scorecardresearch
 

महाराष्ट्र चुनाव में NDA की सीटों का बंटवारा BJP के लिए गले की हड्डी बन गया

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी को शिवसेना और एनसीपी के साथ सीटों के बंटवारे में काफी माथापच्ची करनी पड़ रही है. एकनाथ शिंदे से ज्यादा मुश्किल तो अजित पवार को हैंडल करना हो रहा है - क्योंकि महाराष्ट्र में भी वो बिहार एनडीए जैसी व्यवस्था लागू कराना चाहते हैं.

Advertisement
X
महाराष्ट्र में बीजेपी की मुसीबतें खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही हैं, नई मुश्किल गठबंधन में सीटों के बंटवारे पर फंसा पेच है.
महाराष्ट्र में बीजेपी की मुसीबतें खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही हैं, नई मुश्किल गठबंधन में सीटों के बंटवारे पर फंसा पेच है.

महाराष्ट्र में गवर्नर कोटे की विधान परिषद सीटों का बंटवारा तो हो चुका है, और बटंवारे से एक साफ सुथरा फॉर्मूला भी निकल कर आता नजर आ रहा है - लेकिन विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी के लिए गठबंधन साथियों, एकनाथ शिंदे और अजित पवार से डील करना काफी मुश्किल टास्क बन गया है. 

Advertisement

महाराष्ट्र में विधान परिषद की 12 सीटें ऐसी हैं जो राज्यपाल मनोनीत करते हैं. अभी जो खबर आ रही है उसके मुताबिक, राज्यपाल कोटे की विधान परिषद सीटों पर बात करीब करीब फाइनल हो गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, राज्यपाल कोटे की 6 सीटें बीजेपी को मिलेंगी, और तीन-तीन शिवसेना और एनसीपी के हिस्से में जाएंगी - और पता चला है कि नवरात्र के पहले दिन ये घोषणा की जा सकती है. 

लेकिन विधानसभा चुनावों को लेकर बंटवारा काफी मुश्किल लग रहा है. मुश्किल इसलिए भी हो रहा है, क्योंकि महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने अमित शाह के सामने 2020 के चुनावों के बाद बिहार एनडीए वाले फॉर्मूले पर अमल का आश्वासन चाहते हैं - मतलब, उनकी नजर अब सीधे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है.

महाराष्ट्र का जो हाल है, ऐसा लगता है आगे चलकर वहां भी हरियाणा बीजेपी जैसा हाल होने वाला है - कल्पना कीजिये क्या नजारा हो सकता है, अगर गठबंधन साथियों के दबाव में आकर बीजेपी हरियाणा की तरफ महाराष्ट्र में भी विधायकों और मंत्रियों के टिकट काटने लगे. 

Advertisement

महायुति में सीटों के बंटवारे में कहां दिक्कत आ रही है

हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह महाराष्ट्र के दौरे पर गये थे, ताकि सत्ताधारी गठबंधन महायुति में शामिल सहयोगी दलों के बीच सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप दिया जा सके. अमित शाह ने महाराष्ट्र बीजेपी के नेताओं से मुलाकात तो की ही, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ साथ डिप्टी सीएम अजित पवार से भी मिले - बताते हैं कि गठबंधन साथियों के साथ अगले दौर की बातचीत दिल्ली में होनी है.

बताया जाता है कि महाराष्ट्र की विधानसभा सीटों के बंटवारे को लेकर बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस, शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे और एनसीपी नेता अजित पवार के बीच लगातार बातचीत हो रही है - और ये सिलसिला करीब 15-20 दिनों से चला आ रहा है. 

1. जो जानकारी सामने आ रही है उसके मुताबिक, बीजेपी में करीब 50 फीसदी सीटें फाइनल हो चुकी हैं, और नवरात्र के बाद उम्मीदवारों को उनकी सीटों के बारे में बता भी दिया जाएगा.

2. महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों में से बीजेपी जहां 150 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है, अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी अपने लिए 70 सीटों पर दावा पेश कर चुकी है. 

3. करीब 40 सीटें ऐसी हैं जिन्हें लेकर खासतौर से चर्चा हो रही है. एनसीपी वो सीटें तो किसी भी सूरत में छोड़ने को तैयार नहीं है, जहां से उसके मौजूदा विधायक हैं, ये तो उनका हक भी बनता है, लेकिन गठबंधन में समझौते तो करने ही पड़ते हैं. 

Advertisement

4. एनसीपी नेताओं का कहना है कि तीन-चार सीटों की अदला-बदली तो की जा सकती है, लेकिन 10-12 वे सीटें भी चाहिये जो 2019 के चुनाव में गठबंधन के तहत कांग्रेस के हिस्से में आई थीं. 

