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दबंगों ने महिला को बेरहमी से पीटा, जमीन पर गिराने के बाद बरसाए थप्पड़, तहसीलदार, पटवारी और RI के सामने हुई घटना

MP News: मध्य प्रदेश के रीवा (Rewa) में हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है. तहसीलदार, पटवारी और आरआई के सामने एक महिला को बुरी तरह पीटा गया. इस घटना का वीडियो सामने आया है. पुलिस ने महिला की शिकायत पर छह लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है.

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महिला से की गई मारपीट. (Video grab)
महिला से की गई मारपीट. (Video grab)

मध्य प्रदेश के रीवा (Rewa) में तहसीलदार, पटवारी और आरआई के सामने एक महिला के साथ बेरहमी से मारपीट की गई. इस घटना का वीडियो भी सामने आया है. दरअसल, पट्टे की भूमि का सीमांकन करने गए अफसरों के सामने दो पक्षों में विवाद हो गया था. विवाद इतना बढ़ा कि एक महिला को एक युवक ने बुरी तरह पीट दिया. इस मामले में पुलिस ने 6 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है.

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यह मामला रीवा के जवा थाना के अकौरी गांव का है. प्रशासन की टीम यहां पट्टे की भूमि का सीमांकन कराने पहुंची थी. यहां जमीन मालिक गौतम फैमिली के साथ एक महिला का विवाद हो गया. इसी बीच गौतम फैमिली के एक युवक ने महिला के साथ अमर्यादित हरकतें कीं और बेदम होने तक पीटा. मौके पर मौजूद किसी व्यक्ति ने इस घटना का वीडियो बना लिया, जो 20 मई को सोशल मीडिया में वायरल हो गया.

तहसीलदार RI के सामने महिला के साथ हुई बेदम पिटाई, वीडियो हुआ वायरल

इस घटना की शिकायत पीड़ित महिला ने थाने में दर्ज कराई. शिकायत के आधार पर पुलिस ने केस दर्ज किया है. पुलिस ने 6 आरोपियों को नामजद किया है और उनकी गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है. एसपी विवेक सिंह ने बताया कि भूमि का सीमांकन करने के लिए तहसीलदार, RI और पटवारी को बुलाया गया था. इसी दौरान दोनों पक्षों में विवाद हुआ है. मामले की शिकायत मिली है. वीडियो भी वायरल हुआ था. पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है.

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घटना को लेकर आरोपी पक्ष ने क्या कहा?

आरोपी पक्ष का कहना है कि घटना के वक्त सीमांकन का कार्य पटवारी और आरआई कर रहे थे, तभी दूसरे पक्ष से महिला गाली गलौज करने लगी. हमने पुलिस से शिकायत की, लेकिन पुलिस ने न तो रिपोर्ट लिखी और न ही मौके पर जाकर कोई कार्रवाई की. महिला छीना झपटी करने लगी और उसका वीडियो बनाकर वायरल कर दिया, जबकि मौके पर तहसीलदार पटवारी सभी मौजूद थे. पुलिस ने उन लोगों को भी आरोपी बना दिया है, जो मौके पर नहीं थे. डॉक्टर राजेंद्र गौतम शासकीय कार्य से जबलपुर उच्च न्यायालय में थे, जबकि विनय गौतम थाने में शिकायत दर्ज कराने के लिए पहुंचे थे.

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