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गहलोत के खिलाफ राजस्थान के टोंक से मोदी को अच्छी बैकअप फायरिंग दे रहे हैं रमेश बिधूड़ी

संसद में दानिश अली पर विवादित टिप्पणी के बाद बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी को राजस्थान के टोंक भेज दिया गया था. वो फिर से पुराने फॉर्म में देखे जा रहे हैं. मोदी-शाह और हिमंत बिस्वा सरमा की तरह वो भी कन्हैयालाल का मामला उठा रहे हैं - और लगे हाथ टोंक का लाहौर कनेक्शन भी समझाने लगे हैं.

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टोंक से लाहौर कनेक्शन जोड़ चुके रमेश बिधूड़ी की आवाज दिल्ली तक पहुंचने लगी है
टोंक से लाहौर कनेक्शन जोड़ चुके रमेश बिधूड़ी की आवाज दिल्ली तक पहुंचने लगी है

उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड से राजस्थान थर्रा उठा था, और पूरा देश सकते में था. डेढ़ साल पुराने केस में इंसाफ का अभी इंतजार है, और जांच का जिम्मा NIA के पास है. हत्या के आरोपियों के खिलाफ एक्शन को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने सामने हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान पुलिस के एक्शन की दुहाई देकर कांग्रेस सरकार की तत्परता जताने की कोशिश कर रहे हैं, तो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सारा क्रेडिट एनआईए यानी राष्ट्रीय जांच एजेंसी को दे रहे हैं. 

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कन्हैया लाल हत्याकांड के बहाने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थान में आतंकवाद से लेकर कानून-व्यवस्था की हालत तक की स्थिति खराब बताते हुए लोगों से विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के सफाये की अपील कर रहे हैं. मोदी और शाह की ही तरह असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा तक कन्हैयालाल हत्याकांड को लेकर राजस्थान के लोगों को चुनावी रैलियों में लगातार समझा रहे हैं कि कांग्रेस सरकार को क्यों सत्ता से बेदखल करना जरूरी है - ऐसे में भला बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी कैसे पीछे रहते. 

संसद में विवाद होने के बाद दिल्ली के बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी को राजस्थान के टोंक जिले का चुनाव प्रभारी बना दिया गया था. फौरन ही वो रवाना हुए और मोर्चा भी संभाल लिये - और अब तो टोंक से उनकी मजबूत मौजूदगी के रुझान भी आने लगे हैं, जो दिल्ली तक दस्तक दे रहे हैं. 

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मोदी-शाह और सरमा की तरह बिधूड़ी ने भी कन्हैयालाल की हत्या का मामला उठाया है, लेकिन चार कदम आगे बढ़ कर उसे पाकिस्तान से जोड़ दिया है. करीब करीब वैसे ही जैसे 2015 के बिहार चुनाव में बीजेपी नेता अमित शाह का भाषण सुना गया था. बेतिया की की चुनावी रैली में अमित शाह ने कहा था, 'अगर बिहार में भाजपा की सरकार नहीं बनी तो दीवाली पर पाकिस्तान में पटाखे फोड़े जाएंगे.'

टोंक राजस्थान कांग्रेस में हाशिये पर भेजे जा चुके सचिन पायलट का इलाका है. रमेश बिधूड़ी अपनी चुनावी समभाओं में कह रहे हैं कि राजस्थान के चुनाव पर पूरे देश ही नहीं, पाकिस्तान की भी नजर है. और उसमें भी विशेष रूप से टोंक सीट पर. अपनी बात को अपनी दलीलों के जरिये समझाने की पूरी कोशिश भी करते हैं. 

राजस्थान में 25 नवंबर को वोट डाले जाने हैं - और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को पांच राज्यों की विधानसभा चुनावों के साथ ही होनी है. 

टोंक में भी बिधूड़ी का दिल्ली जैसा प्रदर्शन

संसद के विशेष सत्र में चंद्रयान -3 की कामयाबी पर चर्चा के दौरान रमेश बिधूड़ी ने बीएसपी सांसद कुंवर दानिश अली पर हमला बोल दिया था. उनकी विवादित टिप्पणी पर दिल्ली में बवाल होने लगा तो बीजेपी ने बिधूड़ी को टोंक का प्रभारी बना कर राजस्थान भेज दिया था - टोंक पहुंच कर रमेश बिधूड़ी कन्हैयालाल की हत्या का मामला तो उठा ही रहे हैं, राजस्थान चुनाव में अपनी तरफ से पाकिस्तान ऐंगल अलग से ढूंढ लिया है. 

