अयोध्या में दलित युवती की हत्या पर अवधेश प्रसाद के फूट फूट कर रोने का वीडियो वायरल है - और उनके रोने को सीधे सीधे मिल्कीपुर उपचुनाव से जोड़ दिया जा रहा है, क्योंकि करीब छह महीने पहले ही एक दलित नाबालिग से हुए गैंगरेप के केस में समाजवादी पार्टी के सांसद का अलग रवैया देखने को मिला था.
अयोध्या की जिस घटना को लेकर अवधेश प्रसाद को रोते देखा गया है, उसके बारे में जानकारी है कि वहां एक दलित युवती को बेरहमी से टॉर्चर किये जाने के बाद हत्या कर दी गई है, जिसका एक नाले से नग्न शव मिला है - और इसी मामले को लेकर अयोध्या के सांसद रोते हुए इंसाफ की लड़ाई लड़ने की बात कर रहे हैं.
अयोध्या के सांसद के नाम से मशहूर हो चुके अवधेश प्रसाद इतने दुखी हैं कि लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा तक देने की बात करने लगे हैं.
हाल ही में कुंभ की भगदड़ में हुई मौतों पर आंसू तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आंखों में भी निकल आये थे, लेकिन अवधेश प्रसाद के रोने को वो नौटंकी करार देते हैं - जाहिर है, ये सब मिल्कीपुर उपचुनाव से ठीक पहले हो रहा है.
मिल्कीपुर उपचुनाव न होता तो…
अयोध्या की घटना को अवधेश प्रसाद ने 2012 के दिल्ली के निर्भया कांड से भी ज्यादा वीभत्स बताया है. फैजाबाद लोकसभा सीट से सांसद अवधेश प्रसाद ने सोशल साइट X पर लिखा है, ‘अयोध्या के ग्रामसभा सहनवां, सरदार पटेल वार्ड में 3 दिन से गायब दलित परिवार की बेटी का शव निर्वस्त्र अवस्था में मिला है… उसकी दोनों आंखें फोड़ दी गई हैं… उसके साथ अमानवीय व्यवहार हुआ है.
लोकसभा में अयोध्या की दलित युवती की हत्या का मामला उठाने की बात करते हुए अवधेश प्रसाद यहां तक बोल गये कि दोषियों पर कार्रवाई न हुई तो वो खुद लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे देंगे.
मीडिया से बातचीत के दौरान अवधेश प्रसाद ने कहा, मैं हर कीमत पर इस मुद्दे को लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने उठाऊंगा, अगर न्याय नहीं मिला तो मैं इस्तीफा तक दे दूंगा. हम बेटी की इज्जत बचाने में नाकाम हो रहे हैं, सोचिये इतिहास हमारे बारे में क्या कहेगा… ये हिंदुस्तान की सबसे दर्दनाक घटना है.
अवधेश प्रसाद के प्रेस कांफ्रेंस में रोने को नौटंकी बताते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा है, जांच होने पर पता लगेगा कि जरूर इसमें कोई समाजवादी पार्टी का दरिंदा शामिल होगा… सपा हर माफिया के साथ है, और उसके पीछे खड़ी होती है… कोई घटना होती है, उसमें सपा का हाथ होता है या वो शामिल होती है.
सबको मालूम है कि 5 फरवरी को उत्तर प्रदेश की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है. मिल्कीपुर सीट अवधेश प्रसाद के लोकसभा सांसद बन जाने के कारण ही खाली हुई है, और उनके बेटे अजीत प्रसाद ही समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं. बीजेपी के चंद्रभान पासवान से अवधेश प्रसाद के बेटे का मुकाबला है. भीम आर्मी वाले चंद्रशेखर आजाद ने समाजवादी पार्टी के बागी नेता सूरज प्रसाद को मिल्कीपुर उपचुनाव में आजाद समाज पार्टी का उम्मीदवार बनाया है.
अयोध्या में ही दलित नाबालिग के साथ हुए गैंगरेप के मामले में अवधेश प्रसाद का अलग ही रूप देखा गया था. ऐसे में ये ये सवाल तो बनता ही है कि क्या ये आंसू वास्तव में उनके दिल की जुबान ही हैं - और नहीं, तो उनका फूट फूट कर रोना मिल्कीपुर उपचुनाव से क्यों नहीं जोड़कर देखना चाहिये?
दलितों के ही मामले में दोहरा रवैया क्यों?
करीब छह महीने पहले अयोध्या में एक दलित नाबालिग के साथ दरिंदगी का मामला सामने आया था, और अयोध्या में 12 साल की बच्ची से गैंगरेप की घटना से हड़कंप मच गया था.
अगस्त, 2024 में समाजवादी पार्टी के स्थानीय नेता मोईद खान को एक नाबालिग के साथ रेप के मामले में गिरफ्तार किया गया था - और मिल्कीपुर उपचुनाव कैंपेन के तहत योगी आदित्यनाथ उसी घटना के जरिये पूरी समाजवादी पार्टी और नेतृत्व को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं. अवधेश प्रसाद को दुर्भाग्य से बने सांसद बताने के साथ ही योगी आदित्यनाथ कहते हैं, एक दलित बेटी के साथ रेप करने वाला मोईद खान इनका हीरो होता है.
मोईद खान के साथ फोटो सामने आने के कारण अवधेश प्रसाद भी घिर गये थे. मामले में मुख्य आरोपी मोईद खान की बेकरी पर स्थानीय प्रशासन की तरफ से बुलडोजर एक्शन भी हुआ था. मोईद खान पर तालाब और कब्रिस्तान सहित कई सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे का भी आरोप लगा था.
नाबालिग से रेप के मुख्य आरोपी मोईद खान के बचाव में अवधेश प्रसाद तब डीएनए टेस्ट की मांग भी कर रहे थे, और उनसे पहले समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने भी वैसी ही मांग की थी.
ये ठीक है कि अदालत में किसी का गुनाह साबित होने से पहले उसे अपराधी नहीं माना जाना चाहिये. दरिंदगी तो नाबालिक बच्ची के साथ भी हुई थी - लेकिन तब अवधेश प्रसाद की आंखों से आंसू क्यों नहीं निकले?