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'जिसने गलती की है उसे सजा मिल गई' सीधी पेशाब कांड के पीड़ित दशमत रावत का बयान

सीधी पेशाब कांड को लेकर शिवराज सरकार की किरकिरी हो रही है. इस मामले में सरकार ने डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश भी की है. वहीं, पीड़ित दशमत रावत ने आरोपी प्रवेश शुक्ला छोड़ देने की गुजारिश की है. फिलहाल आरोपी को रीवा जेल में रखा गया है.

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सीधी पेशाब कांड पीड़ित का बयान आया सामने.
सीधी पेशाब कांड पीड़ित का बयान आया सामने.

सीधी पेशाब कांड के पीड़ित दशमत रावत का बयान सामने आया है. उसने घटना को लेकर अपना पक्ष रखा है. दशमत का कहना है कि घटना साल 2020 की है. वह दुकान के बाहर बैठा हुआ था. तभी आरोपी प्रवेश शुक्ला सिगरेट पीते हुए उसके पास आया था. फिर उसने मेरे ऊपर पेशाब कर दी थी. घटना के वक्त मैं उसका चेहरा नहीं देख पाया था. 

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दशमत ने आगे कहा है कि हाल ही में वीडियो वायरल हुआ. तब मुझे पता इसके बारे में पता लगा था. मैंने तो पुलिस में केस भी दर्ज नहीं कराया था. मुझे थाने बुलाकर पुलिस ने वीडियो के बारे में बताया था. इसलिए मैं बोल रहा था कि मुझे नहीं पता था पेशाब करने वाला व्यक्ति प्रवेश शुक्ला था. 

दशमत का कहना है कि 4-5 जुलाई की रात 12 बजे उसे सीधी कलेक्टर के ऑफिस ले आए. इसके बाद कलेक्टर साहब ने कहा कि तुम्हें मुख्यमंत्री जी ने भोपाल बुलाया है. मैंने भोपाल जाने से पहले घरवालों से मिलना चाहा, लेकिन वहां पर भीड़ ज्यादा होने के कारण ऐसा नहीं हो सका. 

जिसने गलती की है उसे सजा मिल गई : दशमत

वहीं, दशमत से सवाल किया गया कि उसके साथ जो घटना घटी है उसमें गवाही देंगे. इस सवाल के जबाव में दशमत ने कहा कि अब क्या गवाही देंगे, जिसने गलती की है उसे सजा मिल गई वहीं, सरकार की ओर मिली आर्थिक सहायता को लेकर दशमत का कहना है कि उसे दो चेक मिले हैं. एक चेक साढ़े 6 लाख रुपए का है और दूसरा डेढ़ लाख रुपए का है.

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वायरल वीडियो

धोखे से स्टाम्प पेपर पर दस्तखत कराएः दशमत

वहीं, दशमत का कहना है कि वह ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं है. जो स्टाम्प पेपर सामने आया है उस पर हमारा धोखे से दस्तखत कराया गया है. दरअसल, पीड़ित दशमत रावत का एक शपथ पत्र भी सामने आया है, जिसमें पीड़ित ने कहा है कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो झूठा और फर्जी है. प्रवेश शुक्ला ने उसके साथ ऐसा कोई कृत्य नहीं किया है.

पेशाबकांड में अब तक क्या-क्या हुआ ?

दरअसल, जिले के बहरी थाना क्षेत्र के करौंदी गांव के रहने वाले 36 साल के दशमत रावत के ऊपर गांव का ही प्रवेश शुक्ला नाम का युवक द्वारा पेशाब किए जाने का वीडियो वायरल हुआ था. इसके बाद से एमपी में जमकर हंगामा मचा हुआ है. दशमत को बहरी थाने लाया गया था और प्रवेश शुक्ला की पहचान होते ही उस पर एनएसए सहित विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया था. 5 जुलाई की देर रात आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया था. 

देखें वीडियो...

आरोपी प्रवेश शुक्ला पर लगा NSA, ढहाया गया घर

पेशाबकांड के आरोपी प्रवेश शुक्ला के खिलाफ धारा 294, 506 भारतीय दंड विधान 71 एससी-एसटी एक्ट के साथ ही एनएसए की कार्रवाई भी की गई है. 5 जुलाई को ही उसके घर पर बुलडोजर चलाया गया था. उसके घर का कुछ हिस्सा गिरा दिया गया था. बुलडोजर देखकर घर में मौजूद कुछ महिलाएं बेहोश हो गईं थीं. फिलहाल आरोपी प्रवेश शुक्ला को रीवा जेल में रखा गया है.

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आरोपी प्रवेश शुक्ला.
आरोपी प्रवेश शुक्ला.

 

सीएम शिवराज ने धोए थे दशमत के पैर

6 जुलाई को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने पीड़ित आदिवासी दशमत रावत से सीएम आवास (भोपाल) पर मुलाकात की थी. यहां शिवराज ने दशमत के पैर पखारे थे, टीका किया था और शॉल ओढ़ाकर सम्मानित भी किया था. सीएम शिवराज ने पीड़ित को गणेशजी की प्रतिमा भी भेंट की थी. साथ ही श्रीफल और वस्त्र भी दिए थे. 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीधी की घटना के पीड़ित का सम्मान किया है.

सीएम शिवराज ने जताया था दुख

CM ने पीड़ित से पूछा था कि घर में कोई परेशानी तो नहीं है. कुछ भी हो तो मुझे बताना. शिवराज ने पूछा था कि क्या काम करते हैं? पीड़ित ने बताया कि वो कुबेरी की मंडी में पल्लेदारी का काम करता है. सीएम ने पूछा कि बच्चे पढ़ाई करते हैं? उनको छात्रवृत्ति मिलती है या नहीं? पीड़ित ने बताया कि बच्चे को वजीफा मिलता है. शिवराज ने कहा कि मुझे बेहद दुख हुआ है वो घटना को देखकर, इसलिए मैं माफी चाहता हूं. मेरा कर्त्तव्य है और मेरे लिए तो जनता ही भगवान है. शिवराज ने दशमत को सीएम आवास में नाश्ता करवाया था. 

'गांव के पंडित हैं, इसलिए छोड़ दें'

सीधी में पेशाब कांड के पीड़ित दशमत रावत ने आरोपी प्रवेश शुक्ला को छोड़ने की गुहार लगाई है. पीड़ित ने कहा, ‘इससे आगे हम नहीं चाहते हैं. हमारी मांग यही है जो गलती हो गई वो गई, अब उसे छोड़ दिया जाए. प्रवेश शुक्ला को अब छोड़ दिया जाए, जो गलती हो गई वो हो गई, उन्हें अपनी गलती का पछतावा है. उसको वो हमारे गांव के पंडित हैं, इसलिए हमारी मांग है कि उन्हें अब छोड़ दिया जाए. पीड़ित ने कहा कि मुख्यमंत्री ने आर्थिक सहायता सब दे दिया है, लेकिन अब हमारी एक ही मांग है कि प्रवेश शुक्ला को छोड़ दिया जाए.’

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