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कांग्रेस को 'कौरव' साबित कर मल्लिकार्जुन खड़गे ने मध्य प्रदेश में महाभारत करा दिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रावण बता चुके मल्लिकार्जुन खड़गे ने अब बीजेपी को पांडव बता डाला है. मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष की बात को हाथोंहाथ लेते हुए अपने लिए गर्व का इजहार किया है. एक बार राहुल गांधी RSS को कौरव भी बता चुके हैं - आखिर कांग्रेस में इतना कंफ्यूजन क्यों है?

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कांग्रेस पहले ये तय कर ले कि बीजेपी-RSS को कौरव बोलना है या पांडव?
कांग्रेस पहले ये तय कर ले कि बीजेपी-RSS को कौरव बोलना है या पांडव?

वरिष्ठ होने के नाते मल्लिकार्जुन खड़गे का पूरा विपक्ष सम्मान करता है. विपक्षी दलों के जो नेता राहुल गांधी को तवज्जो तक नहीं देते थे, वे सोनिया गांधी की तरह तो नहीं लेकिन मल्लिकार्जुन खड़गे के प्रति भी वैसे ही आदर भाव से पेश आते हैं. कांग्रेस को इस बात का बहुत फायदा भी मिला है, लेकिन बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोलने के चक्कर में मल्लिकार्जुन खड़गे कई बार आपा खो बैठते हैं. 

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मल्लिकार्जुन खड़गे को इस बार प्रधानमंत्री मोदी के मुंह से ही तारीफ सुनने को मिली है, जबकि 2022 के गुजरात चुनाव के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मोदी की रावण तक से तुलना कर चुके हैं. मल्लिकार्जुन खड़गे ऐसी बातें इसलिए भी करते होंगे क्योंकि उनके नेता राहुल गांधी को यही सब पसंद आता ही है. 

बीजेपी तो उनके कटाक्ष को भी अपने पक्ष में मोड़ देती है, लेकिन इस बार तो मल्लिकार्जुन खड़गे ने मोदी और बीजेपी को लेकर अलग ही राजनीतिक लाइन ले ली है. मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान के बाद प्रधानमंत्री मोदी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस नेतृत्व को घेर लिया है - और विधानसभा चुनाव में पेच फंसा दिया है.

कर्नाटक चुनाव के दौरान मल्लिकार्जुन खड़गे का एक पुराना वीडियो खूब शेयर किया जा रहा था जिसमें वो कह रहे हैं, '...और ऐसे मोदी जी को शक्ति मिलेगी देश में... तो समझो सनातन धर्म और आरएसएस की हुकूमत आएगी.'

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मल्लिकार्जुन खड़गे भले ही सामने की भीड़ को बीजेपी और संघ की खामियां बताने की कोशिश कर रहे हों, लेकिन बीजेपी ने तो उसे रामराज से जोड़ कर पेश करने लगी - और एक बार फिर मल्लिकार्जुन खड़गे से वैसी ही गलती हुई है, जो ज्यादा नुकसानदेह साबित हो सकता है.

कांग्रेस नेतृत्व में इतना कंफ्यूजन क्यों है?

2022 के गुजरात चुनाव के वक्त प्रधानमंत्री मोदी को लेकर मल्लिकार्जुन खड़गे के एक बयान पर काफी बवाल मचा था. तब कांग्रेस अध्यक्ष में मोदी की तुलना रावण से कर डाली थी. बाद में मोदी ने अपनी रैलियों में मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान का कई बार जिक्र किया. मल्लिकार्जुन खड़गे के इस बयान का जितना भी असर हुआ हो, लेकिन नतीजे आये तो मालूम हुआ बीजेपी ने जीत का रिकॉर्ड कायम किया है, और कांग्रेस 2017 की तुलना में फिसड्डी साबित हुई है. 

मध्य प्रदेश की चुनावी सभाओं में मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीजेपी की पांडव से तुलना कर डाली है. कांग्रेस अध्यक्ष के मुताबिक, बीजेपी में पांच पांडव हैं - नरेंद्र मोदी, शिवराज सिंह चौहान, ED, CBI और IT. 

