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महाराष्‍ट्र सीएम पद के लिए संग्राम शुरू, एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के बीच कैसे होगा सत्ता का बंटवारा । Opinion

महाराष्‍ट्र चुनाव नतीजों में भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति को बंपर बहुमत मिला है. अकेले भाजपा 125 से ज्‍यादा सीटें जीत रही है. यानी वह अकेले बहुमत से सिर्फ 20 सीट दूर है. ऐसे में देवेंद्र फडणवीस का मुख्यमंत्री बनना तय नजर आ रहा है. लेकिन, दिलचस्प होगा यह देखना कि इस जीत में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाने वाले एकनाथ शिंदे को सीएम पद के बदले में क्या मिलेगा?

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दिलचस्प है कि कितना सहज होगा एकनाथ‍ शिंदे का देवेंद्र फडणवीस महाराष्‍ट्र का सीएम पद सौंपना?
दिलचस्प है कि कितना सहज होगा एकनाथ‍ शिंदे का देवेंद्र फडणवीस महाराष्‍ट्र का सीएम पद सौंपना?

महाराष्ट्र चुनाव में भाजपा ऐतिहासिक प्रदर्शन करने जा रही है. पिछले चुनाव में जहां उसने 105 सीटें जीती थीं. इस बार वह 149 सीटों पर चुनाव लड़ी और 125 से ज्‍यादा सीटों पर जीतती दिख रही है. वहीं, एकनाथ शिंदे के नेतृत्‍व वाली शिवसेना 81 सीटों पर चुनाव लड़कर 55 सीटों पर जीत रही है. महायुति की दोनों पार्टियां मिलकर बहुमत का आंकड़ा पार कर चुकी हैं. ऐसे में मुख्‍यमंत्री पद के लिए देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे में से किसी एक नाम तय होना है. तो बड़ा सवाल ये है कि वो कौन होगा?

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महायुति की बंपर जीत में बीजेपी का हिस्‍सा बेशक अहम दिखाई दे रहा है. लेकिन, महायुति को इस मुकाम तक पहुंचाने में एकनाथ शिंदे की भूमिका का नकारा नहीं जा सकता है. अपने सौम्य व्यवहार और बेजोड़ नीतिगत फैसलों की बदौलत शिंदे ने महाराष्‍ट्र के वाटरों में अच्‍छी-खासी पैठ बनाई. वहीं, डिप्टी सीएम रहते हुए देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्‍ट्र की महाभारत में शिंदे के मजबूत सारथी के रूप में भूमिका निभाई. लेकिन, सवाल तो वही है कि सीएम तो कोई एक ही बनेगा.

अगले सीएम पद पर किसका दावा ज्‍यादा मजबूत है, इसका आधार पिछली महायुति सरकार बनने की पृष्‍ठभूमि और इस चुनाव के नतीजों के फैसले से तय होने वाला है. जैसा कि सभी जानते हैं कि शिवसेना में एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद ही महाराष्‍ट्र में महायुति सरकार बनी. लेकिन, उस समय 105 सीटों वाली बीजेपी ने तय किया कि वह शिंदे के नेतृत्‍व में आए नए दल को समर्थन देगी. शिंदे को सीएम पद मिला, जबकि भाजपा नेतृत्व ने फडणवीस को उनका डिप्टी बनने का निर्देश दिया. भाजपा की इस सदाशयता ने महायुति सरकार का पूरा कार्यकाल बिना किसी खींचतान के निपटा. ऐसे में अब जबकि भाजपा अपनी जीत के आंकड़े को और बढ़ाकर 125 से ऊपर ले जाती दिख रही है, तो समय आ गया है कि एकनाथ शिंदे अब भाजपा को रिटर्न गिफ्ट में सीएम की कुर्सी सहज सौंप दें.

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देवेंद्र फडणवीस एक बार पहले भी पांच साल महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री रहे हैं. पिछले पांच साल उन्‍होंने जैसा धैर्य रखा है, अब भाजपा नेतृत्व उन्‍हें आज्ञाकारी नेता होने का पुरस्‍कार सीएम बनाकर देगा ही.

एकनाथ शिंदे का भविष्य क्या होगा?

अब जबकि देवेंद्र फडणवीस के महाराष्‍ट्र सीएम बनने की इतनी ज्‍यादा संभावना बन रही है, तो एक सवाल एकनाथ शिंदे के भविष्‍य पर भी बनता है. सीएम रह चुके शिंदे अब कौन सी भूमिका निभाएंगे? विजयी गठबंधन में फडणवीस के डिप्‍टी तो नहीं ही बनेंगे. उम्मीद जताई जा रही है कि शिंदे को मोदी सरकार की केंद्रीय कैबिनेट में कोई बड़ा मंत्रालय सौंपा जाएगा. ताकि महाराष्ट्र में उनकी पार्टी के नेताओं और वोटरों में शिवसेना को मजबूती से स्‍थापित किया जा सके. और यह बताया जा सके कि बाल ठाकरे की विरासत के असली हकदार वे ही हैं. और उन्‍हें वैसा ही सम्‍मान दिया जा रहा है, जैसा कि बाल ठाकरे के समय शिवसैनिकों को दिया जाता था.

ताजा-ताजा: खबरें आ रही हैं कि बीजेपी और शिवसेना दोनों ओर से सीएम पद को लेकर दबाव बनाया जा रहा है. लेकिन भाषा का संतुलन कायम है. एकनाथ शिंदे ने फिलहाल इतना ही कहा है कि महायुति में ऐसा कोई फॉर्मूला तय नहीं था कि जिसकी ज्‍यादा सीटें होंगी उस पार्टी का सीएम बनेगा. साथ ही उन्‍होंने यह भी कहा कि महायुति के नेता बैठेंगे और आपस में अगले सीएम का नाम तय करेंगे. उधर, एनसीपी नेता अजित पवार की पत्‍नी सुनेत्रा ने अपने पति को सीएम बनाए जाने की मांग रख ली है.

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