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न रहने को घर, न पेट भरने को खाना... ई रिक्शा पर सामान लादे दर-दर भटक रहा उज्जैन रेप कांड के आरोपी का परिवार

उज्जैन में बच्ची के साथ रेप के आरोपी का अवैध मकान टूटने के बाद अब उसका परिवार दर-दर भटकने पर मजबूर है. न तो उन्हें रहने के लिए जगह मिल रही है और न खाने के लिए कुछ. आरोपी के माता-पिता भाभी और दो मासूम बच्चे ई-रिक्शा में बैठकर इधर-उधर भटक रहे हैं. माता-पिता ऐसी संतान को जन्म देने को अपनी गलती मान रहे हैं.

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आरोपी भरत सोनी और उसके पिता. (फाइल फोटो)
आरोपी भरत सोनी और उसके पिता. (फाइल फोटो)

मध्य प्रदेश के उज्जैन में 12 साल की बच्ची से रेप के आरोपी भरत सोनी को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. बीते दिन उसके अवैध निर्माण पर बुलडोजर भी चला. आरोपी ने नानाखेड़ा क्षेत्र में सरकारी जमीन पर कब्जा कर रखा था. इसमें वो माता-पिता, भाई और भाभी के साथ कई साल से रह रहा था. इतना ही नहीं अवैध मकान में उसने मंदिर भी बना रखा था. भारी पुलिस बल की मौजूदगी में उसके घर को गिराया गया. 

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अवैध मकान टूटने के बाद अब उसका परिवार दर-दर भटकने पर मजबूर है. न तो उन्हें रहने के लिए जगह मिल रही है और न खाने के लिए कुछ. आरोपी के माता-पिता भाभी और दो मासूम बच्चे ई-रिक्शा में बैठकर इधर-उधर भटक रहे हैं. माता-पिता ऐसी संतान को जन्म देने को अपनी गलती मान रहे हैं.

'हमारा कसूर बस इतना है कि उसे जन्म दिया'

आरोपी की मां का कहना है, 'सरकार हमारी मदद करे, जिसने गुनाह किया था वो पुलिस की हिरासत में है. हम लोगों का क्या कसूर है. हमारा बस इतना ही कसूर है कि हमने उसे जन्म दिया. मैं मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी बात रखना चाहती हूं'.

'मैं कुछ नहीं बोल सकती, कुछ भी कर लूंगी'

आरोपी की मां ने आगे कहा, "हमारा पूरा घर रो रहा है. मैं कुछ नहीं बोल सकती. मैं कुछ भी कर लूंगी. बहुत परेशान हूं. हमने ऐसी क्या गलती की जो हमको रहने के लिए जगह नहीं मिल रही है. कोई भी मां-बाप औलाद पैदा करता है तो उसे ये तो नहीं पता होता है कि 20 साल बाद बच्चा ऐसा निकलेगा. 

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'पेट में रोटी नहीं है, बच्चों को दूध नहीं मिल रहा'

हमारे पेट में रोटी नहीं है. बच्चों को दूध नहीं मिल रहा है. हमारे साथ साल भर और 2 साल की बच्ची है. वह भी परेशान है. सब कहते हैं कि यहां नहीं रहना. मुझे सरकार से उम्मीद है. बस यही प्रार्थना है कि मुझे और मेरे बच्चों को कहीं रहने दिया जाए'. 

'कहां जाऊं, कहां मुंह छुपाऊं, अपराध मैंने नहीं किया'

आरोपी के पिता ने कहा, 'मेरी बहू के नाम पर एक प्लॉट है. इसकी रजिस्ट्री भी हमारे पास है. हमें वहां भी नहीं रहने दिया जा रहा है. मैं कहां जाऊं, कहां मुंह छुपाऊं. हमारा धंधा-पानी सब छूट गया है. 64 साल की उम्र में मैं बहुत परेशान हूं. अब मैं सरकारी अस्पताल में जाकर ही शरण लूंगा. मैं यही चाहता हूं कि मुझे रहने के लिए जगह मिल जाए. अपराध मैंने नहीं किया. जिसने किया वो पुलिस कस्टडी में है. मेरी यह गलती है कि उसने मेरे घर जन्म लिया'. 

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