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साउथ अफ्रीका से 12 चीते 18 फरवरी को आएंगे कूनो पार्क, इनमें 7 नर-5 मादा, भाइयों की दो जोड़ियां भी शामिल

मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (KNP) 18 फरवरी को 12 चीते दक्षिण अफ्रीका से लाए जाएंगे. इन चीतों में 7 नर और 5 मादाएं शामिल हैं. भारतीय वायु सेना (IAF) के विमान से लाया जाएगा. दोपहर 12 बजे केएनपी पहुंचने के बाद चीतों को आधे घंटे (12.30 बजे) के बाद क्वारंटीन बोमा (बाड़ों) में रखा जाएगा. केएनपी के निदेशक उत्तम शर्मा ने कहा कि उन्होंने दक्षिण अफ्रीकी चीतों के लिए 10 क्वारंटाइन स्थापित किए गए हैं.

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कूनो नेशनल पार्क में 18 फरवरी को 12 चीते दक्षिण अफ्रीका से लाए जाएंगे (फाइल फोटो)
कूनो नेशनल पार्क में 18 फरवरी को 12 चीते दक्षिण अफ्रीका से लाए जाएंगे (फाइल फोटो)

मध्य प्रदेश का कूनो नेशनल पार्क (KNP) एक बार फिर से गुलजार होने वाला है. 18 फरवरी को KNP में 12 चीते दक्षिण अफ्रीका से लाए जाएंगे. इन चीतों में 7 नर और 5 मादाएं शामिल हैं. भारतीय वायु सेना (IAF) के विमान से लाया जाएगा. 12 चीते एक दिन पहले यानी शुक्रवार की शाम को दक्षिण अफ्रीका से अपनी हज़ारों मील लंबी यात्रा की शुरुआत करेंगे. इससे पहले साल 2022 में नामीबिया से आठ चीते लाए गए थे.

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एजेंसी के मुताबिक भारत के टाइगर रिवाइवल प्रोजेक्ट से जुड़े विशेषज्ञ ने बताया कि दक्षिण अफ्रीकी चीते सबसे पहले शनिवार सुबह मध्य प्रदेश में ग्वालियर पहुंचेंगे. यहां से 30 मिनट बाद उन्हें भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों से लगभग 165 किमी दूर श्योपुर जिले के केएनपी पहुंचाया जाएगा. दोपहर 12 बजे केएनपी पहुंचने के बाद चीतों को आधे घंटे (12.30 बजे) के बाद क्वारंटीन बोमा (बाड़ों) में रखा जाएगा.

केएनपी के निदेशक उत्तम शर्मा ने कहा कि उन्होंने दक्षिण अफ्रीकी चीतों के लिए 10 क्वारंटाइन स्थापित किए गए हैं. उन्होंने कहा कि हमने चीतों के स्वागत के लिए अपनी तैयारी पूरी कर ली है. विशेषज्ञों ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका के एक प्रतिनिधिमंडल ने पिछले साल सितंबर की शुरुआत में KNP का दौरा किया था, ताकि चीतों के आवास के लिए वन्यजीव अभयारण्य में व्यवस्था देखी जा सके.

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चीतों के आगमन को लेकर पिछले महीने ही भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच एक एमओयू साइ किया गया था. वन्यजीव विशेषज्ञ ने कहा कि भारत ने दक्षिण अफ्रीका सरकार को हर चीते के लिए 3,000  अमेरिकी डॉलर का भुगतान किया है. भारत ने पिछले साल अगस्त में इन दक्षिण अफ्रीकी चीतों को एयरलिफ्ट करने की योजना बनाई थी, लेकिन दोनों देशों के बीच औपचारिक ट्रांसलोकेशन समझौते पर हस्ताक्षर करने में देरी के कारण ऐसा नहीं हो सका था.

इन चीतों की शिफ्टिंग के लिए एमओयू साइन होने में देरी होने पर कुछ विशेषज्ञों ने दिसंबर में दक्षिण अफ़्रीकी चीतों के स्वास्थ्य पर चिंता व्यक्त की थी, क्योंकि जो चीते भारत में आने वाले हैं उन्हें 15 जुलाई से अपने देश में क्वारंटाइन किया गया है. उन्होंने कहा कि लंबे समय तक क्वारंटाइन में रहने की वजह से ये चीते अपनी फिटनेस खो देंगे. विशेषज्ञों ने कहा था कि लंबे समय तक क्वारंटाइन में रहना इन चीतों के स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकता है.

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 17 सितंबर को अपने 72वें जन्मदिन पर नामीबिया से केएनपी में आठ चीतों को छोड़ा था. नामीबिया से आने वाले इन 8 चीतों में 5 मादा और तीन नर थे.

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