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Video: शिवलिंग पर जलाभिषेक के समय इस बात पर गुस्साई महिला, कर्मचारी को जड़ा थप्पड़

खंडवा जिले का ओंकारेश्वर मंदिर देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है. यहां मंदिर में रविवार को हुए हंगामे का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. दरअसल, शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के दौरान एक महिला श्रद्धालु को मंदिर के कर्मचारी ने जल्दी बाहर जाने के लिए कह दिया. इससे नाराज महिला ने मंदिर ट्रस्ट के कर्मचारी की पिटाई कर दी.

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वायरल वीडियो से ली गई फोटो
वायरल वीडियो से ली गई फोटो

मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में महिला श्रद्धालु ने ट्रस्ट के कर्मचारी की पिटाई कर दी. इसका वीडियो भी वायरल हो रहा है. वहीं, पुलिस ने मंदिर ट्रस्ट के कर्मचारी महेंद्र सिंह की शिकायत पर पुणे की रहने वाली भावना और उसके पति नितिन पंवार के खिलाफ मारपीट करने का मामला दर्ज कर लिया है.

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बताया जा रहा है कि आरोपी महिला महाराष्ट्र में पुलिस विभाग में सेवारत है. दरअसल, देश के महत्वपूर्ण ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर में भक्तो की भारी भीड़ उमड़ने से तमाम व्यवस्थाएं ध्वस्त हो रही हैं.

इसके चलते आए दिन विवाद की स्थिति बन रही है. वहीं, रविवार को गर्भगृह में जल्दी दर्शन करने के लिए कहने पर महिला श्रद्धालु भावना को इतना गुस्सा आया कि उसने वहां सेवा में तैनात मंदिर ट्रस्ट के कर्मचारी  के साथ मारपीट शुरू कर दी.

देखें वीडियो...

कुछ दिन पहले पुजारी के साथ भी की गई थी पिटाई

कुछ दिन पहले ही इस मंदिर में एक पुजारी द्वारा श्रद्धालु की पिटाई का वीडियो वायरल हुआ था. महिला का आरोप है कि वह शिवलिंग पर जलाभिषेक कर रही थी. इस दौरान मंदिर के कर्मचारी ने उन्हें धक्का देकर बाहर निकालने का प्रयास किया. इससे उन्हें गुस्सा आ गया.

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बहरहाल, मंदिर में सेवारत अन्य पुजारियों ने हस्तक्षेप कर विवाद को शांत किया. इस घटना से अब पुजारियों और मंदिर ट्रस्ट के कर्मचारियों में भी आक्रोश है. उनका कहना है कि इस घुटन भरे गर्भगृह में वो लंबे समय तक श्रद्धालुओं को आसानी से दर्शन करवाने के लिए सेवारत रहते हैं. उल्टा उनके साथ ही अभद्रता की जाती है. 

कर्मचारी महेंद्र सिंह का कोई भी दोष नहीं- पंडा संघ के अध्यक्ष

मामले में पंडा संघ के अध्यक्ष पंडित नवल किशोर शर्मा ने बताया कि रविवार को जो घटना हुई है, उसमे हमारे मंदिर के कर्मचारी महेंद्र सिंह का कोई भी दोष नहीं है. कल रविवार का दिन होने के कारण हजारों की तादाद में श्रद्धालु यहां आए थे. वे अपनी ड्यूटी कर रहे थे.

मंदिर में सभी वीआईपी व्यवस्था बंद कर दी गई थी. भीड़ होने के कारण अंदर जो कर्मचारी थे, वह श्रद्धालुओं को बाहर निकाल रहे थे. पंडा संघ के अध्यक्ष ने आगे बताया कि इससे लोगों को लग रहा था कि उनको धक्का दिया जा रहा है. जबकि ऐसी कोई बात नहीं थी.

घटना के वक्त मैं वहीं खड़ा था. महेंद्र ने सिर्फ इतना कहा कि चलो जल्दी-जल्दी निकलते चलो. इसके बाद महिला आई और आते से उसने हमला कर दिया और मारपीट करने लगी. उसका गला पकड़कर बाहर ले आई. हमेशा श्रद्धालु कर्मचारियों के साथ अभद्रता करते हैं. सभी को मंदिर के सेवकों के बारे में भी विचार करना चाहिए. 

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