'वो स्त्री है कुछ भी कर सकती है...' इस वक्त सोशल मीडिया (Social Media) पर बहुत से लोग समानता की मांग लिए यही लाइन बार-बार दोहरा रहे हैं. मामला है, उन कपड़ों का जो एक पुरुष पहने तो उस पर 'अश्लीलता' फैलाने का आरोप लग जाता है, वहीं जब महिला पहने तो खुले विचारों वाली आइडियल बन जाती है. पुरुष पर आरोप लगते हैं कि उसने पब्लिक प्लेस पर कम कपड़े पहनकर महिलाओं का अपमान किया है, मगर जब महिला ये काम करे तो 'हर बॉडी हर चॉइस' का नारा लगता है.
अश्लीलता... इसे हमारे देश में दो तरीकों से देखा जाता है. अगर महिला करे तो ठीक, मगर पुरुष करे तो तौबा-तौबा. वो आपको बिहार वाले विधायक याद हैं? अरे वही जो ट्रेन में चड्डी-बनियान पहनकर (JDU MLA in Underwear) घूम रहे थे. उनका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ और विधायक ट्रोल हुए.
बवाल ऐसा मचा कि नेता को लोगों ने क्रिमिनल तक घोषित कर दिया गया. सीसीटीवी की जांच हुई, FIR दर्ज हुई और जोर शोर से गिरफ्तारी की मांग उठी. मगर अब जब दिल्ली मेट्रो वाली लड़की ने विधायक से भी ज्यादा छोटे कपड़े पहने तो वो रॉकेट की स्पीड से फेमस हो गई.
अभी तक कोई शिकायत नहीं
उसके खिलाफ अभी तक कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई है. न ही DMRC ने कोई जुर्माना लगाया है. हालांकि दिल्ली मेट्रो ने अपने बयान में कहा है कि DMRC के संचालन और रखरखाव अधिनियम एक्ट में धारा-59 के तहत अभद्रता को दंडनीय अपराध माना गया है.
फिलहाल 19 साल की ये लड़की जगह-जगह इंटरव्यू देने में बिजी है. उसके इंस्टाग्राम पर पहले 2600 फॉलोअर्स थे, लेकिन महज चार से पांच दिन में खबर लिखे जाने तक ये आंकड़ा 30 हजार को पार कर गया है. वो फिलहाल फेम मिलने की खुशी मनानी में बिजी है.
She is enjoying being #viral now and posting the acceptance on her #Instagram proudly that yes she is the #delhimetrogirl in #delhimetro
— माधव (@MadhavaBJP) April 3, 2023
But #Feminists will target men posting her pics on social media and wouldn't enquire her for such behavior. She doesn't care by the way. pic.twitter.com/jxMZ7XXSfE
कपड़ों की वजह से फेमस
इस लड़की की तुलना उर्फी जावेद से हो रही है. वही लड़की जिसे मॉडल और एक्ट्रेस बताया जाता है. वो फिल्मों या सीरियल में कम, और एयरपोर्ट और सड़कों पर प्लास्टिक, सिम जैसी चीजों से बने छोटे कपड़े पहने ज्यादा दिखाई देती है. उसने अपनी एक खास पहचान बना ली है. आप क्या सोच रहे हैं? टैलेंट के दम पर? बिलकुल नहीं... कपड़ों के दम पर. इन कपड़ों की सबसे बड़ी खूबी है, इनकी कम लंबाई.
खैर... 'हर बॉडी हर चॉइस', हम भी इस बात का पूरा सम्मान करते हैं. उनकी मर्जी जो चाहें वो पहनें. मगर यहां एक दिक्कत जरूर है, जो आप भी फील कर ही रहे होंगी. दिक्कत है, समानता की.
चलिए अब थोड़ा और आगे बढ़ते हैं. क्या आपको न्यूड फोटोशूट कराने वाले बॉलीवुड एक्टर रणवीर सिंह याद हैं?
