State of the States Madhya Pradesh: इंडिया टुडे स्टेट ऑफ स्टेट्स के ऐडिंग वैल्यू टू एग्रीकल्चर सेशन में मध्य प्रदेश के कृषि विकास और किसान कल्याण विभाग के एडिशनल सेक्रेटरी अजीत केसरी, ग्रीन एंड ग्रेंस के संस्थापक प्रतीक शर्मा, आईटीसी की एग्री बिजनेस डिवीजन के निदेशक सचिन शर्मा, फ्रेश-ओ-वेज के संस्थापक रूद्र प्रताप सिंह चौहान ने शिरकत की. इस दौरान कृषि और किसानों से जुड़ी समस्याओं पर बात हुई तो इनके समाधान को लेकर योजनाओं के संबंध में भी चर्चा हुई.
किसानों के कल्याण, उनके जीवन स्तर में सुधार और उत्पादन बढ़ाने को लेकर सरकार की योजनाओं पर एडिशनल चीफ सेक्रेटरी अजीत केसरी ने विस्तार से चर्चा की. उन्होंने ये भी बताया कि किसानों के कल्याण के लिए सरकार क्या कर रही है. अजीत केसरी ने कहा कि मध्य प्रदेश ने गेहूं के उत्पादन में पंजाब और हरियाणा को भी पीछे छोड़ दिया है. मध्य प्रदेश में उत्पादन बढ़ा है तो चुनौतियां भी बढ़ी हैं. हमारा फोकस वी-10 पैडी राज्यों पर है.
उन्होंने कहा कि कृषि में मशीनों का उपयोग और इसके लिए किसानों को प्रोत्साहित करने की जरूरत होती है. हमने मशीनों के उपयोग को बढ़ावा दिया. किसानों के जीवन को आसान बनाया. अजीत केसरी ने कहा कि हमने अधिक और बेहतर बीज के पुराने ट्रेडिशन को भी बरकरार रखा. हम वो भी कर रहे हैं और नए तरीके भी अपना रहे हैं. किस तरह से किसान की कॉस्ट कम होगी.
मध्य प्रदेश में बढ़ा है उत्पादन
अजीत केसरी ने ड्रोन को लेकर भी चर्चा की और कहा कि हम इको सिस्टम में बदलाव की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि एमएसपी की वजह से देश में अनाज की कीमत अन्य देशों की तुलना में अधिक है. मध्य प्रदेश में उत्पादन बढ़ा है. आज हमारे यहां आठ तरह के गेहूं का उत्पादन हो रहा है. गेहूं को ए, बी और सी ग्रेड में डिवाइड करने की जरूरत है. इससे किसानों को अधिक कीमत मिल सकेगी.
कृषि विभाग के एडिशनल सेक्रेटरी ने कहा कि हमारे यहां प्रोटीन वगैरह को लेकर कोई मानक नहीं है. हम ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन की दिशा में भी काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश ऐसा पहला राज्य है जो किसानों को ई-रूपी वाउचर एडवांस दे रहा है. किसान कल्याण की योजनाओं में पारदर्शिता को लेकर भी कई कदम उठाए गए हैं. कृषि विभाग के अधिकारी ने कहा कि हमें भविष्य में इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार करने की जरूरत है.
सरकार का समर्थन जरूरी
मध्य प्रदेश के किसानों को किस तरह अपने उत्पाद की अच्छी कीमत मिलेगी, इससे जुड़े सवाल पर फ्रेश-ओ-वेज के संस्थापक रूद्र प्रताप सिंह चौहान ने पुराने वाकयों की चर्चा की और कहा कि अब इको सिस्टम सही दिशा में है. ग्रीन एंड ग्रेंस के संस्थापक प्रतीक शर्मा ने किस तरह किसानों को उनकी उपज का अधिक मूल्य दिलाया जाए, इसे लेकर कहा कि सरकार का समर्थन जरूरी है जिससे मॉडल का विकास हो. ऑर्गेनिक के लिए स्किल डेवलप हो.
उन्होंने कहा कि हमारे पास सरकार का समर्थन उपलब्ध है, वैज्ञानिक हैं. इसे मॉडल के रूप में डेवलप करना होगा. सचिन शर्मा ने कृषि क्षेत्र में तकनीकी के उपयोग पर जोर देते हुए कहा कि कृषि का अमृत काल की बात हो रही है. चुनौतियां भी अधिक हैं. क्लाइमेट चेंज और अधिक बारिश समेत कई चुनौतियों से तकनीकी की सहायता से निपटने की जरूरत है.