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MoTN survey: क्या बिहार में नीतीश कुमार को साथ लेकर BJP ने भूल कर दी?

बिहार में नीतीश कुमार को लेकर जनता का मूड ठीक नहीं है. इंडिया टुडे-आज तक के सर्वे में एनडीए गठबंधन को अन्य राज्यों के मुकाबले यहां नुकसान होता दिख रहा है. इसका मतलब सीधे सीधे तो यही निकल रहा है कि नीतीश कुमार को एनडीए में शामिल करके बीजेपी ने बड़ी भूल कर दी.

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बिहार में एनडीए की सरकार बनाने के बाद पीएम मोदी से मिलते बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
बिहार में एनडीए की सरकार बनाने के बाद पीएम मोदी से मिलते बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

बिहार में भारतीय जनता पार्टी ने नीतीश कुमार को साथ लेकर बड़ी भूल कर दी है. कम से कम इंडिया टुडे-सी वोटर के सर्वे के मुताबिक तो यही लग रहा है.बिहार में 10 दिन पहले बनी एनडीए सरकार को आगामी लोकसभा चुनावों में झटका मिलते दिख रहा है.हालांकि ये झटका बड़ा नहीं कहा जा सकता पर अगर उम्मीद फायदे की हो और नुकसान हो जाए तो इसे बड़ा झटका ही कहेंगे.बिहार की राज्य भाजपा इकाई शुरू से ही नीतीश कुमार को साथ लाने का विरोध करती रही है. पर संभवतः बीजेपी को अपने लोकल इकाई से ज्यादा अपने इंटरनल सर्वे पर भरोसा था. 

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इंडिया टुडे आज तक के सर्वे को देखें तो बिहार में एनडीए अलायंस को 7 सीटों का नुकसान दिख रहा है. बिहार में विपक्षी गठबंधन INDIA ब्लॉक और एनडीए दोनों का वोट परसेंट बढ़ता दिख रहा है. पर सीटों का फायदा विपक्ष को ही मिलते दिख रहा है. आइये देखते हैं कि ऐसा क्यों हो रहा है ? 

1- क्या एंटी इंकंबेंस का असर है?

बिहार में महागठबंधन सरकार के दौरान शराब बंदी के चलते हुई मौतें, लगातार खराब होती कानून व्यवस्था आदि के चलते आम लोग परेशान थे. वो महागठबंधन सरकार से छुटकारा चाहते थे. आम जनता में सरकार के लुंज पुंज होने का कारण नीतीश कुमार को मान रही थी. कम से कम बीजेपी का कोर वोटर तो यही मान रहा था कि बिहार की जो हालत हो गई है उसके लिए नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं. सरकार में लालू यादव फैमिली को लाने के लिए भी बीजेपी के कोर वोटर्स नीतीश कुमार से बहुत नाराज थे. बीजेपी 10 दिन पहले तक गला फाड़कर नीतीश कुमार को ही जिम्मेदार ठहरा रही थी. प्रदेश में जो जनमत तैयार हो रहा था वो नीतीश कुमार के खिलाफ ही तैयार हो रहा था अचानक नीतीश के पलटी मारने को लोग बीजेपी का पलटी मारना समझ रहे हैं. यही कारण है कि एनडीए को 2024 के लोकसभा चुनावों में  51.5% वोट शेयर मिलने का अनुमान है (इंडिया टुडे-आज तक सर्वे) यानि कि करीब 3 परसेंट वोट 2019 के मुकाबले एनडीए का घटता दिखाई दे रहा है. जबकि इंडिया गठबंधन को 38% वोट मिलने की संभावना है. यानि कि इंडिया गठबंधन का वोट प्रतिशत करीब 7 परसेंट बढ़ रहा है. इंडिया गठबंधन जो 2019 में महागठबंधन के नाम से करीब 30.75 परसेंट वोट पाने में कामयाब हुआ था. आज की स्थिति में उसकी स्थिति सुधरती नजर आ रही है.

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2-सरकार के अच्छे कामों का श्रेय ले गए तेजस्वी

नीतीश कुमार ने जबसे आरजेडी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी सरकार पर लालू फैमिली हॉवी थी. सरकार के बड़े फैसलों को तत्कालीन उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का फैसला समझा जा रहा था. सरकार ने जो सरकारी नौकरियों का भर्ती अभियान चलाया उसकी मलाई तेजस्वी अपने हिस्से ले गए. जातिगत जनगणना नीतीश कुमार की उपज थी पर इसे भी आरजेडी के दबाव में लिया गया फैसला मान लिया गया. कई बार ऐसे मौके आए जब नीतीश सरकार ने कोई फैसला लिया लेकिन सोशल मीडिया पर तेजस्वी उसका श्रेय लूट रहे थे. नीतीश कुमार की लालू फैमिली से नाराजगी के कई कारणों में से एक बहुत बड़ा कारण यही था. फिलहाल जिस तरह इंडिया टुडे-आज तक के सर्वे में इंडिया ब्लॉक को सीटें मिलतीं दिख रही हैं उसका सबसे बड़ा कारण तेजस्वी हैं इसमें कोई दो राय नहीं हो सकती है. 2019 में आरजेडी को एक भी सीट नहीं मिल सकी थी.एक सीट कांग्रेस ने जीती थी, लेकिन इस बार इंडिया ब्लॉक आठ सीटें जीतने जा रहा है. यानी इंडिया ब्लॉक को सीधे सात सीटों का फायदा मिलते देखा जा रहा है.

3-नीतीश ने खुद महागठबंधन छोड़ा, पर जनता को लगता है कि बीजेपी ने तोड़फोड़ की

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इंडिया टुडे-आजतक के सर्वे में महाराष्ट्र में भी बीजेपी को नुकसान होते दिख रहा है. बीजेपी के लिए बिहार और महाराष्ट्र में स्थितियां काफी कुछ एक जैसी हैं. अगर बिहार और महाराष्ट्र दोनों जगह बीजेपी को नुकसान हो रहा है तो मतलब साफ है कि जनता को बीजेपी की तोड़ फोड़ की नीति पसंद नहीं आ रही है.महाराष्ट्र में बीजेपी को 2029 के 23 सीटों के मुकाबले 2024 में 16 सीटें मिलती दिख रही हैं यानि कि 7 सीटों का नुकसान होता दिख रहा है. महाराष्ट्र में बीजेपी पर शिवसेना और एनसीपी को तोड़ने का आरोप है. बिहार में हालांकि बीजेपी ने कोई तोड़फोड़ नहीं की है , यहां तो नीतीश कुमार खुद महागठबंधन छोड़कर एनडीए में आए हैं. पर जनता के बीच परसेप्शन यही बना है कि सब कुछ किया धरा भारतीय जनता पार्टी का है.

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