बंद कमरे में शूट कराने वाले रणवीर इतनी बुरी तरह ट्रोल हुए थे कि आने वाले कई साल तक लोग इस मामले को भूलने वाले नहीं हैं. उनके खिलाफ FIR दर्ज हुई. उन्हें पुलिस थाने में बयान तक दर्ज कराना पड़ा था.
बुरे फंसे थे रणवीर सिंह
ये फोटोशूट एक मैग्जीन कवर के लिए हुआ था. यहां बात ध्यान देने वाली इसलिए है कि विधायक ने महज एक बार ऐसे कपड़े पहने और रणवीर ने बंद कमरे में ये फोटोशूट कराया, तो बवाल मच गया. लेकिन मेट्रो वाली लड़की और उर्फी जावेद पब्लिक प्लेस पर रोज इस तरह के कपड़े पहनकर घूमती हैं, मगर मजाल है कोई उंगली उठा दे. जिसने उंगली उठाई उसकी सोच छोटी. वो महिलाओं का अपमान होगा.
अगर आपको कपड़ों के मामले में इतना लचीली सोच वाला बनना ही है, तो जो आजादी उर्फी और बिकिनी वाली लड़की को है, वही आजादी विधायक और रणवीर सिंह को क्यों नहीं है? इनका नाम आते ही लोग क्यों समानता जैसा बहुप्रचलित शब्द भूल जाते हैं? जिसे हम इक्वालिटी भी कहते हैं. वही इक्वालिटी जो एक महिला के मामले में सही है मगर पुरुष के मामले में कतई नहीं. समाज की इसी डबल स्टैंडर्ड सोच को हम आगे ट्वीट्स के माध्यम से देखेंगे.
स्टार बने उर्फी जावेद और बिकिनी गर्ल
कभी प्लास्टिक, तो कभी क्रिस्टल्स से बने कपड़े पहनकर ट्रोल होने वाली उर्फी जावेद (Urfi Javed) आज सोशल मीडिया स्टार है. उसके इंस्टाग्राम पर 4.1 मिलियन फॉलोअर्स हैं.
वो आए दिन मुंबई की सड़कों पर अतरंगी कपड़े पहने दिखाई देती है. इसी वजह से इंटरनेट पर छाई हुई है. सड़क से लेकर इंटरनेट तक ताने सुनने वाली उर्फी अपनी पॉपुलैरिटी से खुश है.
उसी की तरह दिल्ली मेट्रो में भी एक लड़की बिकिनी (Delhi Metro Bikini Girl) में ट्रैवल करते दिखी. उसने बताया कि वो कई महीनों से ऐसा कर रही है. लड़की ने अपने कपड़ों को आजादी से जोड़ा.
फेमस होने से पहले उसके इंस्टाग्राम पर 2 हजार के करीब फॉलोअर्स थे. जो खबर लिखे जाने तक 30 हजार से ज्यादा हो गए हैं.
कई रिपोर्ट्स तो ऐसी भी आईं, जिनमें कहा गया कि देश के युवाओं को उर्फी फीवर चढ़ गया है. ऐसे में सवाल यह है कि ये लड़कियां कम कपड़े पहनने की वजह से स्टार बन गईं. इनके सपोर्ट में भी बड़ी तादाद में लोग उतर रहे हैं. इन्हें फेमिनिस्म का उभरता चेहरा तक बताया जा रहा है. इनके फैंस का कहना है कि ये जो कर रही हैं, सही है.
ये फैंस अपनेआप को काफी खुले दिमाग वाला मानते हैं. कितनी बढ़िया सोच है इनकी. मगर जैसे ही सिक्के के दूसरे पहलू पर नजर डालें, तो हमें इन्हीं लोगों के ओपिनियम एकदम उल्ट क्यों दिखाई देते हैं? जब बात पुरुषों की हो, तो गालियां क्यों सुनाई देती हैं? तालियां क्यों नहीं बजतीं?