5. सबसे दिलचस्प बात ये है कि महाराष्ट्र में सत्ताधारी महायुति के बीच कम से कम 25 सीटों पर फ्रेंडली मैच होने की संभावना जताई जा रही है - और, कहते हैं, बीजेपी नेताओं की तरफ से ये बात अमित शाह को भी बता दी गई है. 

क्या हरियाणा जैसा नजारा महाराष्ट्र में भी देखने को मिलेगा

महाराष्ट्र में बीजेपी गठबंधन साथियों की तरफ से जिस तरह का दबाव महसूस कर रही है, अगर कांग्रेस और महाविकास आघाड़ी की वजह से समझौता करना पड़ा तो क्या होगा? फिर तो बीजेपी को अपने हिस्से में ही कटौती करनी पड़ेगी. 

और अगर ऐसा हुआ तो, महाराष्ट्र में भी वही नजारा देखने को मिल सकता जैसा हरियाणा विधानसभा चुनाव में देखने को मिल रहा है - टिकट के दावेदारों का रोना-धोना. 

कम से कम चार उम्मीदवार ऐसे पाये गये हैं जो टिकट न मिलने पर सरेआम रो पड़े हैं - और ऐसे नेताओं में तो मौजूदा नायब सैनी सरकार के एक मंत्री भी शामिल हैं. विश्वम्भर वाल्मीकि मौजूदा बीजेपी सरकार में स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री हैं, लेकिन जब पता चला कि उनको हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिल रहा है, तो वो रो पड़े. 

Advertisement

सार्वजनिक तौर पर अपना आंसू नहीं रोक पाने वाले नेताओं में हरियाणा की पूर्व मंत्री कविता जैन और बीजेपी नेता दीपक डागर भी शामिल हैं. पूर्व विधायक शशि रंजन परमार तो एक इंटरव्यू में ही रो पड़े थे. 

अजित पवार बीजेपी को अलग से भी टेंशन दे रहे हैं 

अंग्रेजी अखबार द हिंदू प्रकाशित एक रिपोर्ट के जरिये एनसीपी नेता अजित पवार के मुख्यमंत्री बनने की मंशा सामने आई है. बताते हैं कि अमित शाह और अजित पवार की मुंबई एयरपोर्ट पर अकेले में खास मुलाकात हुई है. 

अजित पवार ने अमित शाह के सामने अपनी एक खास ख्वाहिश शेयर की है - बिहार की तरह उनको भी चुनाव बाद महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री घोषित किया जाये. कुछ दिन पहले ही अजित पवार ने हंसते हंसते कहा था, अगर पता होता कि सीएम की कुर्सी मिलेगी तो एनसीपी के और विधायकों को साथ लाता. 

एनसीपी नेता अजित पवार चाहते हैं कि बीजेपी महाराष्ट्र में भी वही फॉर्मूला अपनाये जिस पर 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद अमल किया गया था. बिहार में तो नीतीश कुमार पहले से ही मुख्यमंत्री थे. बाद में उनकी सीटें कम आने के बाद भी बीजेपी ने नीतीश को सीएम बनाया, ऐसा तो 2015 में आरजेडी ने भी किया था. 

Advertisement

अजित पवार शायद हिमंत बिस्वा सरमा की तरह डील चाहते हैं. 2021 का असम चुनाव लड़ा गया था सर्बानंद सोनवाल के नेतृत्व में लेकिन चुनाव बाद कांग्रेस से आये हिमंत बिस्वा सरमा को बीजेपी ने मुख्यमंत्री बना दिया - और आज तो वो हर जगह छाये हुए हैं. 

लेकिन अजित पवार के मालूम होना चाहिये कि ये सब हिमंत बिस्वा सरमा के बीजेपी में शामिल होने के बाद ही संभव हो सका है - क्या अजित पवार भी इस बात के लिए खुद को तैयार कर चुके हैं? 

वैसे अजित पवार को मालूम होना चाहिये कि मुख्यमंत्री के मुद्दे पर महाराष्ट्र में बीजेपी कोई समझौता नहीं करती, उद्धव ठाकरे के साथ गठबंधन का टूट जाना सबसे बड़ा उदाहरण है - और लोकसभा चुनाव के हिसाब से देखें तो लगता है कि चुनाव बाद बीजेपी एकनाथ शिंदे को भी कुर्सी देने पर फिर से विचार करेगी. एकनाथ शिंदे के लिए बीजेपी से बारगेन करना तभी संभव हो पाएगा जब वो अपने हिस्से की ज्यादा सीटें जीत लेते हैं.

Live TV

Advertisement
Advertisement