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निज्‍जर वाले अंजाम से घबराए खालिस्तानी आतंकी पन्‍नू का 'डर' राहत की बात है...

फाइनेंशियल टाइम्स का कहना है कि भारत को आए दिन धमकी देने वाला खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत पन्नू को मारे जाने की साजिश अमेरिकी एजेंसियों ने विफल कर दिया है. अमेरिकी अधिकारियो ने इसके पीछे भारतीय एजेंसियों का हाथ होने से इनकार नहीं किया है. लेकिन, इसी खबर में पन्‍नू ने बयान देकर एयर इंडिया को दी गई धमकी से यू-टर्न ले लिया है.

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भारत का मोस्ट वॉन्टेड खालिस्तानी आतंकी गुरुपतवंत पन्नू को अमेरिका में मारे जाने की साजिश विफल हो गई है
भारत का मोस्ट वॉन्टेड खालिस्तानी आतंकी गुरुपतवंत पन्नू को अमेरिका में मारे जाने की साजिश विफल हो गई है

फाइनेंशियल टाइम्स के मुताबिक एयर इंडिया को उड़ाने की धमकी और विश्वकप क्रिकेट के दौरान बम धमाके की धमकी देने वाला खालिस्तानी गुरपतवंत सिंह पन्नू भी अमेरिका में भारतीय एजेंसियों के निशाने पर था. एफटी की खबर के अनुसार अमेरिकी एजेंसियों ने हत्या का प्‍लान उजागर करते हुए भारत को आगाह किया है. खबर के तथ्यों को लेकर कई तरह के सवाल उठाए जा सकते हैं, लेकिन इस खबर पर पन्नू ने जिस तरह का बयान दिया है उससे लगता है कि पन्नू भारतीय एजेंसियों की कार्रवाई से बुरी तरह डर गया है. और यह डर भारत के लिए अच्‍छा है.

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भारत में प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस का खुद को प्रमुख बताने वाला पन्नू भारत का मोस्ट वांटेड आतंकी है. भारत में उसके खिलाफ 16 केस दर्ज हैं.  कनाडा में बढ़ रही खालिस्तानी गतिविधियों के पीछे गुरपतवंत सिंह पन्नू का हाथ रहा है. ये वही पन्नू है जो अक्सर सोशल मीडिया पर भारत विरोधी बातें करता है. कनाडा मामले में पन्नू ने एक वीडियो जारी कर भारतीय मूल के हिंदुओं को कनाडा छोड़ने की धमकी भी दी थी. 

अमेरिकी अधिकारियों ने भारत से किया एप्रोच

खबर के मुताबिक अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि अमेरिकी धरती पर एक सिख अलगाववादी अमेरिकी और कनाडाई नागरिक गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश को विफल कर दिया गया है. साजिश में शामिल होने की चिंताओं पर भारत सरकार को चेतावनी जारी की गई है. इसके पहले भारत ने एक और आतंकवादी निज्जर की हत्या में नई दिल्ली की संभावित संलिप्तता के बारे में कनाडा के दावों को "बेतुका" बताकर खारिज कर दिया था. फाइनेंशियल टाइम्स का कहना है कि अमेरिकी अधिकारियों ने पीएम मोदी के कार्यालय को  इस मामले के बारे में बताया है. फिलहाल भारत के विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है.

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बाइडेन प्रशासन भी दबाव में

इसके पहले निज्जर की हत्या मामले में वाशिंगटन ने भारत से कनाडाई जांच में मदद करने का आग्रह किया था, लेकिन वैंकूवर मामले पर सार्वजनिक रूप से नई दिल्ली की आलोचना करने से अमेरिका ने हमेशा परहेज किया. दरअसल बाइडेन  प्रशासन भारत को जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ क्वाड सुरक्षा समूह के महत्वपूर्ण सदस्य के रूप में देखता है. अमेरिका को चीन से मुकाबला करने के लिए क्वाड व्यापक रणनीति का एक अहम हिस्सा है. 

बाइडेन प्रशासन के अधिकारियों को पता है कि अमेरिका में इस तरह के साजिश का कोई भी सार्वजनिक खुलासा वाशिंगटन का नई दिल्ली के प्रति विरोध के समान होगा. इस तरह के मामले को तूल देना एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में भारत की विश्वसनीयता के बारे में सवाल खड़ा करना होगा. भारत के साथ संबंधों को गहरा बनाने के चक्कर में बाइडेन प्रशासन को कई अमेरिकी मानवाधिकार समूहों की आलोचना का सामना करना पड़ा है.

पन्नू के बयान से लगता है कि वह डर गया है

फाइनेंशियल टाइम्स द्वारा संपर्क किए जाने पर पन्नू ने यह कहने से इनकार कर दिया कि क्या अमेरिकी अधिकारियों ने उन्हें साजिश के बारे में चेतावनी दी थी. पन्नू ने कहा कि वह "अमेरिकी सरकार को अमेरिकी धरती पर भारतीय गुर्गों से मेरे जीवन को खतरे के मुद्दे पर जवाब देने देंगे" उसने कहा कि "अमेरिकी धरती पर एक अमेरिकी नागरिक को खतरा अमेरिका की संप्रभुता के लिए एक चुनौती है, और मुझे विश्वास है कि बाइडेन प्रशासन ऐसी किसी भी चुनौती से निपटने में सक्षम है." पन्‍नू ने यह भी कहा कि उसने पिछले दिनों एयर इंडिया से सफर करने के सिखों को मना किया था, लेकिन यह एयरलाइंस को धमकी नहीं थी. हालांकि, वीडियो में पन्‍नू साफ साफ कहते देखा गया था कि एयर इंडिया में बैठने वालों को जान का खतरा हो सकता है. उसकी इस धमकी ने 80 के दशक में खालिस्‍तानी आतंकियों द्वारा एयर इंडिया कनिष्‍क विमान को बम विस्‍फोट से उड़ा दिये जाने की याद ताजा कर दी थी. लेकिन, इस बार धमकी देने वाला आतंकी पन्‍नू घबरा गया है. 

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करीब डेढ़ दर्जन मोस्ट वांटेड आतंकी मारे गए विदेशों में

पिछले करीब डेढ़ सालों में विदेशी सरजमीं पर भारत के मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों की करीब डेढ़ दर्जन से अधिक हत्याएं हुई हैं. पिछले कुछ समय से पाकिस्तान, नेपाल, कनाडा और ब्रिटेने में भारत के मोस्ट वॉन्टेड आतंकी मारे गए हैं. कहा जा रहा है कि इसके पीछे भारतीय एजेंसियां हैं. हालांकि भारत सरकार ने इस तरह के हर आरोपों का खंडन किया है. 
 

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