इंदौर में हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहांं पर कलेक्टर कार्यालय में तैनात ट्रेजरी के अकाउंटेंट ने करोड़ों रुपये का हेरफेर कर दिया. उसने अपने और अपनी पत्नी के बैंक खातों में यह पैसा ट्रांसफर किया था. ट्रेजरी के अकाउंटेंट मिलाप चौहान पर कर्मचारियों का वेतन बांटने की भी जिम्मेदारी थी. मामला सामने आने के बाद मिलाप को सस्पेंड कर दिया गया है. उसके खिलाफ जांच कराई जा रही है. जांच पूरी होने के बाद एफआईआर दर्ज होगी.
दरअसल, मिलाप चौहान सहायक ग्रेड 3 के पद तैनात है और वर्तमान में उसकी पोस्टिंग इंदौर कलेक्टर कार्यालय स्थित ट्रेजरी के अकाउंटेंट के तौर पर थी. वह यहां सालों से तैनात है. बीते तीन सालों में उसने प्रशासन की आंख में धूल झोंकते हुए एक करोड़ रुपये का स्कैम किया है. उसने अपने और पत्नी के खाते में यह रकम पहुंचाई.
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ऐसे करता था हेराफेरी
सामने आया है कि साल 2020 से लेकर 2023 करीब तीन साल में उसने एक करोड़ रुपये का घोटाला किया है. कार्यालय में आने वाले बिलों में वह हेराफेरी किया करता था. इस तरह से उसने गलत तरीके से रकम अपने और पत्नी के खाते में पहुंचाई.
शुरुआती जांच में यह रकम एक करोड़ रुपये से ज्यादा पाई गई है. मामला सामने आने के बाद इंदौर कलेक्टर इलैया राजा टी ने मिलाप चौहान को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया.
कराई जा रही जांच, दर्ज होगी एफआईआर - कलेक्टर इलैया राजा टी
मामले में जानकारी देते हुए इंदौर कलेक्टर इलैया राजा टी का कहना है कि ट्रेजरी के अकाउंटेंट ने हेराफेरी की है. मामला सामने आने के बाद उसे सस्पेंड कर दिया है. जांच के लिए एडीएम राजेश राठौड़ के नेतृत्व में एक टीम गठित कर मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. फिलहाल मिलाप चौहान को ही दोषी माना गया है. अब जांच में जिनके भी नाम सामने आएंगे उनके खिलाफ भी सख्त एक्शन लिया जाएगा.