जेडीयू विधायक और रणवीर सिंह पर हुई FIR
बिहार के गोपालपुर से जेडीयू के विधायक गोपाल मंडल पर आरा जीआरपी थाने में FIR दर्ज हुई थी. वह राजेंद्र नगर से नई दिल्ली जाने वाली तेजस राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन में यात्रा करने के दौरान चड्डी-बनियान में दिखाई दिए थे. उन पर आरोप लगा कि कपड़ों का विरोध होने पर उन्होंने अनुसूचित जाति के एक सहयात्री से गाली-गलौज की है.
इसके बाद मंडल समेत चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज हो गया. उनका चड्डी-बनियान वाला वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ. विधायक पर अश्लीलता फैलाने के आरोप लगे और गिरफ्तारी की मांग उठी. तब लोग शायद समानता शब्द को भूल गए थे. 'हिज बॉडी हिज चॉइस' भी किसी के जहन में नहीं आया. ये मामला सितंबर 2021 का है.
विधायक के खिलाफ IPC की धारा 504, 290, 379 और 34 के अलावा 3 (R) (S) SC ST अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज हुआ था. हालांकि उन्होंने बाद में सफाई देते हुए कहा कि उनका पेट खराब था, इसी वजह से वह तौलिया बांधना भूल गए थे.
रणवीर सिंह पर दर्ज हुआ था केस
अब रणवीर सिंह के मामले को देख लेते हैं. उन्होंने जुलाई 2022 में एक मैग्जीन कवर के लिए न्यूड फोटोशूट कराया था. इसके बाद वो ऐसा फंसे कि शायद ही कभी कोई इस मामले को भूल पाए. उनके खिलाफ पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज हुई. साथ ही सोशल मीडिया पर भी जमकर ट्रोल किए गए. मध्य प्रदेश के इंदौर में तो रणवीर के शूट को 'मानसिक कचरा' तक करार दे दिया गया. और लोग बाकायदा कपड़े दान करने लगे.
People have started donating clothes to Nude Actor Ranveer Singh; Drive starts from Indore. pic.twitter.com/ioo8e3qcOM
— TheShibu (@TheShibu_) July 26, 2022
उर्फी जावेद और पूनम पांडे जैसी मॉडल्स की तस्वीरों को बड़े चांव से देखने वाले, उनके सोशल मीडिया पोस्ट्स को कमेंट सेक्शन से भरने वाले लोग ही रणवीर को जितना भला बुरा कह सकते थे, उतना कहा. जी हां, महिला तो महिला पुरुषों ने भी रणवीर की तस्वीरों को अश्लीलता, गंदगी, कचरा और न जाने किन-किन नामों से पुकारा. महिलाओं ने भी ट्रोलिंग में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया.
रणवीर के खिलाफ एक NGO चलाने वाले शख्स ललित टेकचंदानी ने चेंबुर पुलिस में FIR दर्ज करवाई थी. उन्होंने कहा कि जब वह रणनीर की तस्वीरों को जूम करके देख रहे थे, तो उन्हें एहसास हुआ कि एक्टर के निजी अंग दिखाई दे रहे हैं.
इस शख्स ने शिकायत में कहा कि रणवीर को शूट के बदले पैसे मिले हैं. लेकिन इससे इंडस्ट्री में आने के लिए संघर्ष कर रहे युवा प्रभावित होंगे. वो भी मशहूर होने और पैसा कमाने के लिए यही तरीके अपनाएंगे.
रणवीर सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 292 (अश्लील किताबों आदि की बिक्री), 293 (युवाओं को अश्लील सामग्री की बिक्री) और 509 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से शब्द कहना, इशारा करना या किसी कृत्य को अंजाम देना) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 67 A के तहत मामला दर्ज किया गया था.
आपको बता दें, IPC की धारा 292 और 293 औपनिवेशिक युग के प्रावधान हैं. यह अश्लील प्रकाशन अधिनियम 1925 के अंतर्गत आते हैं. रणवीर ने सफाई में कहा था कि उनकी तस्वीर को किसी ने फोटोशॉप किया है.
क्या सिर्फ पुरुष ही अश्लीलता फैला रहे हैं?
