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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत 4 मार्च को भोपाल में विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान के लगभग 700 कार्यकर्ताओं के लिए एक प्रशिक्षण शिविर का औपचारिक उद्घाटन करेंगे. यह प्रशिक्षण शिविर 3 से 8 मार्च तक शारदा विहार स्थित सरस्वती विद्या मंदिर आवासीय विद्यालय में होगा. देशभर से 700 से अधिक पूर्णकालिक कार्यकर्ता इस वर्ग में हिस्सा लेंगे.
विद्या भारती के अखिल भारतीय अध्यक्ष दूसि रामकृष्ण राव ने बताया, शिविर से एक दिन पहले 3 मार्च को सुबह 10 बजे मध्य प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास कैलाश सारंग, विद्या भारती के अखिल भारतीय अध्यक्ष दूसि रामकृष्ण राव और संगठन मंत्री गोविंद महंत एक प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे. यह प्रदर्शनी भारत के गौरवशाली अतीत और उज्ज्वल भविष्य की झलक पेश करेगी. इसमें विद्या भारती का राष्ट्रीय योगदान, सैनिक स्कूल, कोविड-19 सेवा कार्य, रानी दुर्गावती की वीरगाथा, माता अहिल्याबाई होलकर का लोकसेवा योगदान और मध्य प्रदेश की धार्मिक-सांस्कृतिक धरोहर जैसे विषय शामिल होंगे.
सांस्कृतिक कार्यक्रम और ग्राम दर्शन
5 मार्च को शाम 7:15 बजे पंच परिवर्तन पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा. वहीं, 6 मार्च को कार्यकर्ता शारदा विहार द्वारा संचालित 40 ग्रामों के संस्कार केंद्रों का भ्रमण करेंगे, ताकि समाज में हो रहे बदलाव को प्रत्यक्ष देख सकें.
समापन में दिग्गजों का जमावड़ा
8 मार्च को समापन समारोह में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और विद्या भारती के वरिष्ठ मार्गदर्शक सुरेश सोनी मुख्य अतिथि होंगे. आरएसएस के सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल पूरे शिविर के दौरान मौजूद रहेंगे. अन्य गणमान्य व्यक्तियों में विद्या भारती अध्यक्ष दूसि रामकृष्ण राव, संगठन मंत्री गोविंद महंत, सह संगठन मंत्री यतींद्र शर्मा, श्रीराम आरावकर, निखिलेश महेश्वरी, मोहनलाल गुप्ता और शिरोमणि दुबे शामिल होंगे.
जानिए विद्या भारती के बारे में
राव की ओर से बताया गया कि साल 1952 में गोरखपुर में पहला सरस्वती शिशु मंदिर शुरू करने वाली विद्या भारती आज देश के 684 जिलों में 12 हजार से ज्यादा औपचारिक विद्यालय संचालित करती है. इनमें 100 से अधिक आवासीय विद्यालय हैं, जिनमें से 200 सीबीएसई और बाकी राज्य बोर्ड से संबद्ध हैं. इसके अलावा, 9400 से ज्यादा अनौपचारिक शिक्षा केंद्र निःशुल्क चलाए जा रहे हैं, जो दुर्गम जनजातीय क्षेत्रों और महानगरों की सेवा बस्तियों तक फैले हैं. इन संस्थानों में लगभग 36 लाख छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं और 1 लाख 54000 शिक्षक कार्यरत हैं. विद्या भारती 60 महाविद्यालयों और एक विश्वविद्यालय के साथ-साथ ITI, कृषि विज्ञान केंद्र और कौशल विकास केंद्रों के जरिए शिक्षा और विकास में योगदान दे रही है. यह संगठन संविधान की 8वीं अनुसूची की 22 में से 20 भाषाओं में शिक्षा प्रदान करता है.