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INDIA गुट की बंग-जंग... ममता बनर्जी सख्‍त और राहुल गांधी सॉफ्ट क्‍यों बने हुए हैं?

कांग्रेस के साथ भी ममता बनर्जी वैसे ही पेश आ रही हैं जैसे सीपीएम या बीजेपी जैसे राजनीतिक दल उनके निशाने पर रहते हैं, फिर भी कांग्रेस नेतृत्व रिएक्ट नहीं कर रहा है. वो कहती हैं टीएमसी एक भी सीट नहीं देने वाली है, लेकिन कांग्रेस की तरफ मिल कर ही चुनाव लड़ने की बातें हो रही है - आखिर माजरा क्या है?

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ममता बनर्जी के साथ भी राहुल गांधी, अखिलेश यादव की तरह डबल गेम क्यों खेल रहे हैं?
ममता बनर्जी के साथ भी राहुल गांधी, अखिलेश यादव की तरह डबल गेम क्यों खेल रहे हैं?

ममता बनर्जी ने तो कांग्रेस के साथ जंग का ऐलान पहले ही कर दिया था, नीतीश कुमार का मामला तो बाद की बात है. जैसे बिहार में राहुल गांधी के दौरे के एक दिन पहले ही नीतीश कुमार ने INDIA ब्लॉक और महागठबंधन छोड़ दिया था, ममता बनर्जी ने भी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के पश्चिम बंगाल में दाखिल होने के पहले ही लोक सभा चुनाव अकेले लड़ने की घोषणा कर दी थी. 

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राहुल गांधी के साथ ममता बनर्जी और नीतीश कुमार दोनों ही नेताओं का एक मिलता जुलता ही रिएक्शन रहा. फर्क बस ये रहा कि नीतीश कुमार विपक्षी खेमे की सियासत की सरहद की लांघ गये - और ममता बनर्जी हैं कि कांग्रेस को बंगाल की सीमा से बाहर करने पर तुली हुई हैं. 

नीतीश कुमार के खिलाफ तो राहुल गांधी बिहार की रैली में चुटकुला तक सुना चुके हैं, जातिगत गणना का तो क्रेडिट तक नहीं दे रहे हैं, - लेकिन ममता बनर्जी के खिलाफ तो पूरी तरह खामोशी ही अख्तियार किये हुए हैं. राहुल गांधी की ऐसी ही खामोशी 2019 के आम चुनाव में मायावती के प्रति देखने को मिल रही थी. और याद करें तो कांग्रेस के प्रति ममता बनर्जी का व्यवहार भी वैसा ही लगता है जैसे तब मायावती पेश आ रही थीं - और कॉमन बात ये है कि राहुल गांधी और अधीर रंजन चौधरी को छोड़ कर उनके तमाम साथी ममता का ताप चुपचाप सहे जा रहे हैं.

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पूछे जाने पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश बस इतना ही बताते हैं कि कांग्रेस की तरफ से अंतिम फैसला नहीं लिया गया है. जयराम रमेश कहते हैं, गठबंधन में सभी सहयोगी दलों को एक तरह की ही बात करनी चाहिये... एकतरफा फैसला नहीं लिया जा सकता है... INDIA ब्लॉत में तीन पार्टियां हैं... अगर तीनों को अलग-अलग चुनाव लड़ना है तो आधिकारिक तौर पर घोषणा करनी चाहिये... फिलहाल हम लोग पश्चिम बंगाल में भी मिलकर ही चुनाव लड़ने पर विचार कर रहे हैं.

लेकिन ममता बनर्जी पर ऐसी बातों का कोई असर नहीं हो रहा है. एक तरफ बिहार से दोबारा राहुल गांधी पश्चिम बंगाल में दाखिल होते हैं, और ममता बनर्जी भी दौरे पर निकल पड़ी हैं. एक कार्यक्रम में ममता बनर्जी जंग-ए-ऐलान कुछ ऐसे करती हैं, 'ये टीएमसी है जो राज्य के लोगों के अधिकारों के लिए लड़ रही है... हमें बंगाल में कांग्रेस-सीपीएम और बीजेपी गठजोड़ को हराने के लिए एकजुट होना चाहिये.'

राहुल गांधी की कार शीशा कैसे टूटा?

पहले खबर आई की राहुल गांधी की कार पर हमला हुआ है, फिर कांग्रेस की तरफ से ही खंडन भी आ गया. घटनास्थल मालदा का हरिश्चंद्रपुर इलाका बताया गया था - और हमले का दावा भी पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी की तरफ से किया गया था. 

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अधीर रंजन चौधरी का कहना था, 'राहुल गांधी जिस गाड़ी में यात्रा कर रहे थे... उसका पीछेवाला शीशा पथराव के बाद तोड़ दिया गया.' अधीर रंजन चौधरी का कहना था कि इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा.