अव्वल तो मल्लिकार्जुन खड़गे ने मोदी और शिवराज के बीच बैकवर्ड होने को लेकर प्रतियोगिता के दावे से लेकर इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की कुर्बानी तक की याद दिलायी, लेकिन कुछ ही देर बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और फिर प्रधानमंत्री मोदी ने मुद्दा लपक लिया - और जवाबी हमला शुरू कर दिया. 

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एक सार्वजनिक सभा में राहुल पहले आरएसएस की तुलना कौरवों से कर चुके हैं. सभा के दौरान राहुल गांधी कह रहे थे, 'कौरव कौन थे? मैं आपको सबसे पहले 21वीं सदी के कौरवों के बारे में बताऊंगा... वे खाकी हाफ पैंट पहनते हैं... हाथ में लाठी लिए होते हैं... और शाखा लगाते हैं... भारत के दो तीन अरबपति कौरवों के साथ खड़े हैं.'

मध्य चुनाव को बीजेपी ने धर्म और अधर्म की लड़ाई बताने लगी

मल्लिकार्जुन खड़गे का बीजेपी को पांडव बताने का दांव उलटा पड़ गया है. अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ये कहने का मौका मिल गया है कि बीजेपी को पांडव बता कर मल्लिकार्जुन खड़गे ने मान लिया है कि कांग्रेस कौरव है.

एक चुनावी रैली में शिवराज सिंह चौहान कह रहे थे, 'आखिरकार कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे जी ने मान ही लिया कि बीजेपी पांडव और कांग्रेस कौरव है... अब लड़ाई धर्म और अधर्म के बीच हो गई है.'

बीजेपी तो पहले से ही राम मंदिर को लेकर कांग्रेस को टारगेट करती रही है. बीजेपी का आरोप रहा है कि कांग्रेस नेता सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर निर्माण के रास्ते में बाधा पहुंचाने की कोशिश करते रहे. हाल फिलहाल इंटरव्यू में कमलनाथ 14 साल पहले छिंदवाड़ा में हनुमान मंदिर बनवाने से लेकर राजीव गांधी सरकार के दौरान अयोध्या में ताला खुलवाना की याद दिला रहे हैं.

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मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर शिवराज सिंह चुनावी रैलियों में घूम घूम कर समझा रहे हैं कि कैसे पांडव न्याय की लड़ाई लड़ते थे, जबकि कौरव स्वार्थ की लड़ाई लड़ते रहे. पांडव-कौरव की लड़ाई का जिक्र करते करते शिवराज सिंह चौहान अपने तरीके से कमलनाथ और दिग्विजय सिंह चौहान को घेर ले रहे हैं. कहते हैं, 'महाभारत में तो एक ही धृतराष्ट्र थे, लेकिन कांग्रेस में दो-दो धृतराष्ट्र हैं.' फिर कमलनाथ और दिग्विजय सिंह का नाम लेकर कहते हैं, दोनों को अपने-अपने बेटों से मतलब है... दोनों अपने-अपने बेटों को मध्य प्रदेश में स्थापित करने के लिए चक्की के दो पाट हो गये हैं - और दोनों पाटों के बीच कांग्रेस पिस रही है.

शिवराज सिंह की ही तरह प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपनी चुनावी रैली में मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान की अपनी व्याख्या प्रस्तुत की है. बोले, कांग्रेस के अध्यक्ष वरिष्ठतम नेताओं में से एक हैं, लेकिन वो बस नाम मात्र के रह गये हैं... कभी-कभी वो खुद के मूड में आ जाते हैं... मैंने कहीं पढ़ा कि कल उन्होंने पांडवों को याद किया था... जब रिमोट चलता है तब वो सनातन को गाली देते हैं, लेकिन रिमोट बंद होते ही उन्होंने सनातन को याद किया.'

मोदी ने एक झटके में मल्लिकार्जुन की तारीफ को बीजेपी के लिए तमगे के तौर पर पेश कर दिया, 'हमें गर्व है कि हम पांच पांडवों की राह पर चल रहे हैं.'

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