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मध्य प्रदेश चुनाव में हार-जीत तय कर सकती है लाड़ली बहना योजना

शिवराज सिंह चौहान 'मामा' के नाम से मध्‍य प्रदेश की युवतियों और महिलाओं के साथ एक साथ स्‍नेह रिश्‍ता जोड़ते हैं. ये चुनावी रूप से भी फायदेमंद है. चुनाव से ठीक पहले उन्‍होंने 'लाड़ली बहना योजना' के जरिये महिलाओं के बैंक खातों में पैसा डालना शुरू किया. कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती है इस योजना से आकर्षित महिलाओं का ध्‍यान अपनी ओर खींचना.

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चुनाव में लाड़ली बहना और नारी सम्मान स्कीम में कौन भारी पड़ने जा रहा है
चुनाव में लाड़ली बहना और नारी सम्मान स्कीम में कौन भारी पड़ने जा रहा है

15 साल बाद 2018 में सत्ता में लौटने के बावजूद 15 महीने में ही बीजेपी के हाथों सत्ता गंवा चुकी कांग्रेस एक बार फिर वापसी के लिए प्रयासरत है - तो बीजेपी कांग्रेस की राह में दीवार बन कर खड़ी होने की कोशिश कर रही है.

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बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही महिला वोट अपनी झोली में बटोरने की कोशिश में हैं. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने महिला वोट पर जोर तो यूपी चुनाव 2022 से ही लगाया था, लेकिन फायदा मिलना शुरू हुआ हिमाचल प्रदेश से. कर्नाटक चुनाव में भी बहुत हद तक ये तरकीब कारगर साबित  हुई - और अब वही नुस्खा मध्य प्रदेश में आजमाने की कवायद चल रही है.

मध्य प्रदेश में महिला वोट हासिल करने की होड़

मध्य प्रदेश में 2.6 करोड़ से ज्यादा महिला वोटर हैं - और विधानसभा चुनाव में तीन महीने से भी कम वक्त रह गया है.

पंचायत आज तक में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलों के नेताओं से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की लाड़ली बहना योजना को लेकर पूछा गया तो दोनों के अपने अपने दावे रहे. दोनों ही एक दूसरे की योजनाओँ की कॉपी करने का आरोप लगाते रहे.

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कांग्रेस का दावा है कि शिवराज सिंह सरकार ने लाड़ली बहना योजना उसकी स्कीम की कॉपी कर बनाया है. बीजेपी का भी कांग्रेस पर बिलकुल यही आरोप है. 

हुआ ये था कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव जीतने के लिए अपनी चुनावी गारंटी स्कीम पर काम करना शुरू कर दिया था. बताते हैं कि कांग्रेस महिलाओं से नारी सम्मान योजना को लेकर फॉर्म भी भरवाने लगी थी, तभी बीजेपी सरकार को इसकी भनक लग गयी - और फिर एक दिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंंह चौहान ने महिलाओं के खाते में 1000 रुपये भेजे जाने की घोषणा कर डाली. 

कांग्रेस को लगा ये तो खेल हो गया. फिर कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार कमलनाथ ने शिवराज सरकार के मुकाबले मध्य प्रदेश की महिलाओं को 1500 रुपये महीना देने का ऐलान कर दिया - और अब उसी मुद्दे पर महिलाओं का खैर-ख्वाह बनने की होड़ मची हुई है.
लाड़ली योजना के सवाल पर कांग्रेस नेता शोभा ओझा ने पंचायत आज तक के मंच से यहां तक बोल दिया कि हजार-बाहर सौ में कोई महिलाओं को खरीद नहीं सकता - लेकिन जब ये पूछा गया कि क्या कांग्रेस यही काम 1500 रुपये में कर सकती है, तो वो अलग दलीलें देने लगीं.

कांग्रेस के ही सीनियर नेता सुरेश पचौरी का सवाल है कि 18 साल तक शिवराज सिंह चौहान को किसने रोका था कि वो लाड़ली बहना न करें?

