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जंगली सूअर को फंसाने के लिए शिकारियों ने लगाया था जाल, उसमें फंसकर बाघ की हो गई दर्दनाक मौत

मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में स्थित बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (BTR) में एक वयस्क बाघ की करंट वाले जाल में फंसकर मौत हो गई. यह घटना रिजर्व के बफर जोन में हुई, जहां दो शिकारियों ने जंगली सूअरों का शिकार करने के लिए बिजली का फंदा बिछाया था. पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

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जाल में फंसकर बाघ की मौत. (Photo: AI)
जाल में फंसकर बाघ की मौत. (Photo: AI)

मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (Bandhavgarh Tiger Reserve) में एक वयस्क बाघ की जाल में फंसकर दर्दनाक मौत हो गई. शिकारियों ने यह जाल जंगली सूअरों को फंसाने के लिए लगाया था, लेकिन उसमें बाघ फंस गया. घटना के बाद आरोपियों ने बाघ के शव को नदी किनारे दफना दिया. वन विभाग की टीम ने सतर्कता दिखाते हुए पूरे मामले की जांच की और दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.

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एजेंसी के अनुसार, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर अनुपम सहाय ने बताया कि बिजली के जाल में बाघ फंस गया और उसकी मौत हो गई है. इसके बाद आरोपी रामचरण कोल और पंडु कोल ने बाघ के शव को सुखदास गांव के पास भद्र नदी के किनारे दफना दिया. जब इस घटना के बारे में टाइगर रिजर्व की पेट्रोलिंग टीम को जानकारी हुई तो जांच पड़ताल की गई.

यह भी पढ़ें: लखीमपुर खीरी: करंट लगने से बाघ की मौत, घटना के पीछे शिकारियों का हाथ होने की आशंका

जांच टीम को बाघ के शव के सभी अंग सही सलामत मिले, जिससे स्पष्ट हुआ कि शिकारी बाघ को निशाना नहीं बना रहे थे, बल्कि जंगली सूअरों के शिकार के लिए उन्होंने यह जाल लगाया था. बाघ की मौत 3-4 दिन पहले हुई थी. इसकी सूचना मिलने के बाद वन विभाग ने इलाके की तलाशी ली और बाघ का शव बरामद हुआ.

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वन विभाग की टीम ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से गैल्वेनाइज्ड आयरन (GI) वायर और कुल्हाड़ी बरामद की गई है. दोनों के खिलाफ वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है. बाघों के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के दिशानिर्देशों के अनुसार, बाघ के शव का पोस्टमॉर्टम किया जाएगा.

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