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रणथंभौर से निकला बाघ 100 KM दूर कूनो नेशनल पार्क पहुंचा, चीता की सेफ्टी के लिए अलर्ट पर फॉरेस्ट एजेंसियां

खूंखार जानवर की लोकेशन को लेकर लगातार सर्चिंग की जा रही है. वहीं, कूनो पार्क में एक टाइगर के टहलने का वीडियो भी वायरल हो रहा है. हालांकि, इस वीडियो की प्रबंधन पुष्टि नहीं कर रहा है. लेकिन पगमार्क मिलने की बात को स्वीकारते हुए इसे सामान्य घटना बता रहे हैं.

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कूनो पार्क इलाके में दिखा टाइगर. (चीतों का फाइल फोटो)
कूनो पार्क इलाके में दिखा टाइगर. (चीतों का फाइल फोटो)

देश की धरती पर चीतों के इकलौते घर बने मध्यप्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क में इन दिनों चीतो का कुनबा बड़े बाड़े में अपने सामान्य व्यवहार को दर्शा रहा है. चीतों को जल्द ही खुले जंगल में भी छोड़ा जाएगा. लेकिन इसी बीच दो दिन पहले एक खबर सामने आई. जिसमें पड़ोसी राज्य राजस्थान के सवाई माधोपुर स्थित रणथम्भौर नेशनल पार्क का एक टाइगर कूनो के जंगलो में चहल कदमी करता हुआ दिखाई दिया. टाइगर के पगमार्क भी कूनो प्रबंधन के अमले को मिले हैं. खूंखार जानवर की लोकेशन को लेकर लगातार सर्चिंग की जा रही है. वहीं, कूनो पार्क में एक टाइगर के टहलने का वीडियो भी वायरल हो रहा है. हालांकि, इस वीडियो की प्रबंधन पुष्टि नहीं कर रहा है. लेकिन पगमार्क मिलने की बात को स्वीकारते हुए इसे सामान्य घटना बता रहे हैं.

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प्रोजेक्ट चीता के तहत श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में 70 साल पूर्व विलुप्त हो चुके चीतों के पुर्नःस्थापना के लिए नामीबिया और साउथ अफ्रीका से चीते लाकर बसाए गए हैं. ये चीते इन दिनों बड़े बाड़े में रखे गए हैं. कूनो पार्क में चीता प्रोजेक्ट के पहले से ही पिछले कई वर्षों के दौरान राजस्थान के सवाई माधोपुर स्थित रणथम्भौर नेशनल पार्क से टाइगर आते और जाते रहे हैं. लेकिन दो दिन पहले चीतों के बाड़े से करीब 8 किमी दूर जंगलों में कूनो पार्क की टीम ने एक टाइगर की एंट्री के बाद सर्चिंग शुरू की तो वहां पगमार्क भी मिले. 

इसी बीच, सोशल मीडिया पर टाइगर के घूमने का वीडियो भी वायरल हो रहा है और दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो कूनो का ही है. इस वीडियो में जंगल के कच्चे रास्ते पर एक टाइगर सफेद रंग की स्कार्पियो के आगे चलता हुआ नजर आ रहा है, लेकिन वन विभाग इस वीडियो की पुष्टि नहीं कर रहा है. देखें Video:-

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चीतों को कोई खतरा नहीं: डीएफओ

कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ थिरूकुराल आर ने aajtak को फोन कॉल पर बताया कि कूनो पार्क के बड़े बाडे़ से 8 किमी दूर टाइगर के पगमार्क मिले हैं. यहां रणथम्भौर से कई बार टाइगर आकर वापस चले गये हैं. यदि यहां टाइगर भी है तो चीतों की सुरक्षा को लेकर कोई खतरा नहीं हैं. फिर भी हमारी टीम टाइगर की तलाशी में जुटी है.

बाघ की अभी कोई लोकेशन नहीं: सीसीएफ

उल्लेखनीय है कि कूनो नेशनल पार्क में दो दिन पहले एक बाघ के पगमार्क मिले थे. जिसमें माना जा रहा है कि ये बाघ रणथंभौर से आया है, क्योंकि वहां से दो बाघ टी-128 और टी-63 खंडार क्षेत्र से निकलकर दूसरे क्षेत्रों में चले गए हैं. यही वजह है कि कूनो में एक बाघ के पगमार्क मिलने के बाद कूनो की मैदानी टीमें उसकी ट्रैकिंग में लगी हुई हैं. सिंह परियोजना के सीसीएफ उत्तम कुमार शर्मा का कहना है कि बाघ की अभी कोई लोकेशन नहीं है और ट्रेस भी नहीं हुआ है, दो दिन पहले ही पगमार्क मिले थे, उसके बाद उसकी जानकारी नहीं मिली है.

बता दें कि कूनो नेशनल पार्क में इसी साल 11 और 14 जुलाई को 2 चीतों की मौत के बाद सभी चीतों को स्वास्थ्य परीक्षण के लिए वापस क्वारंटीन बाड़ों में शिफ्ट कर दिया था. इसके बाद 17 सितंबर से 30 सितंबर की अवधि में सभी 14 चीतों को बड़े बाड़ों में छोड़ दिया गया. अब इन्हें फिर से खुले जंगल में छोड़ने को लेकर मंथन चल रहा है. कूनो पार्क में वर्तमान में 14 वयस्क और एक शावक चीता मौजूद है. इनमें 7 नर चीते गौरव, शौर्य, वायु, अग्नि, पवन, प्रभाष और पावक शामिल हैं, जबकि 7 मादा चीता में आशा, गामिनी, नाभा, धीरा, ज्वाला, निरवा और वीरा शामिल है.

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