मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने सरकारी भर्तियों में ट्रांसजेंडर को लेकर बड़ा और अहम फैसला किया है. सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर कहा है कि सरकारी भर्तियों में ट्रांसजेंडर को शामिल कर बराबरी का मौका दिया जाएगा. सरकार के इस आदेश के बाद ट्रांसजेंडर को सरकारी नौकरियों में भर्ती होने का मौका मिलेगा.
जानकारी के अनुसार, मध्य प्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग के उप सचिव गिरीश शर्मा द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि मध्यप्रदेश उभय लिंगी (अधिकारों का संरक्षण) नियम 2021 के तहत राज्य शासन की सीधी भर्ती के पदों में उभयलिंगी व्यक्ति (ट्रांसजेंडर) को शामिल किया जाएगा.
आदेश में कहा गया कि राज्य शासन द्वारा तय किया गया है कि राज्य शासन के दस्तावेजों में जहां भी जेंडर का उपयोग किया जाना है या किसी जेंडर संबंधी जानकारी ली जानी है, वहां पुरुष/ महिला/उभयलिंगी व्यक्ति ( मेल/ फीमेल/ ट्रांसजेंडर) का उपयोग किया जाए. आदेश जारी होने के बाद अब सीधी भर्ती में ट्रांसजेंडर का विकल्प रखना अनिवार्य होगा.
इस आदेश के बारे में सभी विभागों के एससीएस, पीएस, सेक्रेटरी, विभागों के विभागाध्यक्ष, कलेक्टर और सीईओ को सूचना दे दी गई है. इससे पहले सीधी भर्ती का प्रावधान नहीं था.
अभी तक नहीं था सरकारी नौकरियों में भर्ती का अधिकार
अभी तक ट्रांसजेंडर को सरकारी नौकरियों में भर्ती का अधिकार नहीं था, लेकिन मध्य प्रदेश सरकार के इस फैसले के बाद अब उन्हें पुरुष और महिला के बाद तीसरे विकल्प के रूप में उभय लिंगी यानी ट्रांसजेंडर के रूप में भर्ती होने का मौका मिलेगा.
प्रदेश में सरकारी नौकरी पाने वालों में पहली ट्रांसजेंडर संजना सिंह हैं. संजना को सामाजिक न्याय व नि:शक्तजन कल्याण विभाग के डायरेक्टर की निज सचिव नियुक्त किया गया है.
उन्होंने बताया कि 15 साल की उम्र में परिवार छोड़कर ट्रांसजेंडर कम्युनिटी ज्वाइन की, लेकिन अब समाज में मुझे मेरी जगह मिल गई है. आज सफल हूं तो परिवार और समाज सभी साथ हो गए. 36 वर्षीय संजना साल 2008 से एनजीओ से जुड़कर समाजसेवा करने लगीं थीं.