मध्य प्रदेश के राजगढ़ में एक 23 साल के युवक की पुलिस कस्टडी में मौत से हंगामा मच गया. मृतक के परिजनों ने शव को सड़क पर रखकर चक्का जाम कर दिया और पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए. परिजनों का आरोप है कि युवक को जहर देकर मारा गया है. एसपी के पास गए तो उन्होंने भी डरा-धमकाकर भगा दिया गया.
थाना प्रभारी प्रभात गौड़ ने बताया कि खिलचीपुर के रहने वाले मृतक करण मोगिया (20) करीब तीन माह पहले एक नाबालिक लड़की को भगा ले गया था. लड़की के परिजनों की शिकायत पर उस पर प्रकरण दर्ज किया था. इसके बाद नाबालिग के बयानों के आधार पर आरोपी पर अपहरण व पास्को एक्ट की धाराओं को भी बढ़ाया गया था.
पुलिस कस्टडी में युवक की मौत
युवक को 28 दिसंबर को पुलिस ने बस स्टेंड के पास से गिरफ्तार किया था.
पुलिस हिरासत में ही युवक को उल्टियां होने लगी. इसके बाद उसे खिलचीपुर अस्पताल ले गए. वहां से जिला अस्पताल राजगढ़ लेकर पहुंचे. स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने पर भोपाल निजी अस्पताल लेकर गए. जहां इलाज के दौरान 30 दिसंबर को उसकी मौत हो गई.
घटना के बाद पुलिस ने परिजनों को बताया की युवक की तबियत खराब होने से मौत हुई हैं. लेकिन हमें भोपाल अस्पताल से जहर खाने की खबर लगी. पुलिस मामले को दबाने की फिराक में थी, इसलिए वह कुछ बताना नहीं चाह रही थी. परिजनों का कहना है कि आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. फिलहाल, परिजनो को आश्वासन देकर धरना प्रदर्शन खत्म करा दिया गया है और मामले की जांच की जा रही है.
इस मामले की जांच की जा रही है
इस मामले पर SDM गुलाब सिंह बघेल ने कहा कि भोजपुरी नाके पर 20 वर्षीय करण मोगिया ने जहर खा लिया था. इस वजह से उसके परिजनों ने जाम लगा दिया. मृतक के परिजनों की मांग थी कि एडिशनल एसपी द्वारा चार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. पुलिस द्वारा इस मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है.