उज्जैन में 12 साल की नाबालिग लड़की के साथ हुए रेप के मामले में संदिग्ध ऑटो ड्राइवर ने आपबीती बताई. इस मामले में पुलिस ने जिस ऑटो ड्राइवर को हिरासत में लिया था. उसने खुद को पीड़िता का मददगार बताया है और कहा कि बच्ची को मदद देने के लिए उसे अपने ऑटो में बैठाया था. बच्ची उसे हाटकेश्वर और जीवनखेड़ी गांव के बीच में सड़क के किनारे पैदल चलती हुई दिखाई दी थी.
बच्ची के कपड़े फटे हुए थे और खूब रो रही थी. मैंने उसे देखकर ऑटो में बैठाया और आगे छोड़ दिया. उसके कपड़े फटे थे इसलिए मैंने उसे अपनी खाकी शर्ट दे दी थी. मुझे लगा यही आसपास की रहने वाली होगी तो चली जाएगी. वह घबराई हुई थी और कुछ बोल भी नहीं पा रही थी. इशारे से बताने की कोशिश कर रही थी कि उसके साथ कुछ गलत हुआ है. अब मुझे बहुत पछ्तावा हो रहा है कि उस समय मैंने पुलिस को सूचना नहीं दी.
संदिग्ध ऑटो ड्राइवर राकेश कुमार मालवीय शहर में ही अपनी बुआ के साथ रहता है. उसकी पत्नी की मौत हो चुकी है. उसकी एक 8 साल की बेटी है, जो नाना नानी के पास रहती है. राकेश मालवीय को पुलिस के द्वारा घटना के दूसरे दिन यानी 26 सितंबर की शाम उसे 7 बजे पुलिस ने हिरासत में लिया था. पुलिस ने राकेश मालवीय के खिलाफ धारा 176 के तहत कार्रवाई की थी. बता दें, उज्जैन में हुए शर्मनाक और जघन्य बलात्कार कांड ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था.
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पीड़ित बच्ची को गोद लेंगे इंस्पेक्टर :
शहर के महाकाल थाने के टीआई अजय वर्मा ने पीड़ित बच्ची को गोद लेकर उसकी पढ़ाई-लिखाई का खर्च वहन करने की बात कही है. इंस्पेक्टर अजय वर्मा ने अपनी दरियादिली दिखाती हुए रेप पीड़िता को गोद लेने की बात कही है. उन्होंने यह भी कहा कि यदि बच्ची के घरवालों की मर्जी होगी तब ही वह बच्ची को गोद लेंगे.
टीआई ने कहा, पीड़ित बच्ची के कराहने की आवाज से मेरा मन द्रवित हो गया. मैंने उसी समय संकल्प लिया कि इस बच्ची को संरक्षण प्रदान करूंगा. उस बच्ची को मैंने पूर्ण सुरक्षा प्रदान करने का संकल्प लिया है. गोद लेने की कानूनी प्रक्रिया मुझे मालूम नहीं है. लेकिन उसके विवाह, स्वास्थ्य, शिक्षा की जिम्मेदारी मेरी है. उसको पूरा करेंगे. उज्जैन एसपी सचिन शर्मा ने बताया कि महाकाल थाने में पदस्थ टीआई अजय वर्मा ने इच्छा जाहिर की है कि अगर मासूम का परिवार और उसके दादाजी चाहेंगे तो वह स्वयं उसका लालन पालन करेंगे. बच्ची को अच्छी शिक्षा भी दिलाएंगे.
हालांकि, इसके लिए बच्ची के परिवार और दादाजी की रजामंदी जरूरी है. इस दिल दहला देने वाली घटना के बाद और इंस्पेक्टर अजय वर्मा की मानवीयता से प्रभावित होकर अन्य लोग भी मदद के लिए आगे आए हैं. इंस्पेक्टर अजय वर्मा की यह पहल समाज को एक नई सीख प्रदान करेगी.