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International Yoga Day 2024: मानसिक तौर पर मजबूत होते हैं योग करने वाले छात्र, जानिए क्या कहती है रिसर्च

योग के छात्रों और अन्य पाठयक्रम के छात्रों के बीच तनाव के स्तर में काफी अंतर देखने को मिला. हालांकि लचीलेपन (resilience) के मामले में कोई खास अंतर नहीं पाया गया. योग करने वाले छात्र अधिक स्वस्थ और मानसिक रूप से बेहद मजबूत पाए गए. साथ ही उनमें किसी नई चीज को सीखने की ललक में भी काफी अंतर दिखा.

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योगाभ्यास करने वाले छात्र मानसिक रूप से मजबूत
योगाभ्यास करने वाले छात्र मानसिक रूप से मजबूत

Yoga Day: योग एक ऐसी विधा है जो न सिर्फ तन को स्वस्थ रखता है बल्कि मन को भी स्वस्थ बनाता है. यह भारतीय पद्धति अब दुनियाभर में अपनी खास पहचान बना चुकी है. योग के जरिए इंसान तनावपूर्ण स्थिति पर आसानी से नियंत्रण बनाए रख सकता है. International Journal of Research and Analytical Reviews में छपे एक रिसर्च पेपर से यह बात सामने आई है कि जो छात्र योग का लगातार अभ्यास करते हैं उनकी मानसिक स्थिति आम छात्रों की तुलना में कहीं बेहतर होती है. 

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रिसर्चर अमित रायकवार ने साल 2024 में देश के अलग-अलग हिस्सों से दो तरह के छात्रों के ग्रुप का चयन किया था. पहले ग्रुप में योग करने वाले 120 छात्रों को रखा गया और दूसरे में अन्य पाठ्यक्रम के 124 छात्रों को शामिल किया गया था. अध्ययन के लिए पर्सिव्ड स्ट्रेस स्केल (Perceived Stress Scale PSS), और कॉनर-डेविडसन रेजिलिएंस स्केल Connor-Davidson Resilience Scale, CD-RISC) का इस्तेमाल किया गया.

योगाभ्यास करने वाल छात्रों की मानसिक स्थिति बेहतर

अध्ययन के लिए देश के कई विश्वविद्यालयों से कुल 224 छात्रों को चुना गया. जिसमें से 45 फीसदी पुरुष थे और 55% प्रतिशत महिलाएं थीं. इन प्रतिभागियों की आयु 18 से 30 साल के बीच थी. इस तरह से प्रतिभागियों की औसत आयु 22-31 साल रही. योग करने वाले छात्रों को विभिन्न योग केंद्रों और विश्वविद्यालय के योग विभाग से चुना गया था. जबकि अन्य छात्रों को अलग-अलग पाठ्यक्रमों से चुनकर अलग ग्रुप में रखा गया था.

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योग बनाता है मानसिक रूप से मजबूत
योग बनाता है मानसिक रूप से मजबूत

अध्ययन के दौरान छात्रों से संपर्क करने और डेटा संग्रह से पहले उनके संबंधित विश्वविद्यालय से नैतिक अनुमोदन और अनुमति ली गई थी. इसके लिए हर छात्र से व्यक्तिगत रूप से संपर्क किया गया और उन्हें अध्ययन के बारे में बताया भी गया. इस दौरान जिन छात्रों ने अध्ययन के लिए अपनी सहमति जताई उन्हें ही रिसर्च में शामिल कर प्रश्नावली दी गई और उनकी राय जानी गई.

योगाभ्यास करने वाले छात्रों में मध्यम स्तर का तनाव

इसके बाद प्राप्त डाटा के सांख्यिक मूल्यांकन किया गया. मूल्यांकन के बाद योग के छात्रों और अन्य पाठयक्रम के छात्रों के बीच तनाव के स्तर में काफी अंतर देखने को मिला. हालांकि लचीलेपन (resilience) के मामले में कोई खास अंतर नहीं पाया गया. योग करने वाले छात्र अधिक स्वस्थ और मानसिक रूप से बेहद मजबूत पाए गए. साथ ही उनमें किसी नई चीज को सीखने की ललक में भी काफी अंतर दिखा.

योगाभ्यास छात्रों के शैक्षणिक प्रदर्शन को बढ़ाता है
योगाभ्यास छात्रों के शैक्षणिक प्रदर्शन को बढ़ाता है

योगाभ्यास करने वाले छात्रों में भी मध्यम स्तर का तनाव देखने को मिला. शैक्षणिक दबाव दोनों समूहों के छात्रों के लिए समान रूप से लागू था. तुलनात्मक रूप से अन्य पाठ्यक्रमों के छात्रों की तुलना में योगाभ्यास करने वाले छात्रों में से कम छात्रों ने उच्च तनाव की सूचना दी.

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तनाव और लचीलेपन की तुलना करने वाला पहला अध्ययन

सांख्यिकीय विश्लेषण से पता चलता है कि योगाभ्यास करने वाले छात्रों में अन्य पाठ्यक्रमों के छात्रों की तुलना में काफी कम तनाव पाया गया. जो अध्ययन की पहली परिकल्पना का समर्थन करता है. छात्रों के तनाव और लचीलेपन की तुलना करने वाला यह पहला अध्ययन हो सकता है. हालांकि कई रिसर्च बताती हैं कि योगाभ्यास छात्रों में तनाव कम करता है और उनके शैक्षणिक प्रदर्शन को बढ़ाने में मदद करता है. (कौत्स और शर्मा, 2009)

योगाभ्यास से मिलती है मानसिक और शारीरिक मजबूती
योगाभ्यास से मिलती है मानसिक और शारीरिक मजबूती

मौजूदा अध्ययन का उद्देश्य उन छात्रों के बीच कथित तनाव और लचीलेपन की पहचान कर तुलना करना है. जो छात्र योग पाठ्यक्रम चुनते हैं और वो जो अन्य पाठ्यक्रम चुनते हैं. जिसमें यह पाया गया कि दोनों समूहों में कथित तनाव का स्तर मध्यम था. लेकिन योग पाठ्यक्रमों के छात्रों ने अन्य पाठ्यक्रमों के छात्रों की तुलना में काफी कम तनाव की सूचना दी.

योग के छात्र तनाव से निपटने में ज्यादा सक्षम

अध्ययन का उद्देश्य छात्रों को विभिन्न तनावों और उनका मुकाबला करने के लिए योग जैसी रणनीतियों से अवगत कराना है जो उन्हें तनावों से बेहतर तरीके से निपटने में मदद कर सकते हैं. इस प्रकार उनके लचीलापन और आत्म-प्रभावकारिता बनाए रख सकते हैं. अध्ययन के निष्कर्षों को मजबूत अनुसंधान पद्धति और बड़े सैंपल साइज के साथ आगे के अध्ययन की आवश्यकता है. 
 

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