घटना को लेकर एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें राहुल गांधी गाड़ी से उतर कर टूटा हुआ शीशा देखने जा रहे हैं. ये भी बताया गया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को किसी तरह की चोट नहीं आई है. 

घटना के बारे में जानकारी देते हुए कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी का कहना था, पीछे से किसी ने पत्थर मारा होगा... पुलिस अनदेखी कर रही है... अनदेखी के चलते ये घटना घटी... कोई बड़ी घटना भी हो सकती है.

फिर ममता बनर्जी का भी बयान आ गया, मेरे पास मैसेज आया कि राहुल गांधी की कार पर पथराव किया गया है... मैंने पता किया कि वास्तव में हुआ क्या... मैंने पाया कि ये घटना बंगाल में नहीं बल्कि बिहार के कटिहार में हुई... जब कार बंगाल आईआ तब उसका शीशा पहले से टूटा हुआ था.

ममता बनर्जी ने घटना की निंदा भी की - और कहा, 'ये कुछ नहीं... बल्कि ड्रामा है.'

राहुल गांधी के साथ हुई घटना को ममता बनर्जी के ड्रामा बताने की बात समझने की कोशिश ही चल रही थी कि कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत का बयान आ गया. सोशल साइट X पर सुप्रिया श्रीनेत की बात से तो ऐसा लगा जैसे वो अधीर रंजन चौधरी पर ही फेक न्यूज फैलाने का इल्जाम लगा रही हों.  

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सुप्रिया श्रीनेत ने लिखा, 'गलत खबर का स्पष्टीकरण जरूरी है. राहुल जी से मिलने अपार जनसमूह आया हुआ था... एक महिला उनसे मिलने के लिये जब एकदम से आगे आ गयीं... तब कार को अचानक रोकना पड़ा... सुरक्षा घेरे में इस्तेमाल किए जाने वाले रस्से से कार की विंडशील्ड टूट गई... राहुल जी न्याय की लड़ाई मुस्तैदी से लड़ रहे हैं और यह देश न सिर्फ उनके साथ खड़ा है बल्कि उनको सुरक्षित भी रखे रहेगा. 

वीडियो में तो साफ साफ नजर आ रहा है कि राहुल गांधी की कार का शीशा टूटा हुआ है, लेकिन देख कर ये तो नहीं ही समझा जा सकता कि शीशा टूटा कैसे?

और जिस शीशे के टूटने को लेकर अधीर रंजन चौधरी हमले का दावा कर रहे थे, वही दावा सुप्रिया श्रीनेत की तरफ से खारिज क्यों किया जा रहा है? राहुल गांधी के साथ साथ उनकी सुरक्षा व्यवस्था भी साथ साथ चलती है, ऐसे में जो कुछ हुआ होगा घटना के चश्मदीद भी होंगे. 

लेकिन दो कांग्रेस नेताओं के एक दूसरे विपरीत बयानबाजी को कैसे और क्या समझें? 

अधीर रंजन चौधरी की तरफ से ऐसा दावा भी किया गया था कि राहुल गांधी की यात्रा रोकने की भी कोशिशें हुईं. क्या अधीर रंजन हमले का दावा कर उसी बात को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे थे - और सुप्रिया श्रीनेत सामने आकर उनके दावों को खारिज कर रही हैं?

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क्या कांग्रेस नेतृत्व ममता बनर्जी के साथ भी वैसा ही खेल खेल रहा है, जैसा मध्य प्रदेश चुनाव के दौरान अखिलेश यादव के साथ राजनीति चल रही थी?

ममता आक्रामक होती जा रही हैं, लेकिन कांग्रेस बेहद नरम क्यों

हाल ही में ममता बनर्जी की कार हादसे का शिकार हो गई थी, जिसमें उनको भी चोट लगी थी. बताते हैं कि हादसे के बाद सोनिया गांधी ने फोन कर उनका हालचाल पूछा था. और उसके बाद तो कांग्रेस की तरफ से जोर देकर लोक सभा चुनाव के लिए सीट शेयरिंग की बातें होने लगी थीं - लेकिन ममता बनर्जी के ताजा रुख से तो ऐसा लगता है जैसे अब कोई स्कोप नहीं बचा है. 

मालदा की ही एक सभा में ममता बनर्जी का कहना था, सीपीएम ने पहले भी कई बार मुझ पर हमला किया है... मुझे बेरहमी से पीटा गया... मैं अपने शुभेच्छुओं के आशीर्वाद के चलते ही जिंदा हूं... मैं वामपंथियों को कभी माफ नहीं कर सकती.

और फिर कांग्रेस को टारगेट करते हुए ममता बनर्जी कहती हैं, ' ...जो आज सीपीएम के साथ हैं, वो बीजेपी के साथ भी हो सकते हैं.'

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