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व्यंग्य: अक्षता सुनक को लेकर एक किटी पार्टी में जो जो बातें हुईं...

चाहे सादगी हो या लुक्स भारत आईं अक्षता सुनक ने फेमिनिस्ट से लेकर सोशलाइट्स और पार्टी गोइंग स्वघोषित 'मॉडर्न' महिलाओं की बिरादरी में गॉसिप का मटेरियल तो दे ही दिया है. किट्टी में अक्षता के लुक्स और कपड़ों को लेकर जो बातें हो रही हैं, उससे तमाम महिलाओं की चिंता साफ़ जाहिर हो जाती है.

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भले ही कपड़ों और लुक्स को लेकर आलोचना हो लेकिन वाक़ई अक्षता सुनक की सादगी ने दिल जीत लिया है-16:9
भले ही कपड़ों और लुक्स को लेकर आलोचना हो लेकिन वाक़ई अक्षता सुनक की सादगी ने दिल जीत लिया है-16:9

I mean what the hell was that... कोई क्लास ही नहीं. कितना कुछ सोचा था हमने लेकिन यार सोनिया सब इस अक्षता मूर्ति 'सुनक' ने चौपट कर दिया.

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नहीं तू खुद बता? कोई ऐसे कहीं अपने पति के साथ जाता है? मेरे टिंकू की जो मेड है न, वो भी जब घर आती है तब तैयार होकर, डियो, लिप ग्लॉस, मस्कारा लगाकर आती है... अरे नहीं नहीं तू जो समझ रही है वैसा कुछ नहीं है. एक्चुअली टिंकू पूरा अपने पापा पर गया है You Know He Just Love Hygiene And Good Looking Person.

किट्टी के दौरान अभी मिसेज भंडारी G 20 Summit में पति ऋषि सुनक के साथ भारत आईं अक्षता मूर्ति, उनके ड्रेसिंग सेंस, स्टाइल को जज ही कर रही थीं कि वर्जिन मोइतो की सिप लेकर मिसेज ठकराल, जो आज से पहले तक कभी मिसेज भंडारी से सहमत न हुईं तपाक से बोल उठीं. Have You Seen That Moment Mrs Bhandari जब उस लाल छाते में दोनों बारिश का मजा ले रहे थे?

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I Tell You That Was So Middle Class! मतलब यार ठीक है कम्फर्ट अपनी जगह है लेकिन कोई इस तरह किसी दूसरी कंट्री में घूमने जाता है? वो भी तब जब उसका पति कोई और नहीं यूके का प्राइम मिनिस्टर ऋषि सुनक हो? इतने प्लेन कपड़े कोई कैसे पहन सकता है? यार एक आद दो फ्लोरल प्रिंट आजकल किसके वार्डरोब में नहीं होते? प्लाजो देखा था आपने उसका? कोई अच्छा डिज़ाइनर अगर उसे डिज़ाइन करता तो कितना स्कोप होता उसमें.

मिसेज भंडारी और मिसेज ठकराल की अक्षता वाली इस बीचिंग पर मिसेज खान अपने को नहीं रोक पाई और एक हाथ में आम पन्ना और दूसरे हाथ में फ्रेंच फ्राई दबाए वो भी जल्द ही महफ़िल में आ गयीं और इस ज़रूरी मुद्दे पर अपनी राय रखी.

मिसेज खान की दिलचस्पी अक्षता के कपड़ों में बिलकुल नहीं थी. उनका मुद्दा ज्वेलरी था. मिसेज गुप्ता को कि मिसेज खान की पक्की सपोर्टर थीं वो भी आ गयीं थीं तो उनकी तरफ इशारा करते हुए उन्होंने मिसेज भंडारी से कहा यार जब आपका पति कोई और नहीं खुद ऋषि सुनक हो और आप खुद करोड़ों की मालकिन हों तो डायमंड्स, प्लेटिनम क्या कुछ नहीं अफोर्ड कर सकते आप. मगर देखो तो इस अक्षता को? नेकलेस, इयररिंग, ब्रॉश कितने ऑप्शन थे इसके पास लेकिन जिस तरह ये आई मेरा तो मन ही न हुआ टीवी पर इसे देखने का.

