MP News: श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क से बाहर निकले मादा चीता ज्वाला और उसके चार शावकों पर सोमवार सुबह वीरपुर के पास ग्रामीणों ने लाठी-डंडों और पत्थरों से हमला कर दिया. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. वन विभाग की रेस्क्यू टीम ने ग्रामीणों से चीतों को न भगाने की अपील की, लेकिन भीड़ नहीं मानी. घटना के बाद चीता परिवार वीरपुर के तिललिडेररा क्षेत्र में पहुंच गया है.
जानकारी के अनुसार, मादा चीता ज्वाला और उसके चार शावक शनिवार शाम को पहली बार कूनो नेशनल पार्क की सीमा से बाहर निकल गए थे. रविवार को दोपहर बाद वे पार्क की ओर लौट गए थे, लेकिन रात में फिर से वीरपुर तहसील के ग्राम श्यामपुर के पास देखे गए.
ये चीते निर्माणाधीन श्योपुर-ग्वालियर ब्रॉडगेज रेल ट्रैक से करीब 1 किलोमीटर की दूरी पर थे. सोमवार सुबह ये पांचों चीते कूनो सायफन के पास से होते हुए कूनो नदी में पहुंचे और निर्माणाधीन रेलवे पुल के नीचे काफी देर तक बैठे रहे. इस दौरान वहां चीतों को देखने के लिए राहगीरों की भीड़ जमा हो गई. देखें Video:-
चीतों की सुरक्षा के लिए जागरूकता
मादा चीता ज्वाला और उसके चार शावकों को 21 फरवरी 2025 को कूनो के खजूरी क्षेत्र में खुले जंगल में छोड़ा गया था. एक महीने तक वे पार्क की सीमा में ही रहे, लेकिन पहली बार बाहर निकलने पर यह घटना सामने आई. चीतों के बाहर निकलने की सूचना मिलते ही क्षेत्र के चीता मित्र और उनकी टीम ने आसपास के लोगों को जागरूक किया. उन्होंने बताया कि चीते लोगों पर हमला नहीं करते और लोगों से चीतों को न भगाने और उनकी सुरक्षा का ध्यान रखने की अपील की.
वन विभाग की प्रतिक्रिया
कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ आर थिरुकुराल ने आजतक को फोन पर बताया, "हम चीतों की लोकेशन साझा नहीं कर सकते. चीते लोगों पर हमला नहीं करते हैं. हम ग्रामीणों से अपील कर रहे हैं कि वे चीतों को न भगाएं और उनकी सुरक्षा करें. हमारी ट्रैकिंग टीमें चीतों पर लगातार निगरानी बनाए हुए हैं." उन्होंने यह भी बताया कि सभी चीते स्वस्थ हैं.