवराज सरकार ने जांच के बाद उस स्कूल की मान्यता रद्द कर दी है. वहीं स्कूल की तरफ से सफाई दी गई है कि स्कूल ड्रेस में हेडस्कार्फ शामिल है. किसी को भी इसे पहनने के लिए मजबूर नहीं किया गया है.

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हिजाब पहनने पर मजबूर करने वाले स्कूल की मान्यता रद्द
हिजाब पहनने पर मजबूर करने वाले स्कूल की मान्यता रद्द

मध्य प्रदेश के दमोह में एक प्राइवेट स्कूल पर हिंदू छात्राओं को हिजाब पहनने पर मजबूर करने वाले स्कूल के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हुई है. आज तक पर खबर दिखाए जाने के बाद शिवराज सरकार ने इस स्कूल की मान्यता रद्द कर दी है.

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राज्य सरकार ने दमोह के गंगा जमुना उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पर ये कार्रवाई की है. स्कूल पर मान्यता नियमों का उल्लंघन करने के बाद ये एक्शन लिया गया है. इतना ही नहीं इस कार्रवाई को लेकर संयुक्त संचालक लोक शिक्षण सहायक संभाग (सागर) ने आदेश भी जारी कर दिया है.

बता दें कि इस प्राइवेट स्कूल में हिंदू छात्राओं को हिजाब पहनने पर मजबूर करने का मामला सामने आया था. हिंदू संगठनों की शिकायत के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने जांच करने का आदेश जारी किया था.

इस घटना के सामने आने के बाद पूरे शहर में हंगामा मच गया था. हिंदू संगठनों ने कलेक्टर ऑफिस के सामने धरना देते हुए स्कूल का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की मांग की थी. मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने भी इस मामले पर बयान जारी किया था. 

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उन्होंने कहा था कि अगर जबरदस्ती स्कूल प्रबंधन हिंदू बच्चियों को हिजाब पहना रहा है तो दमोह कलेक्टर को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने मांग की थी कि इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि क्या इसकी अनुमति छात्राओं के परिवार से ली गई है? 

स्कूल की सफाई- किसी को मजबूर नहीं किया

इस मामले पर स्कूल के मालिक मुस्ताक खान ने सफाई देते हुए कहा था कि स्कूल ड्रेस में हेडस्कार्फ शामिल है. किसी को भी इसे पहनने के लिए मजबूर नहीं किया गया. वहीं, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियांक ने बताया था कि लड़कियों को बुर्का और हिजाब पहनने के लिए मजबूर करने की शिकायत मिली है. 
 

 

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