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'पवन' और 'वीरा' की जोड़ी ने लांघी Kuno नेशनल पार्क की सीमा, 24 घंटे निगरानी में जुटी टीम

Kuno National Park: नर चीता पवन 5 दिन पहले रविवार को कूनो से निकलकर मुरैना जिले के पहाड़गढ़ के जंगल में पहुंच गया था, इसके बाद पिछले मंगलवार को मादा चीता वीरा भी निकलकर मुरैना जिले के जंगल में पहुंच गई. हालांकि पवन तो वापस लौटकर श्योपुर जिले की सीमा में आ गया है और बुधवार देर शाम को उसकी लोकेशन अगरा क्षेत्र के जंगल में पाई गई.

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चीता पवन और वीरा. (फाइल फोटो)
चीता पवन और वीरा. (फाइल फोटो)

MP News: श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क के खुले जंगल में पिछले साढ़े तीन माह से रह रहे नर चीता पवन और मादा चीता वीरा अब पार्क की सीमा लांघकर बाहर के जंगल में निकल गए हैं. यही नहीं, मादा चीता वीरा तो 2 दिन से श्योपुर-मुरैना बॉर्डर क्षेत्र में पहाड़गढ़ के जंगल में हैं. वहीं, नर चीता पवन श्योपुर जिले की सीमा में ही अगरा क्षेत्र के जंगल में भ्रमण कर रहा है. हालांकि, दोनों चीतों के पीछे कूनो की ट्रेकिंग टीमें लगी हुई हैं और दिन- रात निगरानी में जुटी हैं, लेकिन पार्क की हद से बाहर निकलने के कारण कूनो प्रबंधन की चिंताएं भी बढ़ी हुई हैं, क्योंकि इससे पहले भी कई बार चीते कूनो की सीमाएं लांघ चुके हैं.

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कूनो नेशनल पार्क के सूत्रों ने बताया, नर चीता पवन 5 दिन पहले रविवार को कूनो से निकलकर मुरैना जिले के पहाड़गढ़ के जंगल में पहुंच गया था, इसके बाद पिछले मंगलवार को मादा चीता वीरा भी निकलकर मुरैना जिले के जंगल में पहुंच गई. हालांकि पवन तो वापस लौटकर श्योपुर जिले की सीमा में आ गया है और बुधवार देर शाम को उसकी लोकेशन अगरा क्षेत्र के जंगल में पाई गई. वहीं, मादा वीरा बुधवार की शाम तक पहाड़गढ़ के जंगल में ही ट्रेस की गई. 

कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ थिरुकुराल आर ने aajtak को फोन कॉल पर बताया कि दोनों चीता कूनो पार्क की सीमा से बाहर हैं, लेकिन इनमें एक चीता श्योपुर जिले की सीमा में ही है, जबकि एक चीता मुरैना जिले की सीमा में पहाड़गढ़ के जंगल में हैं. हमारी टीम  लगातार मॉनिटरिंग कर रही है और फिलहाल चीतों को ट्रैंक्युलाइज करने की जरूरत नहीं है.

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यहां बता दें कि कूनो नेशनल पार्क में वर्तमान में केवल 2 ही चीते खुले जंगल में हैं. ये नर चीता पवन (नामीबियाई नाम ओबान) और मादा चीता वीरा (दक्षिणी अफ्रीकी नाम तस्वालू उपवयस्क मादा) हैं. इन्हें 19 दिसंबर 2023 को कूनो के अगरा क्षेत्र के पीपलबावड़ी पर्यटन जोन में छोड़ा गया था. जिसके बाद से ही बाहर हैं.

पता हो कि कूनो नेशनल पार्क में लाए गए चीतों को खुले जंगल में से राष्ट्रीय उद्यान की सीमाएं लांघकर दूसरे जिलों तक पहुंच रहे हैं. पिछले साल मार्च-अप्रेल में तो नर चीता पवन यूपी के ललितपुर बॉर्डर तक पहुंच गया, वहीं दिसंबर में नर चीता अग्नि मप्र-राजस्थान की सीमा लांघकर बारां जिले में पहुंच गया. अब चीतों का ये जोड़ा मुरैना जिले में पहुंचा है.

अब तक ये चीते लांच चुके है कूनो पार्क की सीमा

-नामीबिया से लाया गया नर चीता पवन साल 2023 के मार्च- अप्रैल माह में तीन बार कूनो की सीमा से बाहर निकला. जिसमें एक बार जिले के विजयपुर के अगरा क्षेत्र में, दूसरी बार शिवपुरी जिले के बैराड़ क्षेत्र में और तीसरी बार शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क को क्रॉस कर यूपी बॉर्डर तक पहुंच गया.

नामीबिया से लाई गई मादा चीता आशा मई 2023 में कूनो की सीमा से बाहर निकली और जिले के सामान्य वनमंडल क्षेत्र तक आ गई. साउथ अफ्रीका का नर चीता अग्नि दिसंबर 2023 में कूनो से बाहर निकला और राजस्थान के बारां जिले में तक पहुंच गया.

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एक नजर फैक्ट फाइल पर 

  • कूनो नेशनल पार्क में अभी 27-कुल चीता हैं.
  • 13 वयस्क चीता और 14 शावक हैं.
  • 11 वयस्क चीते पार्क के बाड़ों में हैं.
  • दो वयस्क चीता ही खुले जंगल में है.
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