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सरपंच बहू अपने काम की छोड़ गई ऐसी छाप, कैंसर से मौत हुई तो किसी ने उपचुनाव में नहीं भरा फॉर्म, सास को ही चुना गांव का मुखिया

MP News: सितंबर माह में बीमारी के चलते सरपंच ममता बाई का निधन हो गया था. ग्रामीण उनके कार्यों से खुश थे. यही कारण है कि उपचुनाव में कई दावेदार होने के बावजूद ग्रामीणों ने आपसी सहमति से एकमात्र उम्मीदवार दिवंगत ममता बाई की सास नानी बाई को अपना मुखिया चुनने का तय किया.

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बाएं से मृतक बहू और सरपंच सास. (फाइल फोटो)
बाएं से मृतक बहू और सरपंच सास. (फाइल फोटो)

मध्य प्रदेश के खरगोन में एक महिला सरपंच की कैंसर के कारण मौत हुई तो गांववालों ने उसकी बुजुर्ग सास को उसी पद के लिए चुन लिया. खास बात यह भी रही कि 60 साल की महिला के खिलाफ एक भी कैंडिडेट सामने नहीं आया. नतीजतन बुजुर्ग महिला निर्विरोध सरपंच निर्वाचित हो गईं. साथ ही 25 पंच भी निर्विरोध निर्वाचित हुए.  
 
जिले की बड़वाह जनपद पंचायत की ग्राम पंचायतों में सरपंच और पंच के लिए खाली सीटों पर चुनाव की प्रक्रिया शुरू की गई. ग्राम पंचायत खंगवाडा में महिला सरपंच समेत 28 पंचायतों में 92 पंच पद के लिए जगह खाली थी. 

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इच्छुक उम्मीदवारों ने नामांकन भी बड़वाह जनपद कार्यालय में जमा किए गए थे. खंगवाडा ग्राम पंचायत में महिला सरपंच पद के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए. मात्र एक फॉर्म जमा होने से यहां मतदान की प्रक्रिया की आवश्यकता नहीं रही. 

ग्राम पंचायत में सरपंच रहते हुए 40 साल की ममता बाई ने बेहतर काम किए थे. कैंसर होने के कारण उनका निधन हो गया. ममता बाई के अच्छे कार्यों के चलते ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि ग्राम पंचायत की बागडोर अब ममता बाई की सास नानी बाई को सौंपी जाए. महिला आरक्षित सीट होने के चलते ममता बाई की सास को चुना गया. 

इसी वजह से ममता को छोड़ किसी भी ग्रामीण ने सरपंच पद के लिए आवेदन फॉर्म नहीं जमा किया था. नतीजतन एकमात्र आवेदन आने पर वह इस पंचायत के लिए निर्विरोध निर्वाचित हो गईं. अब बहू के विकास कार्यों को सास आगे बढ़ाएंगी.  

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दरअसल, सितंबर माह में बीमारी के चलते सरपंच ममता बाई का निधन हो गया था. ग्रामीण उनके कार्यों से खुश थे. साथ ही ममता के पति जगदीश भी पंचायत में बेहद सक्रिय हैं. यही कारण है कि उपचुनाव में कई दावेदार होने के बावजूद ग्रामीणों ने आपसी सहमति से एकमात्र उम्मीदवार दिवंगत ममता बाई की सास नानी बाई को अपना सरपंच चुनने का तय किया.
 
यही स्थिति पंच पदों के लिए भी है. जनपद पंचायत के तहत आने वाले कुल 92 वार्डों में रिक्त पंच पद पर केवल 25 आवेदन प्राप्त हुए हैं. ये सभी आवेदन संबंधित वार्डों में सिंगल ही प्राप्त हुए हैं. ऐसे में इन वार्डों में भी आवेदन करने वाले उम्मीदवार निर्विरोध पंच निर्वाचित हो जाएंगे. ऐसे में बड़वाह जनपद में किसी भी सरपंच और पंच के लिए मतदान की प्रक्रिया की आवश्यकता नहीं रहेगी.  

67 वार्ड में आवेदन नहीं, खाली रहेंगे 
उल्लेखनीय है कि बड़वाह जनपद कार्यालय में पंचायत उपचुनाव के लिए खाली सीटों पर नाम निर्देशन पत्र 15 दिसंबर से लेना शुरू किए थे. ये प्रक्रिया 22 दिसंबर तक चली. इसके बाद 23 दिसंबर को नाम निर्देशन पत्र की स्क्रूटनी और मंगलवार दोपहर 3 बजे तक फॉर्म वापसी का अंतिम समय था. इसके बाद ये साफ हो गया है कि पंचायत उपचुनाव के तहत बड़वाह जनपद की खंगवाडा पंचायत में सरपंच और 25 वार्डों में निर्विरोध पंच निर्वाचित हो गए हैं. 67 वार्डों में आवेदन नहीं आने पर ये सभी सीट एक बार फिर से खाली रह गई हैं.   

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बड़वाह जनपद पंचायत सीईओ कंचन डोंगरे

जनपद पंचायत बड़वाह सीईओ कंचन डोंगरे का कहना है, खंगवाड़ा ग्राम पंचायत की सरपंच ममता बाई का कैंसर के कारण निधन हो गया था. उपचुनाव के लिए गांव से एक ही आवेदन प्राप्त हुआ है. इसके चलते निर्विरोध जीत होने की संभावना है. वहीं, 92 पंचों के भी चुनाव होने थे, लेकिन केवल 25 आवेदन आए हैं.  

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