अब सवाल ये उठता है कि पब्लिक प्लेस पर रोज बिकिनी पहनने वाली लड़कियां खुले विचार वाली हैं और बंद कमरे में शूट कराने वाला पुरुष अश्लीलता फैला रहा है, क्या ये सही है? क्या एक पुरुष ही अश्लीलता फैला रहा है, महिला नहीं? या तो आप दोनों के लिए ही कहिए कि उनका शरीर, उनकी मर्जी, उनके कपड़े. या तो आप किसी एक जेंडर को टार्गेट मत करिए.
भेदभाव के खिलाफ लोगों ने उठाई आवाज
अब जो बात हमने ऊपर कही, वही बात सोशल मीडिया पर कई लोग कह रहे हैं. तो चलिए देख लेते हैं कि लोगों का क्या कहना है-
लेडी ऑफ इक्वालिटी नाम के अकाउंट से ट्वीट किया गया है, 'दिल्ली मेट्रो- मार्च 2023. मैं ड्रेस कोड की मांग नहीं कर रही. एक पुरुष विधायक जो टॉयलेट जाना चाहता था, वह अंडरवियर पहनकर चला गया और उसे पूरे भारत में ट्रोल किया गया.'
Delhi Metro - March 2023
— Lady Of Equality 🇮🇳 (@ladyofequality) March 31, 2023
I'm not asking for a dress code
A male MLA who wanted to go to toilet, went wearing an underwear and he was trolled in India
But this is #womensempowerment#FeminismIsCancer@Ambar_SIFF_MRA @ashrafnansari @Shivamsbisht @realsiff @Das1Tribikram pic.twitter.com/FzZBeR26n1
हरवल नाम के यूजर ने कहा, 'क्या यह वोकिज्म /नारीवाद /स्वतंत्रता /समानता का वो स्तर नहीं है, जो न्यायपालिका/ सरकार / समाज कुछ प्रजातियों के लिए चाहते थे? वो स्त्री है, कुछ भी कर सकती है. वो लड़की है, वो लड़ सकती है, उसका शरीर, उसके अधिकार हैं.'
Isn't this level of Wokism/Feminism/Freedom/Equality that Judiciary/Govt/Society wanted for some species ?
— Harawal_Nyas_Malik (@harawal_malik) April 3, 2023
vo stree hai, kuch bhi kar sakti hai
vo ladki hai, vo ladd sakti hai
It's her body, her rights
India is progressing well to become a #FailedState
इस यूजर ने विधायक और मेट्रो में बिकिनी पहनने वाली लड़की की तस्वीर शेयर कर कहा, 'इस व्यक्ति के खिलाफ अश्लीलता कानून के तहत मामला दर्ज हुआ, जबकि इस लड़की ने अश्लीलता की सभी सीमाएं पार कर दी हैं. क्या ये लैंगिक समानता है?'
This man was booked by police under Nudity , Meanwhile this girl crossed all the limit of Nudity.
— 7G_Hotspot 🇮🇳🚩 (@VImvinit007) March 31, 2023
Is it Gender Equality ? @DCP_DelhiMetro & @DelhiPolice will you book her ? pic.twitter.com/TwwUW6za8O
दीपक नाम के इस यूजर ने कहा, 'कुछ दिन पहले एक व्यक्ति अंडरवियर में चला गया था उस पर केस हो गया लेकिन ये तो लैंगिक समानता है. वो अलग बात है कि मुझे कोई परेशानी नहीं है बस दुखी हूं कि न मैं पटना में प्लैटफॉर्म नंबर दस पर था न ही दिल्ली मेट्रो में हूं.'
Kuch din pehle ek ladka underwear 🩳 mein chala gaya tha uspe case ho gaya lekin ye to gender equality hai . Wo alag baat hai mujhe koi problem nahin hai bas dukhi hun na patna mein platform no. 10 pe tha na hi delhi metro mein hun🤣🤣 #urfifevervaccine
— DSV Deepak (@ddeppaakk) April 3, 2023
इस यूजर ने कहा, 'क्या कोई इस महिला के खिलाफ केर्स दर्ज नहीं करा सकता, जैसे न्यूड फोटोशूट को लेकर रणवीर सिंह के खिलाफ कराया था.'
