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दुनिया की पहली व्हाइट टाइगर सफारी में की सफेद बाघिन 'विंध्या' ने तोड़ा दम, एक साल से थी बीमार

दुनिया की पहली व्हाइट टाइगर सफारी (First White Tiger Safari) की पहली सफेद बाघिन ने दम तोड़ दिया है. सफेद बाघिन 'विंध्या' बीते एक साल से बीमार चल रही थी. उसे किडनी इन्फेक्शन बताया गया था. बाघिन की मौत के बाद पूरे सम्मान के साथ उसका अंतिम संस्कार किया गया. यह बाघिन महाराजा मार्तंड सिंह जूदेव व्हाइट टाइगर सफारी में भोपाल से लाई गई थी.

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सफेद बाघिन 'विंध्या' ने तोड़ा दम. (File Photo)
सफेद बाघिन 'विंध्या' ने तोड़ा दम. (File Photo)

मध्य प्रदेश के सतना के मुकुंदपुर में स्थित दुनिया के इकलौते महाराजा मार्तंड सिंह जूदेव व्हाइट टाइगर सफारी की पहली सफेद बाघिन 'विंध्या' (First white tigress Vindhya) नहीं रही. उम्रदराज हो चुकी 'विंध्या' की मौत मंगलवार को हो गई. इस बाघिन की उम्र 15 साल 8 माह थी. बीते एक साल से विंध्या किडनी इन्फेक्शन से जूझ रही थी.

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बाघिन विंध्या की मौत की खबर लगते ही सांसद गणेश सिंह, राज्यमंत्री रामखेलावन पटेल, पूर्व मंत्री और रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ला समेत तमाम जनप्रतिनिधि मुकुंदपुर पहुंच गए. प्रोटोकॉल के साथ विंध्या का अंतिम संस्कार किया गया. व्हाइट टाइगर सफारी आने वाले पर्यटकों के लिए विंध्या मुख्य आकर्षण का केंद्र रहती थी.

गौरतलब है कि 3 अप्रैल 2016 को मुकुंदपुर में व्हाइट टाइगर सफारी एंड जू की स्थापना की गई थी. तब 'विंध्या' नाम की बाघिन को लाने के साथ ही जिले में व्हाइट टाइगर की वापसी हुई थी. विंध्या और राधा की मौत के बाद फिलहाल इस सफारी में 5 और व्हाइट टाइगर शेष हैं.

दुनिया की पहली व्हाइट टाइगर सफारी में की सफेद बाघिन 'विंध्या' ने तोड़ा दम
पूरे सम्मान के साथ बाघिन का किया गया अंतिम संस्कार.

रीवा डिवीजन के चीफ कंजरेटिव ऑफ फारेस्ट (CCF) राजेश राय ने बताया कि महाराजा मार्तंड सिंह जूदेव के नाम से जो व्हाइट टाइगर सफारी मुकुंदपुर में बना है, इसमें विंध्या जो पहली सफेद बाघिन थी, उसको हम वन विहार भोपाल से लेकर आए थे. पिछले वह ओल्ड एज हो गई थी. उसकी उम्र 15 साल 8 महीना थी. बाघिन का पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.

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सीसीएफ बोले- बाघिन को डेढ़ महीने से थी इंटर्नल प्रॉब्लम

CCF राजेश राय ने बताया कि बाघिन बिंध्या ने सुबह 3 बजकर 58 मिनट पर दम तोड़ दिया. पिछले एक साल से कुछ आर्थराइटिस का प्रॉब्लम था. हमारी मेडिकल टीम ने उसे अच्छी कंडीशन में रखा. डेढ़ महीने से उसे इंटर्नल प्रॉब्लम थी, जो बाहर से डायग्नोस नहीं हो रहे थे. फोरेंसिक साइंस का जबलपुर में हमारा एक सेक्टर है, उन लोगों की टीम पिछले डेढ़ महीने में 3 बार आई थी. उसमें जो डायग्नोसिस हुआ था, उसमें किडनी की समस्या थी. पिछले एक हफ्ते से उसने खाना छोड़ दिया था.

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