
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में अब किसान पराली नहीं जला पाएंगे. भोपाल में अगले तीन महीने तक पराली जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया. अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) सिद्धार्थ जैन ने बुधवार को यह आदेश जारी किया. सिद्धार्थ ने सभी एसडीएम को पराली जलाने पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए. यह आदेश 5 मई 2025 तक लागू रहेगा.
पराली जलाने पर प्रतिबंध के आदेश में क्या?
भोपाल में गेहूं की फसल की कटाई होने वाली है. अगली फसल के लिए खेत तैयार करने के लिए बड़ी संख्या में किसानों द्वारा अपनी सुविधा के लिए खेत में आग लगाकर गेंहू के डंठलों को नष्ट कर खेत साफ किया जाता है, जिससे व्यापक अग्नि दुर्घटनायें भी होकर जन धन की हानि होती है. जिससे प्राकृतिक वनस्पति, जीव-जन्तु नष्ट हो जाते हैं.
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खेत की मिट्टी में प्राकृतिक रूप से पाये जाने वाले लाभकारी सूक्ष्य जीवाणु पराली जलाने से नष्ट हो जाते हैं. जिससे खेत की उर्वरा शक्ति घट जाती और उत्पादन प्रभावित हो सकता है. आदेश का उल्लंघन करने पर थाने में एफआईआर दर्ज की जाएगी.
खेत में पड़ा कचरा, भूसा, डंठल सड़ने के बाद भूमि को प्राकृतिक रूप से उपजाऊ बनाते हैं, इन्हें जलाकर नष्ट करना ऊर्जा को नष्ट करना है. आग लगाने से हानिकारक गैसों का उत्सर्जन होता है, जिससे पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है.
बता दें कि भोपाल में बड़े पैमाने पर पराली जलाई जाती है. जिसकी वजह से कई बार आग रिहायशी इलाकों में पहुंच जाती है. इससे पहले भी भोपाल में ऐसे प्रतिबंध लग चुके हैं. तीन महीने पहले भी कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश का पालन करते हुए पराली जलाने पर रोक लगाई थी. जो कि अब तक लागू है.