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MP: ग्वालियर में भी 'भोले बाबा' के बड़े अनुयायी, किराए के आलीशन आश्रम में कर चुका सत्संग, हरकतें देख मालिक ने करा लिया खाली

Hathras Stampede Latest News: पुलिस की तहकीकात में पता चला कि साकार हरि उर्फ भोले बाबा के भक्तों की ग्वालियर जिले में अच्छी खासी संख्या है. बाबा पिछले साल शहर के तिघरा रोड स्थित झंडा का पुरा गांव के हरि बिहार आश्रम और मेला ग्राउंड में सत्संग कर चुका है. फिलहाल आश्रम में ताला लगा हुआ है. 

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ग्वालियर के तिघरा रोड पर हरि विहार में बाबा का आश्रम था. (फोटो:aajtak)
ग्वालियर के तिघरा रोड पर हरि विहार में बाबा का आश्रम था. (फोटो:aajtak)

उत्तर प्रदेश के हाथरस में नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग के बाद मची भगदड़ में अब तक 121 मौतें हो चुकी हैं. सिर्फ पश्चिमी यूपी के जिले ही नहीं, पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश के चंबल इलाके में भी बाबा के बड़ी तादाद में अनुयायी हैं. एमपी के बड़े शहरों में शुमार ग्वालियर में भी बाबा एक साल के भीतर दो बार सत्संग कर चुका है. इसके लिए बाबा ने एक आलीशान आश्रम किराए पर लिया था.

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पता हो कि हाथरस की भगदड़ में ग्वालियर की भी एक महिला रामश्री वर्मा की मौत हुई है. महिला का शव अलीगढ़ के अस्पताल में मिला. 2 जुलाई के सत्संग में शामिल होने के लिए 45 वर्षीय महिला अपनी 9 महिला साथियों के संग गई हुई थी. 

इसी के बाद पुलिस की तहकीकात में पता चला कि साकार हरि उर्फ भोले बाबा के भक्तों की ग्वालियर जिले में अच्छी खासी संख्या है. बाबा पिछले साल शहर के तिघरा रोड स्थित झंडा का पुरा गांव के हरि बिहार आश्रम और मेला ग्राउंड में सत्संग कर चुका है. फिलहाल आश्रम में ताला लगा हुआ है. 

तिघरा रोड पर बने इस आलीशान आश्रम के मालिक रामअवतार कुशवाह हैं. उन्होंने बाबा के आश्रम से जुड़ी एक समिति के अध्यक्ष राम सेवक सुमन को अपनी प्रॉपर्टी किराए पर दे रखी थी. इसमें बड़े हॉल से लेकर एसी कमरे, स्टेज और पीछे बड़ा मैदान है. 

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आलीशान आश्रम के मालिक कुशवाह ने मीडिया को बताया कि आश्रम को बाबा की समिति से खाली करा लिया गया है. अब किसी प्राइवेट स्कूल संचालक को देने जा रहे हैं ताकि कोई गलत काम की गुंजाइश ही न रहे. 

वहीं, जिस झंडा का पुरा गांव में यह आलीशान आश्रम है, वहां के लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि साकार हरि बाबा के काफिले में उत्तर प्रदेश की दर्जनों गाड़ियां आती थीं. साथ ही बाबा की खुद की वर्दीधारी 'फौज' भी संग आती थी. हरदम बाबा पहरे में रहता था.                

गांव की महिलाओं ने दावा किया कि 2023 के बाद से बाबा को देखा नहीं गया है. लेकिन बाबा जब भी आश्रम में आते थे तो उनके साथ यूपी से ही तमाम महिलाएं साथ आती थीं. अधिकांश तौर पर बाबा के सत्संग में महिलाएं ही दिखती थीं. जब भी स्थानीय महिला साकार हरि के दर्शन या चरण छूने जाती तो सेवादार महिलाएं ही उन्हें घेरे हुई मिलती थीं. 

एसडीओपी निरंजन शर्मा ने बताया कि थाना प्रभारी तिघरा की तस्दीक में पता चला है कि बाबा साकार हरि उर्फ भोले बाबा करीब तीन-चार साल से रामअवतार कुशवाह के मकान (आश्रम) में निवास और सत्संग करते थे. 2 महीने पहले ही अपने सेवादरों के साथ बाबा आश्रम छोड़कर चले गए. उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जाने की कहकर बाबा ग्वालियर से रवाना हुए थे. फिलहाल मौजूदा समय में आश्रम में कोई भी निवास नहीं कर रहा है. 

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बता दें कि हाथरस जिले के फुलरई गांव में मंगलवार को नारायण साकार विश्व हरि के नाम से प्रसिद्ध भोले बाबा के कार्यक्रम में लाखों श्रद्धालु जुटे थे. इस दौरान मची भगदड़ में 121 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी. 

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