मध्य प्रदेश में छापेमार कार्रवाई के करीब 40 दिन बाद सौरभ शर्मा समेत उसके सहयोगी चेतन सिंह गौड़ को हिरासत में ले लिया है. दोनों से लोकायुक्त पुलिस कार्यालय में पूछताछ जारी है. भोपाल के मेंडोरी के जंगल में लावारिस खड़ी चेतन की गाड़ी से ही इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को 52 किलो सोना और 10 करोड़ कैश मिला था.
लोकायुक्त पुलिस सौरभ शर्मा के सहयोगी शरद जायसवाल को भी लोकायुक्त कार्यालय लेकर पहुंची है. ED शरद के घर पर भी सर्चिंग कर चुकी है. सौरभ के साथ दोनों सहयोगी चेतन और शरद अब लोकायुक्त पुलिस की गिरफ्त में है.
लोकायुक्त पुलिस की हिरासत में आए शरद ने कहा, ''समन की तालीमी के लिए मैं आया हूं. लोकायुक्त ने मुझे बुलाया है. मैं उसी के लिए आया हूं. मैं तो हमेशा जांच में सहयोग कर रहा था. मेरे घुटनों में प्रॉब्लम थी, इसलिए आज आया हूं. मुझे तारीख दी थी, उसमें ही आया हूं. मैं कंपनी में डायरेक्टर था, जिसमें चेतन भी मेरे साथ डायरेक्टर थे. कंपनी का पूरा हिसाब-किताब है, वो वाइट (सफेद) में है. इसके अलावा कुछ भी नहीं है. मेरा संबंध अविरल कंपनी से है. उसकी जानकारी दूंगा. मेरे घर पर भी रेड हुई. लेकिन उसमे कुछ मिला नहीं था.''
उधर, सौरभ शर्मा के सरेंडर और गिरफ्तारी को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने फिर सवाल दागे हैं. कांग्रेस नेता अरुण यादव ने सौरभ शर्मा के मामले में सरकार से तीसरी बार सवाल पूछे हैं.
यादव ने 'X' पर लिखा, सौरभ शर्मा के राज से किन-किन पर गिरेगी गाज? जब सौरभ शर्मा के मामले में लुक आउट नोटिस जारी था तो फिर जांच एजेंसियों को उसके देश एवं प्रदेश में आने का क्यों पता नहीं लगा? एजेंसियां ने जांच की है या सभी जांच एजेंसियां सौरभ शर्मा को बचाने में लगी हैं?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता यादव ने पूछा, सौरभ शर्मा 24 घण्टे तक भोपाल में कहां रुका, जांच एजेंसियां पूरी रात क्यों सोई रहीं? क्या यह भी सच है कि इन 24 घण्टों में उसे संरक्षण दिलाने की सारी व्यवस्थाएं मौजूदा मंत्रिमंडल के किसी सदस्य ने की थी? क्या सौरभ शर्मा से होने वाली पूछताछ की वीडियो रिकॉर्डिंग सार्वजनिक होगी?