Mahashivratri 2023: मध्यप्रदेश के सीहोर में एक शिवलिंग में एक हजार शिवलिंग समाहित हैं. जिसे सहस्त्रलिंगम के नाम से जाना जाता है. इस प्रकार के शिवलिंग पूरे देश में मात्र तीन ही हैं. यह अद्भुत शिवलिंग मंदिर के पास ही मौजूद सीवन नदी में अंग्रेजों के समय खुदाई के दौरान मिला था. इस मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी आस्था है. जहां श्रद्धालु की हर मनोकामना पूर्ण होती है.
शहर के बढियाखेड़ी स्थित यह सबसे पुराने शिवालय में सहस्त्रलिंगम की पूजा होती है. इस एक शिवलिंग में एक हजार शिवलिंग समाहित हैं. शहर में यह सबसे पुराना शिवालय है. इस मंदिर की ख्याति पूरे देश में है और देशभर से श्रद्धालु यहां पर आते रहे हैं. यहां श्रद्धालुओं की हर मनोकामना पूरी होती है.
जिले के अति प्रचीन आस्था के केंद्र सहस्त्रलिंग की आराधना और दर्शन करने के लिए दूर-दूर से भगवान शिव के भक्त आते हैं. इस मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी आस्था बनी हुई है. जहां श्रद्धालु की हर मनोकामना पूर्ण होती है. देखें Video:-
200 साल पुरानी प्रतिमा
बताया गया है कि अंग्रेजों के समय पास में ही सीवन नदी में खुदाई के दौरान यह शिवलिंग प्रतिमा मिली थी. सहस्त्रलिंग शिवलिंग करीब 200 वर्षों से अधिक पुराना है. शिवरात्रि, सावन में यहां भक्तों की भारी भीड़ रहती है. दूर-दूर से भक्त दर्शन करने आते हैं.
इनका कहना
मंदिर के पुजारी पंडित सुरेश शर्मा बताते हैं कि एक शिवलिंग में एक हजार शिवलिंग हैं. दो सौ वर्ष से अधिक पुराना यह मंदिर है. अंग्रेजों के समय नदी में खुदाई के दौरान शिवलिंग प्रतिमा मिला थी. यहां हर मनोकामना पूर्ण होती है.