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मैं फेसबुक चला रही थी तो मेरी एक फ्रेंड ने इसकी कुछ तस्वीरें पोस्ट की थीं. जब मैंने उन्हें ज़ूम किया तो मुझे अपनी आंखों पर यकीन ही नहीं हुआ. How Could Somebody Can Pretend To Be Sober.

किट्टी में एक तरफ ये बातें थीं, दूसरी तरह उन बातों और उन लोगों की भी कोई कमी नहीं थी जिनका मुद्दा अक्षता का एक Happily Married सुहागन होने के बावजूद इस तरह घूमना फिरना था. मिसेज मेहरा को कि थोड़ी कंजर्वेटिव टाइप हैं, मिसेज अग्रवाल से कहने लगीं कि श्रृंगार किसी भी महिला के लिए गहने की तरह हैं. जब आप भारतीय हों, विदेश में रह रहे हों और किसी इवेंट के लिए भारत जैसे देश में आ रहे हों तो कुछ न भी किया जाए तो मेहंदी तो लगाई ही जा सकती है.

अभी मिसेज मेहरा अपना वाक्य पूरा भी नहीं कर पाई थीं कि मिसेज अग्रवाल बोल उठीं, सही कह रही हैं आप. अरे हम थोड़ी कह रहे हैं कि कहीं जाओ तो आलता लगा कर जाओ लेकिन विजिबल मंगल सूत्र और सिंदूर में क्या ही बुराई थी. अक्षता लगा लेती तो अच्छा ही रहता. कम से कम देश दुनिया को पता तो चलता कि अक्षता Proud Indian है.

ऐसा भी नहीं था कि किट्टी में सब अक्षता सुनक और उसकी स्टाइल के खिलाफ थे. वहां भी उसे उस वोक सोशलाइट महिलाओं का समर्थन मिला जिनके लिए Comfort और Self Satisfaction हमेशा ही लाइफ का एक अहम पहलू रहा है. मिस गुरनानी, ने किट्टी में इस बात को डंके की चोट पर कहा कि अक्षता की मर्जी है कि वो क्या पहने क्या नहीं. उसकी लाइफ है. उसका पति है आखिर हम लोग जज ही उसे क्यों कर रहे हैं.

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भले ही किट्टी में मिस गुरनानी ने अक्षता की बिचिंग पर मुंह फुलाया हो लेकिन इतिहास गवाह रहा है मेजॉरिटी ने हमेशा ही माइनॉरिटी बिरादरी की बेकद्री की है. किसी ने उनकी बातों पर कान नहीं दिए और जिसके मन में जो आ रहा था उसने वो कहा.

बात सिर्फ इस किट्टी या ऐसी किसी और किट्टी पार्टी की नहीं है. तमाम महिलाएं हैं जो कपड़ों और लुक्स को लेकर ऋषि सुनक की पत्नी अक्षता मूर्ति सुनक की आलोचना में अपने आंसू बहा रही हैं. कहीं मुद्दा उनके कपड़े हैं कहीं सुहागन होने के बावजू उनका दिखना लेकिन बड़ा सवाल हो हमारे सामने है, लोग ये क्यों भूल गए कि आखिर ऋषि के साथ अक्षता भारत आई क्यों थी? क्या उनका इस ठाठ से भारत आना इतना ही साधारण था?

कभी आलोचना को दरकिनार कर जवाब खुद सोचियेगा. पता चल जाएगा कि इस छोटी सी उम्र में जो अक्षता ने कर दिया वो दुनिया की किसी भी अन्य महिला के लिए बस एक हसीं सपना ही होता है, हां एक ऐसा सपना जो शायद नींद में पूरा हो भी जाए लेकिन जब बात हकीकत की होती है तो जवाब हम सबको पता है.

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