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आमतौर पर किन्नरों को समाज में समुचित सम्मान नहीं मिलता और उन्हें सदैव तिरस्कृत और हेय दृष्टि से देखा जाता है. उन्हें समाज में वैसा हक, अधिकार और सम्मान नहीं मिलता, जो एक सामान्य स्त्री या पुरुष को मिलता है. लेकिन मध्यप्रदेश के श्योपुर में एक किन्नर ने समाज को आईना दिखाते हुए ऐसी मिसाल पेश की, जिसकी चारों ओर प्रशंसा हो रही है. दरअसल,यहां एक किन्नर ने गरीब की बेटी की धूमधाम से शादी करवाई. यही नहीं, शादी में उन्होंने लाखों रुपये भी खर्च किए.
श्योपुर शहर के फक्कड़ चौराहा के पास स्थित किन्नर गुरु कोमल के आश्रम में रामकथा आयोजित की गई. इसमें राम-सीता के विवाह प्रसंग को एक गरीब की बेटी का विवाह करवाकर सम्पन्न किया गया. इस विवाह में दुल्हन के माता-पिता का फर्ज किन्नर कोमल ने निभाया.
धार्मिक और सामाजिक कार्यों को लेकर हमेशा आगे रहने वाली कोमल किन्नर ने इसी जगह 22 जनवरी को अयोध्या के साथ ही अपने राममंदिर में भगवान राम की प्राणप्रतिष्ठा करा संगीतमय रामकथा आयोजित करवाई थी. इसी बीच, एक गरीब की बेटी के पीले हाथ कर दिए.
सजी-धजी पीली साड़ी पहने नजर आई किन्नर कोमल के घर नागदा गांव के निवासी दूल्हे पुष्प चंद सुमन की बारात आई. फिर मलपुरा गांव निवासी पप्पू की बेटी कृष्णा के विवाह की रस्में निभाई गईं. बारातियों के स्वागत सत्कार के बाद रामकथा में दूल्हा दुल्हन के सात फेरे कराए गए.
किन्नर कोमल ने अपनी मुंहबोली बेटी कृष्णा की शादी में बतौर दहेज जेवरात, बर्तन से लेकर एक बाइक भी दी और रीति रिवाज से विदाई कार्यक्रम भी संपन्न हुआ. इस विवाह में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल थे. वे किन्नर कोमल के नेक कार्य की तारीफ करते नहीं थक रहे.
गरीब की बेटी का कन्यादान करने वाली किन्नर कोमल का कहना है, ''मैं सनातन धर्म को मानने वाली हूं. मैंने आश्रम पर बनवाए हैं. राममंदिर में अयोध्या के साथ ही राम भगवान की 22 जनवरी को प्राणप्रतिष्ठा कराई. इसी दिन से यहां रामकथा भी शुरू हुई थी. इसी कथा में मैंने सीता के रूप में कन्यादान किया है. अब तक 22 से ज्यादा गरीब कन्याओं का विवाह करा चुकी हूं.''
आर्थिक रूप से कमजोर दुल्हन के पिता पप्पू सुमन का कहना है, ''कोमल दीदी एक बार हमारे घर आईं तो वो मेरी बेटी को देख प्रसन्न हुईं और कहा कि इसकी शादी मैं करूंगी. मेरी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. मेरी बेटी का विवाह धूमधाम से हुआ. मैं बहुत खुश हूं.''