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देवास में निकली दिंडी यात्रा.... श्री कृष्ण पालकी निकालने की 115 वर्ष पुरानी राजवंशीय परंपरा

Janmashtami 2023: दिंडी यात्रा के दौरान पूरा शहर कृष्णमय नजर आया. दिंडी यात्रा का जगह-जगह पर भक्तों और शहर के नागरिकों ने भव्य स्वागत किया गया. राजबाड़े के नजदीक मस्जिद के बाहर सीनियर शहर काजी इरफान एहमद अशरफी ने भी दिंडी यात्रा का स्वागत किया.

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विक्रम सिंह पवार ने कंधा देकर दिंडी यात्रा को राजबाड़े से शुरू किया.
विक्रम सिंह पवार ने कंधा देकर दिंडी यात्रा को राजबाड़े से शुरू किया.

Janmashtami 2023: देवास में गुरुवार देर शाम श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर वर्षों प्राचीन राजकीय परम्परागत भव्य श्री कृष्ण पालकी और दिंडी यात्रा देवास स्थित सीनियर राजबाड़े से निकाली गई. यात्रा देवास राज परिवार द्वारा पिछले 115 वर्षों से  निकाली  जा रही है.

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राजवाड़ा स्थित प्राचीन मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद दिंडी यात्रा शुरू हुई. भगवान श्रीकृष्ण को सुसज्जित पालकी में विराजित किया गया. यात्रा में कई लोग पारंपरिक वेशभूषा में नृत्य करते भजन गाते हुए आगे-आगे चल रहे थे. साथ ही श्री कृष्ण को सुसज्जित पालकी में विराजित किया गया. यात्रा की शुरुआत देवास राजघराने के महाराज रहे मप्र शासन के पूर्व मंत्री दिवंगत तुकोजीराव पवार और वर्तमान विधायक गायत्रीराजे पवार के बेटे और देवास रियासत के महाराज विक्रम सिंह पवार ने की. 

इस दौरान राज परिवार के महाराज विक्रमसिंह पवार ने राजबाड़े के बाहर प्राचीन भाले से माखन की मटकी फोड़ी. भव्य दिंडी पालकी यात्रा देर शाम राजबाड़ा से प्रारंभ होकर देर रात मीठा तालाब पहुंची. 

यात्रा के दौरान पूरा शहर कृष्ण मय नजर आया. दिंडी यात्रा का जगह-जगह पर भक्तों द्वारा और शहर के नागरिकों द्वारा भव्य स्वागत किया गया. राजबाड़े के नजदीक मस्जिद के बाहर सीनियर शहर काजी इरफान एहमद अशरफी ने दिंडी यात्रा का स्वागत किया. साथ ही मुस्लिम समाज के लोगों ने भी बड़ी संख्या में भाईचारे और एकता का परिचय देते हुए जगह-जगह स्वागत किया और  कृष्ण पालकी पर पुष्प मालाएं अर्पित की. देखें Video:-

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वहीं, यात्रा में भजन मंडलिया , बेंड , गरबा पार्टियां और परम्परागत वेश भूषा में भक्त कृष्ण  भजनों पर झूम रहे थे. यात्रा के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम दिखाई दिए और कई जनप्रतिनिधि भी इस दौरान यात्रा में शामिल हुए. कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व देवास राजबाड़े के लिए कुछ अलग महत्व रखता है. जहां आठ दिनों तक श्री कृष्ण पूजन और कीर्तन चलते हैं और जन्माष्टमी के दिन भव्य दिंडी यात्रा निकाली जाती है. देखें Video:-

 

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