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सुरेश पचौरी का कहना रहा, ‘कांग्रेस ने जब नारी सम्मान योजना की घोषणा की, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश, राजस्थान में देना शुरू कर दिया, तो ये नकल करने लगे.’


क्या है शिवराज सिंह चौहान की लाड़ली बहना योजना

महिलाओं के खाते में 1000 रुपये डालते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आगे चल कर ये राशि बढ़ा दी जाएगी - और ये 3000 रुपये प्रति महीने तक हो सकती है. 

मतलब, ऐसा तभी हो सकता है जब मध्य प्रदेश की महिलाएं बीजेपी को वोट देकर सत्ता सौंप दें. हालांकि, अभी ये साफ नहीं है कि बीजेपी के चुनाव जीतने पर शिवराज सिंह चौहान ही मुख्यमंत्री बनेंगे. 

लाड़ली बहना योजना को लेकर शिवराज सिंह चौहान ने बताया था, जैसे-जैसे सरकार के पास पैसा आएगा ये राशि क्रमश: 1250, 1500, 1750 और आखिर में 3000 रुपये तक पहुंच जाएगी. 

कमलनाथ की नारी सम्मान योजना

कमलनाथ ने कांग्रेस की सरकार बनने पर मध्य प्रदेश की महिलाओं के लिए नारी सम्मान योजना लाने का वादा किया है. ये कांग्रेस की चुनावी गारंटी स्कीम का हिस्सा है. 

कांग्रेस की नारी सम्मान स्कीम के तहत महिलाओं के हर महीने 1500 रुपये देने का वादा किया गया है. बीजेपी से अपनी योजना को बेहतर बताने के लिए कांग्रेस की तरफ से 500 रुपये में गैस सिलिंडर देने का भी वादा किया गया है. 

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कांग्रेस ये समझाने की कोशिश कर रही है कि सिलिंडर का दाम कम कर देने से भी महिलाओं के खर्च में 7000 रुपया सालाना बचत होगी. 

कांग्रेस के वादे को काउंटर करने के लिए बीजेपी सरकार ने उज्ज्वला स्कीम वाले सिलिंडर पर सब्सिडी बढ़ा दी है. ऐसे में 750 रुपये का सिलिंडर खरीदने पर 350 रुपये का कैशबैक मिल जाता है. यानी इस योजना की पात्र महिलाओं के लिए सिलिंडर 450 रुपये का ही पड़ता है.

देखा जाये तो कांग्रेस के चुनावी वादे से अभी से कम है, लेकिन ये सिर्फ उज्ज्वला के लाभार्थियों के लिए ही है. वैसे शिवराज सिंह चौहान ने बाकी महिलाओं के लिए भी ऐसा ही कोई उपाय किये जाने की उम्मीद जगा रखी है. 

दोनों योजनाओं में फर्क

कांग्रेस की नारी सम्मान योजना नेताओं के टिकट पाने का भी आधार बनने जा रही है. तीन महीने तक कांग्रेस के विधायकों, पूर्व विधायकों और टिकट के दावेदार नेताओं में लोगों से नारी सम्मान योजना का फॉर्म भरवाने की होड़ लगी रही. कांग्रेस नेताओं का मानना है कि जिसका बेहतर प्रदर्शन होगा, टिकट की दावेदारी उसकी मजबूत होगी.

शिवराज सरकार की लाड़ली बहना योजना का लाभ उन महिलाओं को ही मिल सकता है, जिनकी उम्र 23 से 60 साल के बीच है. 

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कांग्रेस नेता कमलनाथ के नारी सम्मान योजना में उम्र सीमा 18 साल से लेकर 60 साल तक रखी गयी है. और कांग्रेस का ये दबाव भी बीजेपी पर प्रभाव दिखाया है, शिवराज सिंह चौहान की तरफ से संकेत दिया गया है कि लाड़ली बहना योजना में पात्रता की उम्र सीमा 23 साल से कम करके 21 साल कर दी जाएगी.

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