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'तस्करी का काम ठीक चले, इसलिए मंदिर में दीपक जलाते थे...' छापा पड़ने पर अफसरों से बोली महिला

मध्य प्रदेश के गुना में प्रशासन की टीम ने छापेमारी कर एक राशन माफिया को पकड़ा है. अधिकारियों का कहना है कि माफिया दंपत्ति सरकारी चावल की तस्करी कर रहे थे. उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. पकड़ी गई महिला ने अफसरों से कहा कि गरीबी दूर करने के लिए ये काम कर रहे थे. तस्करी का काम ठीक चले, इसलिए मंदिर में दीपक जलाते थे.

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छापेमारी के दौरान पकड़ा गया सरकारी राशन.
छापेमारी के दौरान पकड़ा गया सरकारी राशन.

मध्य प्रदेश के गुना जिले में राशन माफिया पुलिस के CCTV कैमरे के नीचे खड़े होकर सरकारी चावल की तस्करी कर रहा था. दो वाहनों में सरकारी चावल को लोड किए जाने की सूचना जब कलेक्टर तरुण राठी को मिली तो टीम को छापेमारी के निर्देश दिए. इसके बाद अधिकारियों ने छापा मारकर वाहनों को पकड़ लिया.

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कलेक्टर तरुण राठी के आदेश पर तहसीलदार शुभम जैन ने जब वाहनों को चेक किया तो उसमें सरकारी चावल से भरे हुए बोरे मिले. करीब 35 क्विंटल से ज्यादा चावल वाहनों में लदा था, जिसकी तस्करी की जा रही थी.

सरकारी चावल की तस्करी से जुड़े दंपत्ति से जब अधिकारियों ने पूछताछ की तो उन्होंने कहा कि वे गुना, बजरंगढ़ के लाभार्थियों और राशन दुकान संचालकों से चावल खरीदते हैं. हफ्तेभर में जब चावल इकट्ठा हो जाता है तो उसे बड़े साहूकारों को बेच देते हैं. तस्करी के इस खेल में पुलिस का भी संरक्षण मिला हुआ है. हाल ही में म्याना पुलिस ने वाहन पकड़ा था. पुलिस को 20 हजार रुपये देकर वाहन छुड़ाया था.

छापेमारी के दौरान पकड़ा गया सरकारी राशन.

महिला ने कहा कि गरीबी दूर करने के लिए सरकारी चावल की तस्करी करते हैं. तस्करी सही तरीके से चलती रहे, इसलिए मंदिर में दीपक भी जलाते हैं. वहीं कलेक्टर तरुण राठी ने कहा कि सूचना मिलने पर टीम को रवाना किया था. खाद्य विभाग की टीम ने वाहनों से चावल जब्त किया है. राशन माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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10 रुपये में खरीदकर 25 रुपये में बेचा जाता है सरकारी चावल

दरअसल, गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों के लिए सरकार चावल भेजती है. राशन माफिया इसे महज 10-12 रुपये में राशन की दुकानों और हितग्राहियों से खरीद लेते हैं. इसके बाद वे 22-25 रुपये प्रति किलो की दर पर बड़े माफियाओं को बेच देते हैं. सरकारी चावल और गेहूं की तस्करी के इस खेल में बड़े-बड़े माफिया सक्रिय हैं.

हालांकि सरकारी राशन की तस्करी करने वाले इस रैकेट को तोड़ने के लिए प्रशासन समय-समय पर कार्रवाई भी करता है, लेकिन राशन माफिया का रैकेट काफी फैल चुका है. लोगों का कहना है कि गुना से खरीदा गया सरकारी चावल शिवपुरी जिले के बदरवास में सप्लाई होता है. इसकी तस्करी उत्त्तर प्रदेश तक होती है.

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