दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए आज बुधवार को मतदान हो रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी लगातार तीसरी बार सत्ता पाने के लिए संघर्ष कर रही है. भारतीय जनता पार्टी ही नहीं इस बार कांग्रेस ने भी आप के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल रखा है. फिर भी मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच माना जा रहा है. एंटी इंकंबेंसी , दिल्ली में किए गए खास कामों को पूरा न कर पाना, साफ पीने की पानी की समस्या आदि के बावजूद दिल्ली में आम आदमी पार्टी मेन फोर्स बनी रही . भारतीय जनता पार्टी अरविंद केजरीवाल के पैंतरों में तो उलझती पर जल्द ही उसे अपना नरेटिव बना लेती. जैसे मध्य वर्ग के लिए अरविंद केजरीवाल ने घोषणापत्र जारी करते हुए केंद्र सरकार से 7 डिमांड की मांग रखी. जवाब में बीजेपी ने आठवें वेतन आयोग की सिफारिश इनकम टैक्स स्लैब में बढ़ोतरी करके मध्यवर्ग का नरेटिव ही सेट कर दिया. चुनाव परिणाम चाहे जो आए आम आदमी पार्टी ने अपनी ताकत का अहसास भली भांति कराया है. इतना तो मानना ही होगा 2013, 2015 और 2020 कि विजय के बाद भी अरविंद केजरीवाल को दिल्ली से पूरी तरह बाहर करना आसान नहीं है. आइये देखते हैं कि किस तरह चुनाव प्रचार के दौरान अरविंद केजरीवाल एजेंडा सेट करते पर बीजेपी के दांव में खुद फंस जाते रहे.
1-दिल्ली में जहरीले पानी की सप्लाई को आप ने एजेंडा बनाना चाहा, पर उल्टा पड़ गया
27 जनवरी को एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा की तरफ से दिल्ली को उपलब्ध कराए जा रहे पानी की खराब गुणवत्ता का मुद्दा उठाया था. केजरीवाल ने कहा था,'लोगों को पानी से वंचित करना, इससे बड़ा पाप कुछ भी नहीं है. भाजपा अपनी गंदी राजनीति से दिल्ली की जनता को प्यासा छोड़ना चाह रही है. वे हरियाणा से भेजे जा रहे पानी में जहर मिला रहे हैं. केजरीवाल ने आगे कहा था,'यह प्रदूषित पानी इतना जहरीला है कि इसे दिल्ली में मौजूद वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की मदद से उपचारित नहीं किया जा सकता है. भाजपा दिल्लीवासियों की सामूहिक हत्या करना चाहती है. पर हम ऐसा नहीं होने देंगे.' अरविंद केजरीवाल ने यहां तक कहां कि दिल्ली जल बोर्ड के इंजीनियरों ने समय रहते पानी को दिल्ली के बॉर्डर पर रोक दिया नहीं तो न जाने कितने लोगों की जान चली गई होती. इसके बाद आम आदमी पार्टी ने बीजेपी को हरियाणा बॉर्डर के पानी को पीने का चैलेंज किया. पर हरियाणा सीएम नायब सैनी ने हरियाणा से भेजे जा रहे यमुना का पानी पीकर आप के एजेंडे को ही फेल कर दिया. बीजेपी ने दिल्ली में साफ पानी के मुद्दे को इस तरह गरम कर दिया कि राहुल गांधी ने भी अरविंद केजरीवाल को यमुना में डुबकी लगाने का चैलेंज कर दिया. साफ पीने के पानी को भी राहुल ने मुद्दा बनाया.
2-रमेश बिधूड़ी पर आतिशी के अपमान का आरोप लगाया पर बीजेपी ने उल्टा फंसा दिया
रमेश बिधूड़ी बीजेपी के बड़बोले नेता रहे हैं. दिल्ली की सीएम आतिशी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. आम आदमी पार्टी ने उन पर आतिशी के खिलाफ अपमानजनक बात बोलने का आरोप लगाया. रमेश बिधूड़ी ने आतिशी के सरनेम में सिंह जोड़े जाने का मुद्दा उठाया था. आम आदमी पार्टी ने इसे मुद्दा बनाया पर बीजेपी ने इसे अफजल गुरु के समर्थन से जोड़कर आम आदमी पार्टी को बैकफुट पर डाल दिया. फिर आप ने आरोप लगाया कि बीजेपी रमेश बिधूड़ी जैसे व्यक्ति को सीएम बनाना चाहती है. पर इसका उल्टा प्रभाव होते देख बिधूड़ी को सीएम कैंडिडेट बोलना आम आदमी पार्टी को बंद करना पड़ा. दरअसल उनके बिधूड़ी के सीएम कैंडिडेट बोलने से कालकाजी ही नहीं बल्कि कई अन्य सीटों पर गुर्जर वोटों के ध्रुवीकरण का खतरा पैदा हो गया था.
3-मध्यम वर्ग के लिए घोषणापत्र जारी किया, मोदी सरकार ने आयकर छूट से सब बराबर कर दिया
23 जनवरी को, दिल्ली की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने मिडल-क्लास का घोषणापत्र जारी किया, जिसमें केंद्र सरकार से कई मांगें की गईं थीं. जैसे कि शिक्षा और स्वास्थ्य बजट बढ़ाना और आयकर छूट की सीमा को बढ़ाना. इन्हीं मांगों में उन्होंने इनकम टैक्ट स्लैब की सीमा 7 लाख से बढ़ाकर 10 लाख करने की डिमांड रखी थी. विपक्ष अक्सर उस संख्या को सामने रखता है जिस नंबर तक कभी भी सत्तारूढ़ पार्टी पहुंच न सके. पर इस बार हो गया उल्टा. जितना आम लोगों और विपक्ष के नेताओं को यकीन न था उससे अधिक मिल गया. मोदी सरकार ने 12 लाख तक आय की सीमा को टैक्स मुक्त कर दिया है. इस तरह वित्तमंत्री का यह फैसला दिल्ली की राजनीति में अरविंद केजरीवाल के नहले पर दहला पड़ गया है. यही नहीं केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोगा के गठन को मंजूरी देकर अरविंद केजरीवाल के इस एजेंडों की हवा ही निकाल कर रख दी.
4-खत्म हो गई केजरीवाल की रेवड़ियां बांटने की मोनोपॉली
अरविंद केजरीवाल ने देश की राजनीति में आम जनता को मुफ्त बिजली -पानी -बस यात्रा, स्वास्थ्य सुविधाओं -एजुकेशन आदि उपलब्द कराने का दावा किया. आम आदमी पार्टी ने हर महिला को 2100 रुपये हर महीने देने का वादा किया. पर बीजेपी ने आम आदमी पार्टी की बांटी जा रही रेवड़ियों को चालू रखने का वादा करके हर महिला को 25 00 रुपये हर महीने देने का वादा कर दिया. साथ ही में यह भी आरोप लगा दिया कि आप सरकार अगर महिलाओं को रुपये देना चाहती थी दिया क्यों नहीं. अगली बार सत्ता में आने का इंतजार क्यों किया. क्या पंजाब की तरह से यहां भी स्थिति नहीं बन पा रही है.