ओडिशा विधानसभा में हंगामे के बीच मंगलवार को 12 कांग्रेस विधायकों को निलंबित कर जबरन सदन से बाहर कर दिया गया और कांग्रेस भवन भेज दिया गया. इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं ने कांग्रेस भवन के बाहर प्रदर्शन तेज कर दिया है. एक वीडियो में प्रदर्शनकारी सुबह-सुबह सड़कों पर सोते नजर आ रहे हैं.
बीजेपी विधायक इरासिस आचार्य ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'विधायकों के निलंबन का फैसला स्पीकर का होता है. कांग्रेस का व्यवहार शुरू से ही अनुशासनहीन रहा है. वे स्पीकर की कुर्सी के सामने जाकर हूटिंग कर रहे थे, अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहे थे और सदन की कार्यवाही में बाधा डाल रहे थे. सदन जनता के टैक्स के पैसों से चलता है, इस तरह की हरकतें अस्वीकार्य हैं.'
'बीजेपी सरकार डरी हुई है'
वहीं, कांग्रेस विधायक सीएस राजेन एक्का ने पुलिस की कार्रवाई पर नाराजगी जताते हुए कहा, 'आज हमने ओडिशा पुलिस की गुंडागर्दी देखी. बीजेपी सरकार डरी हुई है. कांग्रेस उनकी सच्चाई जनता के सामने ला रही है. हमारे विधायकों के साथ मारपीट की गई, लेकिन हमारा विरोध जारी रहेगा. कांग्रेस महिलाओं की सुरक्षा और ओडिशा की जनता के लिए हमेशा खड़ी रहेगी.'
'हमारे विधायकों को जबरन खींचकर बाहर निकाला गया'
कांग्रेस विधायक सागर चरण दास ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा, 'हम शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे और हमारा सिर्फ एक मुद्दा था- महिलाओं की सुरक्षा. जिस तरह हमारे विधायकों को जबरन खींचकर बाहर निकाला गया, उनका अपमान किया गया, वह निंदनीय है. हम जनता के प्रतिनिधि हैं, यह कोई मजाक नहीं है. पुलिस ने हमारे दो विधायकों के साथ मारपीट की. हम अपना विरोध जारी रखेंगे क्योंकि जब समाज की लड़ाई की बात आती है, तो नियम पीछे छूट जाते हैं.'
अनुशासनहीनता के आरोप में 12 कांग्रेस विधायक निलंबित
ओडिशा विधानसभा के स्पीकर सुरमा पाढ़ी ने मंगलवार को 12 कांग्रेस विधायकों को अनुशासनहीनता के आरोप में सदन से सात दिनों के लिए निलंबित कर दिया. जैसे ही स्पीकर ने इस फैसले का ऐलान किया कांग्रेस विधायकों ने सदन में हंगामा शुरू कर दिया और घंटी बजाने लगे.