मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती अचानक सीहोर के प्राचीन गणेश मंदिर पहुंची. वहां मंदिर में उन्होंने विधि विधान से पूजा अर्चना की और प्रदेश की खुशहाली समृद्धि की कामना की. इस दौरान उमा भारती ने महिला आरक्षण बिल को लेकर मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि यह विधेयक 1996 में देवगोड़ा जी ने पेश किया था तब भी हमने इसका बहुत स्वागत किया था. लेकिन फिर स्टैंडिंग कमेटी को चला गया था. उस दौरान स्टैंडिग कमेटी को गया वो संशोधन मैने ही पेश किया था.
उमा भारती ने कहा कि वही संशोधन मैंने प्रधानमंत्री को पत्र के माध्यम से भेजा है. उमा भारती ने आगे कहा कि मैंने जिस संशोधन की मांग उसे समय देवगौड़ा जी से 1996 में की थी वही अब है. उन्होंने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि प्रधानमंत्री इस बिल को उस संशोधन के साथ पारित कराएंगे. वे बोलीं कि मैं संशोधन की चर्चा इसलिए अभी नहीं कर सकती क्योंकि प्रधानमंत्री को सुबह ही पत्र लिखा है. हमारी अपनी पार्टी की सरकार है, वह संसाधन आज ही जाता है तो मुझे अलग से चर्चा करने की जरूरत नहीं होगी.
नई संसद पर दिया बयान
वहीं नए संसद भवन को लेकर MP की पूर्व सीएम ने कहा कि पुराने संसद भवन में जब बाहर के अतिथि आते थे, तो हम बहुत शर्मिंदा होते थे. ऐसे में आज से नए भवन में संसद की शुरुआत होना सौभाग्य का दिन है. नए संसद भवन को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा कि आज बहुत ही सौभाग्य का दिन है. पुराने संसद भवन की हालत बहुत खराब थी. उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने बहुत कम समय में इसको पूरा करवा लिया है यह बहुत अच्छी बात है. इसलिए आज देशवासियों का बहुत-बहुत अभिनंदन करती हूं.
जन आक्रोश यात्रा पर बोला हमला
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कांग्रेस की जन आक्रोश यात्रा को लेकर भी हमला बोलते हुए कहा कि जनआक्रोश यात्रा की क्या जरूरत थी? जनता में आक्रोश होगा तो वोट में दिखाई दे जाएगा. मुझे तो यह डर लग रहा है कि यात्रा पर ही आक्रोश न टूट पड़े.
सनातन धर्म को लेकर बोलीं उमा भारती
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने सनातन धर्म को लेकर कहा कि इसको राजनीतिक मंच से बिलकुल डिस्कस नही किया जाए. यह राजनेताओं का विषय नहीं है. यह विद्वानों, संतों, महापुरुषों का विषय है. वही इसको आपस में तय करेंगे. तमिलनाडु के डीएमके नेताओं पर कहा कि वह तो हमेशा से तिलक काटते रहे. उस विषय को सार्वजनिक तौर पर राजनीतिक मंच पर लाना यह सनातन धर्म के लिए उचित नहीं है. मैं सभी पार्टियों से आग्रह करूंगी आप तो रोटी कपड़ा और मकान की बहस कीजिए. सनातन धर्म की बहस विद्वानों पर छोड़ दीजिए.