
मध्य प्रदेश में लावारिस हालात में घूम रहे चालीस साल के विष्णु राम सोनी की कहानी काफी दिलचस्प है. करीब साढ़े तीन महीने से लापता विष्णु को विदेश में बैठी एक लड़की ने घरवालों तक पहुंचाया. अनजान लोगों की ओर से की गई इस मदद और मानवीय संवेदना से विष्णु के परिजन भी धन्यवाद देते नहीं थक रहे.
मामला कुछ यूं है कि शहडोल निवासी विष्णु राम सोनी लगभग डेढ़ महीने पहले अज्ञानतावश राजधानी भोपाल पहुंच गए. विष्णु कम पढ़े लिखे हैं और उसकी मानसिक स्थिति भी सही नहीं थी. भोपाल में बस स्टैंड के आसपास वह घूमते रहे. उसी समय राजधानी में आचार्य पंडित प्रदीप मिश्रा जी और बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की बारी-बारी से कथा का आयोजन हुआ. कथा के होने वाले भंडारों में विष्णु को खाना-पीना मिलता रहा.
उधर, आसपास के लोग यह अनुमान लगाते थे कि वह कथा वाचकों की टीम के साथ भोपाल आए हुए हैं. लेकिन कथा समाप्त होने के पश्चात भी जब विष्णु राम सोनी इस स्थान के आसपास ही घूमते रहे तो पास की कॉलोनीवासियों का ध्यान उनकी ओर गया. धीरे-धीरे ठंड भी बढ़ चुकी थी. ठंड में ठिठुरते मानसिक रूप से विक्षिप्त विष्णु राम सोनी को भोपाल में ही अयोध्या बाईपास के पास ही शॉप संचालित करने वाली सोनाली जोड़े ने देखा.
ठंड में ठिठुरते देख सोनाली ने मानसिक विक्षिप्त को ठंड के कपड़े, दरी-कंबल आदि सामग्री दी. खाने-पीने की सामग्री भी देने लगीं. सोनाली जोड़े के बार-बार पूछने पर भी विष्णु राम सोनी अपने बारे में कुछ न बता पाते. मसलन, कि आपका नाम क्या है? आप कहां से आए हो? ऐसे सवालों के जवाब नहीं दे पाते.
फिर एक दिन दुकानदार सोनाली ने एक पेन और कॉपी देकर विष्णु से कहा, तुम कहां के रहने वाले हो? लिखकर बताओ. तो उसने बड़ी ख़राब-सी राइटिंग में 'शहडोल' लिखा. फिर पूछा कि शहडोल में रहने वाले किसी व्यक्ति का नाम जानते हो? तो उसने 'संतोष लोहानी' लिखा.
फिर क्या था, सोनाली जोड़े ने लंदन में रहने वाली अपनी बेटी नेहा जोड़े को सारी बातें बताईं. तब नेहा जोड़े ने फेसबुक पर संतोष लोहानी शहडोल सर्च किया और लंदन में रह रहे मध्य प्रदेश के लोगों के एक वॉट्सएप ग्रुप में यह बात लिखकर शेयर की.
इसी ग्रुप के सदस्य शहडोल के अभिषेक काबरा ने जब शहडोल से संबंधित बात को सुना तो उन्होंने भी इसे खोजने का प्रयास किया और शहडोल में रह रहे अपने पिताजी को फोन किया और संतोष लोहानी जी से मिलने की बात कही.
इसके बाद अभिषेक काबरा के पिता रमेश काबरा संतोष लोहानी से मिले. तब संतोष लोहानी ने 2 अगस्त से गुमशुदा विष्णु राम सोनी की फोटो भोपाल से वॉट्सएप के माध्यम से मंगाई और फोटो देखते ही वह पहचान गए. इसकी वजह यह थी कि शहडोल शहर के जिस वार्ड क्रमांक 18 का विष्णु राम सोनी निवासी है, संतोष लोहानी इस वार्ड के पार्षद भी रह चुके हैं.
संतोष लोहानी तत्परता के साथ विष्णु राम सोनी के परिजनों के पास गए उन्हें फोटो दिखाई और पूरा मामला जाना. फिर उनके परिवार को विष्णु राम सोनी को लेने के लिए शहडोल से भोपाल भेजा. देखें Video:-
इस तरह से भोपाल निवासी सोनाली जोड़े, उनके सहयोगी राहुल यादव और अन्य भोपाल निवासियों के सहयोग से शहडोल के विष्णु राम सोनी सकुशल अपने परिवारजनों से मिल पाए.