Can't anyone file a case against this lady like they did against Ranveer Singh for nude photoshoot? https://t.co/fCeSw7WgOD
— Krishna Prakash (@KMystry64) November 28, 2022
कई और लोगों ने इसी तरह के ट्वीट किए हैं-
What is wrong with #delhimetro
— YoursJaskier (@JaskierYours) April 2, 2023
🙈 #Girls How can you travel like this in #delhimetro 😰#DelhiMetroDiaries #delhi #womenempowement #womensafety #delhipolice #CISF #feminism #feminist #feminists
●Lets see if @OfficialDMRC @DelhiPolice have the guts to ans these ques? pic.twitter.com/IsAabGPJi7
I hate URFI JAVED! I HATE that METRO GIRL and I hate all those women who in the name of FASHION promotes NUDITY and justifies their actions using FEMINISM
— Kulfi Kumari (@Swatieholic) April 3, 2023
Our feminist leaders didn't fight for you to walk naked like this
Don't lose your morality and respectability!!!
भारत में क्या हैं अश्लीलता से जुड़े कानून
भारत के कानून की नजर में अश्लीलता को अपराध माना जाता है. इसके लिए भारतीय दंड संहिता यानी IPC की धारा 292, 293 और 294 के तहत सजा का प्रावधान है. हालांकि इसमें अश्लीलता का दायरा स्पष्ट नहीं है.
रिपोर्ट्स में कानून के जानकारों के अनुसार ऐसा कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति ऐसी अभद्र सामग्री, किताब या दूसरी कोई आपत्तिजनक चीज बेचे या फिर उसे सर्कुलेट करे, जिससे दूसरे लोगों को नौतिक रूप से दिक्कत हो, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए. मामले में दोषी पाए जाने पर 2 साल की सजा के साथ 2 हजार रुपये का जुर्माना देना पड़ सकता है.
अगर कोई व्यक्ति इस मामले में दूसरी बार दोषी पाया जाता है, तो उसे 5 साल जेल की सजा और 5 हजार रुपये का जुर्माना देना पड़ सकता है. इसके अलावा भी इस मामले में कई और धाराएं हैं.
IPC धारा 509- इस धारा के तहत अगर कोई व्यक्ति किसी महिला को लज्जा भंग करने वाली चीज दिखाता या बोलता है, तो उसके खिलाफ इसके तहत मामला दर्ज हो सकता है. इसमें दोषी पाए जाने पर 3 साल की कैद और जुर्माना देना होता है.
IT एक्ट 67 (ए)- अगर कोई शख्स इलेक्ट्रॉनिक माध्यम यानी सोशल मीडिया के द्वारा कामुक या फिर कामुकता को बढ़ावा देने वाली सामग्री को प्रकाशित या फिर प्रसारित करता है, तो उसके खिलाफ IT एक्ट 67 (A) के तहत एक्शन लिया जा सकता है.
इस मामले में दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को 5 साल जेल की सजा और 10 लाख रुपये जुर्माना देना होता है. इसके अलावा मामले में दूसरी बार दोषी पाए जाने पर व्यक्ति को 7 साल जेल की सजा और 10 लाख रुपये जुर्माना देना पड़ सकता है.
भारत में अश्लीला क्या है?
अब जान लेते हैं कि भारत में आखिर अश्लीलता है क्या? यहां अश्लीलता पर कानून तो बना है लेकिन इसे स्पष्ट रूप से परिभाषित नहीं किया गया है. IPC की धारा 292 और IT एक्ट 67 में उस सामग्री को अश्लील बताया गया है, जो कामुक या फिर कामुकता पैदा करती है.
इसके अलावा इस सामग्री को लेकर कहा गया है कि अगर इसे देखने, पढ़ने या फिर सुनने के बाद कामुकता पैदा होती है, तो वह भी अश्लीलता की श्रेणी में ही आएगा. हालांकि कानून में कामुक या फिर कामुकता किसे माना जाए, इसे लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं किया गया है. इसकी व्याख्या करने का अधिकार कोर्ट के पास है.