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कन्हैयालाल हत्याकांड का नाम लेकर मोदी-शाह और हिमंत बिस्वा सरमा ने राजस्थान में आतंकवाद का मुद्दा उठाया है, लेकिन रमेश बिधूड़ी इम मामले में भेदभाव का आरोप लगा रहे हैं. ठीक वैसे ही जैसे 2017 के यूपी चुनाव में कब्रिस्तान और श्मशान की बातें हुआ करती थीं.

टोंक की एक चुनावी सभा में रमेश बिधूड़ी समझाते हैं, 'टोंक पर हमास जैसे आतंकवादी नजर गड़ाए बैठे हैं... यहां एक्सीडेंट में अगर कोई विशेष समुदाय का मारा जाएगा तो उसके परिवार को नौकरी और 50 लाख रुपये दिए जाते हैं... दूसरी ओर किसी बेकसूर कन्हैया की हत्या कर दी जाती है तब भीख के रूप में 5 लाख रुपये दिए जाते हैं. 

रमेश बिधूड़ी कहते हैं, इस चुनाव पर देश की नजर नहीं, देश के बाहर बैठे दुश्मनों की भी है... ये अस्मिता का सवाल है. धीरे धीरे रमेश बिधूड़ी अपने फॉर्म में आ जाते हैं - और PFI का नाम लेकर राजस्थान चुनाव को सीधे पाकिस्तान से जोड़ देते हैं. 

अपनी तरफ से राजस्थान के लोगों को आगाह करते हुए रमेश बिधूड़ी कहते हैं, हमको ये देखना है कि मतदान के बाद देश में लड्डू बंटता है या फिर लाहौर में?

बीजेपी सांसद बिधूड़ी लोगों से पूछने वाले अंदाज में कहते हैं, 'पीएफआई के लोगों को शरण कौन देता है? पीएफआई के लोग पकड़े जाते हैं तो उनको रोटी कौन खिलाता है?' और खुद ही जवाब भी देते हैं, 'टोंक में बैठने वाले लोग खिलाते हैं... यहां तो लाहौर की भी नजर है. 25 तारीख को वोटिंग के बाद देखना है कि देश में लड्डू बंटता है या फिर लाहौर में बंटता है?'

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और फिर अपनी तरफ से आगाह भी करते हैं, 'हमें ध्यान रखना है कि यहां चुनाव नतीजे आने के बाद भारत में लड्डू बंटने चाहिये... लाहौर में नहीं.'

मोदी चाहते हैं कांग्रेस मुक्त राजस्थान 

कन्हैयालाल की हत्या का जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिर्फ राजस्थान में ही नहीं किया, राज्य से बाहर की चुनावी रैलियों में भी जोर देकर जिक्र किया है. शायद ये ऐसा मामला है जिसके बहाने कांग्रेस को घेरना बीजेपी के लिए थोड़ा आसान हो जाता है. 

राजस्थान बीजेपी के कैंपेन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी लोगों से कह रहे थे, 'जहां कहीं भी कांग्रेस की सरकार होती है, आतंकवादियों और दंगाइयों का हौसला बढ़ जाता है - और इसकी असली वजह है... कांग्रेस की तुष्टिकरण की नीति.' बीजेपी शुरू से ही कांग्रेस पर मुस्लिम तुष्टिकरण का इल्जाम लगाती रही है. मोदी का कहना है कि कांग्रेस शासन में महिलाओं पर अत्याचार के मामले में देश में सबसे आगे राजस्थान चल रहा है.

बाड़मेर की रैली में प्रधानमंत्री मोदी लोगों को अपनी स्टाइल में समझाते हैं, ये चुनाव सिर्फ विधायक चुनने के लिए नहीं है... ये चुनाव राजस्थान में कानून और व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए है... ये चुनाव कांग्रेस को सत्ता से बेदखल कर बीजेपी की सरकार बनवाने के लिए है - ताकि, राजस्थान की संस्कृति और परंपरा को बचाने और बनाये रखने पर काम हो सके.

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कहते हैं, 'पिछले पांच साल में राजस्थान के लोग शांति से कोई भी त्योहार नहीं मना सके हैं,' - और फिर ये भी समझाते हैं कि इसकी वजह क्या है. मोदी बताते हैं, 'कभी यहां दंगे होते हैं, कभी पत्थरबाजी तो कभी कर्फ्यू लग जाता है... कांग्रेस के पिछले पांच साल के शासन की यही असली तस्वीर है. ऐसे में कांग्रेस को यहां से खदेड़ना बेहद जरूरी हो गया है.'

ऐसा लगता है जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मन की बात' बाकियों के मुकाबले ज्यादा ध्यान से सुनते हैं - और जो सुनते हैं, उस पर अमल भी करते हैं. बस और क्या चाहिये.

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