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SDM को महिलाओं ने सुनाई खरी-खोटी... जेल भेजने की धमकी पर बोलीं- वहां कम से कम पानी तो मिलेगा

Water Crisis in Khandwa: बातचीत चल ही रही थी कि एसडीएम ने चक्का जाम न हटाने पर एफआईआर की धमकी दे डाली. इससे महिलाएं भड़क गईं और उन्होंने SDM की जमकर खिंचाई की. कुछ बुजुर्ग महिलाओं ने भी गुस्से में कहा, "हम जेल जाने को तैयार हैं, वहां कम से कम पानी तो मिलेगा."

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(प्रतीकात्मक तस्वीर)
(प्रतीकात्मक तस्वीर)

MP News: सूरज की तेज तपिश और भीषण जलसंकट से परेशान खंडवा की महिलाओं का गुस्सा उस समय फूट पड़ा, जब उन्होंने पानी की किल्लत के खिलाफ आवाज उठाई. अपनी समस्या के समाधान के लिए जब बाहेती कॉलोनी और तपस्वी बाबा गली की महिलाओं ने चक्का जाम किया, तो प्रशासन की धमकी के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी. एसडीएम की धमकी पर महिलाओं ने उनकी जमकर खिंचाई की.

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कुछ पुरुषों ने बीच-बचाव की कोशिश की, तो महिलाओं ने उन्हें रोकते हुए कहा, "हम अपनी लड़ाई खुद लड़ लेंगे." हालात तब और गंभीर हो गए, जब प्रशासन ने जेल भेजने की धमकी दी. इस पर महिलाओं ने बेबाकी से जवाब दिया, "हम तैयार हैं, जेल में कम से कम पानी तो मिलेगा और वहां खाना भी खा लेंगे." महिलाओं के इस रौद्र रूप के सामने प्रशासन को झुकना पड़ा. पानी की व्यवस्था जल्द ठीक करने के आश्वासन के बाद ही महिलाओं ने आंदोलन समाप्त किया.

खंडवा के एसएन कॉलेज के पीछे खंडवा-देड़तलाई स्टेट हाइवे पर इलाके की महिलाएं चक्का जाम के लिए बैठ गईं. उनकी शिकायत थी कि पिछले पंद्रह दिनों से उनके क्षेत्र में नल से पानी नहीं आ रहा है और इसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही थी. यह समस्या खास तौर पर बाहेती कॉलोनी और तपस्वी बाबा गली के परिवारों को झेलनी पड़ रही थी. वैसे तो पूरा खंडवा शहर इस समय कृत्रिम जलसंकट से जूझ रहा है. जल स्रोतों में पर्याप्त पानी होने के बावजूद, वितरण व्यवस्था की खामियों के कारण यह समस्या बनी हुई है. 

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नर्मदा जल योजना की मुख्य पाइपलाइन बार-बार फटने से स्थिति और बिगड़ गई है, जिसके सामने प्रशासन बेबस नजर आ रहा है. इस व्यवस्था का जिम्मा एक निजी कंपनी को सौंपा गया है, लेकिन प्रशासन इसे नियंत्रित करने में नाकाम रहा है. कंपनी के खिलाफ एफआईआर की चेतावनी के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो सकी. उलटे, जब जलसंकट से जूझ रहे लोगों को एफआईआर की धमकी दी गई, तो यह प्रशासन के लिए ही उलटा पड़ गया.

जब प्रशासन को स्टेट हाईवे पर चक्का जाम की सूचना मिली, तो एसडीएम बजरंग बहादुर, नगर निगम उपायुक्त सचिन सिटोले और पुलिस अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे. उपायुक्त सिटोले ने महिलाओं को आश्वस्त किया कि उनकी समस्या का जल्द समाधान किया जाएगा. बातचीत चल ही रही थी कि एसडीएम बजरंग बहादुर ने चक्का जाम न हटाने पर एफआईआर की धमकी दे दी. इससे महिलाएं भड़क गईं और उन्होंने एसडीएम की जमकर खिंचाई की. कुछ बुजुर्ग महिलाओं ने भी गुस्से में कहा, "हम जेल जाने को तैयार हैं, वहां कम से कम पानी तो मिलेगा." 
इस जवाब से प्रशासन हक्का-बक्का रह गया. एसडीएम की धमकी ने प्रशासन को ही बैकफुट पर ला दिया. वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन की स्थिति हास्यास्पद हो गई. अधिकारियों की भाषा और व्यवहार पर भी सवाल उठने लगे हैं. 

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बहरहाल, नगर निगम ने जब क्षेत्र में पानी की सप्लाई शुरू कराई तब जाकर महिलाओं का पारा उतरा. इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर महिलाओं का आत्मविश्वास जरूर बढ़ा दिया है कि वे अपने दम पर समस्या का समाधान भी करने में समर्थ हैं और जरुरत पड़ने पर प्रशासन की भी नाक में दम कर सकती है. 

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