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मध्य प्रदेश में एक ही दिन के भीतर दो प्रख्यात कथावाचकों की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जहां सीहोर के कुबेरेश्वर धाम में उमड़ी भीड़ के बीच एक महिला की हार्टअटैक से मौत हो गई, तो वहीं छतरपुर के बागेश्वर धाम में भी बीमार महिला ने दम तोड़ दिया. दोनों ही महिलाएं कथा आयोजकों और प्रशासनिक अव्यवस्थाओं का शिकार हुईं. फिलहाल इन दोनों ही मामलों में कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
पहला मामला सूबे की राजधानी भोपाल से महज 40 किलोमीटर दूर सीहोर जिले का है. यहां स्थित कुबेरेश्वर धाम में अंतरराष्ट्रीय कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा 16 से 22 फरवरी तक शिव महापुराण कथा सुना रहे हैं. इन दिनों कथित चमत्कारी रुद्राक्ष बांटे जाने हैं, जिन्हें लेने के लिए श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ उमड़ पड़ी है.
दरअसल, श्रद्धालुओं का मानना है कि रुद्राक्ष से कई बीमारियों से छुटकारा भी मिलता है. कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा का दावा है कि चमत्कारी रुद्राक्ष नेपाल की गंडकी नदी से लाए जाते हैं. बकौल मिश्रा, ''भोपाल और इंदौर के साइंस डिपार्टमेंट ने जांच में पाया कि रुद्राक्ष के भीतर गंडकी नदी का पानी भरा होता है. अगर इस रुद्राक्ष को लोग पानी में डालकर रखें और उस पानी का सेवन करें तो सारे रोक खत्म हो जाएंगे.''
इसी बीच, रुद्राक्ष लेने के लिए महाराष्ट्र के मालेगांव से अपने परिजनों के साथ आई 50 वर्षीय महिला मंगलबाई पति गुलाब अचानक चक्कर खाकर गिर पड़ी और घटनास्थल पर ही से उसकी मौके पर ही मौत हो गई. सूचना के बाद मौके पर पहुंची मंडी पुलिस के द्वारा महिला का पीएम करा कर शव परिजनों को सौंपा गया है. वहीं, मंडी पुलिस ने भी मामले में मर्ग कायम कर लिया है.
40 Km लंबा जाम, कई वाहन चालक फंसे
कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के कुबेरेश्वर धाम में शुरू हुए रुद्राक्ष महोत्सव में रुद्राक्ष वितरण कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देश भर से आए श्रद्धालुओं की वजह से भोपाल-इंदौर हाईवे पर जाम लग गया करीब 40 किलो मीटर से भी ज्यादा लंबा जाम लग गया. कई वाहन जाम में फंस गए. अब श्रद्धालुओं ने अब पैदल चलना शुरू कर दिया है. सड़कों पर श्रद्धालुओं का जन सैलाब उमड़ पड़ा है.
बागेश्वर धाम में हरियाणा की महिला ने तोड़ा दम
उधर, छतरपुर जिले के गढ़ा गांव स्थित बागेश्वर धाम में बीते दिन फिरोजाबाद की नीलम (40 साल) ने अव्यवस्थाओं के चलते दम तोड़ दिया. नीलम किडनी की गंभीर बीमारी से ग्रसित थी. मृतका के पति देवेंद्र ने बताया कि एम्स के डॉक्टरों ने मना कर दिया था. इसके बाद 13 जनवरी को वह बागेश्वर धाम इस उम्मीद में आए थे कि उनकी पत्नी ठीक हो जाएगी.
देवेंद्र सिंह अपनी पत्नी के मौत का कारण मध्य प्रदेश पुलिस को बताते हैं. उन्होंने कहा कि बागेश्वर धाम के बाबा के पास पुलिसकर्मियों ने अर्जी नहीं लगने दी. बागेश्वर धाम में तैनात पुलिसकर्मियों का रवैया बेहद खराब था. उन्होंने यहां तक कहा कि इस लाश को लेकर चला जा.
बागेश्वर धाम में आस्था रखने वाले देवेंद्र सिंह का कहना है कि यदि उनकी अर्जी लग जाती तो उनकी पत्नी ठीक हो जाती है, क्योंकि यहां चमत्कार होते हैं. बात बात पर देवेंद्र सिंह ने अपनी पत्नी की मौत का कारण मध्य प्रदेश पुलिस के खराब व्यवहार को ठहराया.