मध्य प्रदेश के हरदा में हुए ब्लास्ट ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है. इस भयंकर विस्फोट ने अब तक 11 लोगों की जान ले ली है. वहीं 60 से ज्यादा लोगों को बुरी तरह घायल कर दिया है. पटाखा फैक्ट्री में इस तरह विस्फोट के बाद कई तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं. सवाल यह है कि रिहायशी इलाके के करीब पटाखा फैक्ट्री बनी कैसे? इसका मालिक कौन था? इसे लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है. हरदा ब्लास्ट के दोषी को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है.
हरदा एसडीएम केसी परते ने बताया कि इस पटाखा फैक्ट्री में निर्माण का कार्य भी किया जाता था और भंडारण भी किया जाता था. ब्लास्ट वाली पटाखा फैक्ट्री के संचालक का नाम राजेश अग्रवाल है. राजेश अग्रवाल के साथ तीन संयुक्त खातेदार थे. हादसे वाली जगह पर तीन फैक्ट्रियां अलग-अलग नामों से चल रही थीं. बताया जा रहा है कि पहले भी 3 हादसे हो चुके हैं, जिनमें कई लोगों ने जान गंवाई है.
तीन महीने बंद हुई थी फैक्ट्री
एसडीएम ने बताया कि तीन महीने पहले फैक्ट्री की जांच की गई थी, जिसमें कुछ कमियां सामने आई थीं. इन कमियों के चलते कुछ समय के लिए फैक्ट्री को बंद भी कर दिया गया था. लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों ने दस्तावेज देखने के बाद फैक्ट्री को दोबारा चालू कर दिया था.
पहले भी हो चुकी है सजा
फैक्ट्री संचालक राजू उर्फ राजेश अग्रवाल को साल 2015 में 10 साल की सजा हो चुकी है और 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया था. आरोपी को विस्पोटक पदार्थ अधिनियम 1908 की धारा 5 के तहत दंडित किया गया था. फिलहाल सीएम मोहन यादव ने इस पूरे मामले की जांच के लिए 6 सदस्यीय जांट कमेटी का गठन किया है.
मृतकों की संख्या हुई 12
हरदा के पटाखा इकाई में विस्फोट में मरने वालों की संख्या 12 तक पहुंच गई. गुरुवार को घटनास्थल के पास एक घर से एक अज्ञात महिला का शव मिला, जबकि सात लोग अभी भी लापता हैं.
हरदा के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) एचपी सिंह ने बताया कि हादसे में 200 से अधिक लोग घायल हुए थे, जिनमें से 90 को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई, जबकि 45 को भोपाल, इंदौर और नरमदपुरम के अस्पतालों में रेफर किया गया है.