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मोदी ने दी केजरीवाल की ‘रेवड़ियों’ को जारी रखने की गारंटी, अब आगे क्या?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली को आप-दा से मुक्ति दिलाने के लिए लोगों से सेवा का मौका मांगा है, और हर मुसीबत में साथ खड़े रहने की दिल्लीवालों को गारंटी भी दी है. और जिसमें दिल्ली सरकार की ‘रेवड़ियों’ को जारी रखना भी शामिल है. अरविंद केजरीवाल की मुफ्त की योजनाओं को मोदी ने ही रेवड़ी नाम दिया था.

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दिल्ली वालों के सामने अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी गारंटी आ गई है, मुकाबला अरविंद केजरीवाल की गारंटी से है - और फैसले की घड़ी भी नजदीक आ गई है.
दिल्ली वालों के सामने अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी गारंटी आ गई है, मुकाबला अरविंद केजरीवाल की गारंटी से है - और फैसले की घड़ी भी नजदीक आ गई है.

दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की मुफ्त की योजनाओं को जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेवड़ी करार दिया था, आम आदमी पार्टी के संक्षिप्त रूप आप में दा जोड़कर आप-दा बोलने लगे हैं - और मोदी की ही तरह हर बीजेपी नेता मौजूदा सरकार को आप-दा कह कर बुलाने लगा है. 

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दिल्ली में चुनाव कैंपेन के तहत मोदी ने आरकेपुरम की रैली में कहा कि आप-दा पार्टी ने दिल्ली के 11 साल बर्बाद कर दिये हैं. बोले, दिल्ली के हर परिवार से मेरी प्रार्थना है… हमें आप सबकी, दिल्लीवासियों की सेवा का मौका जरूर दें… मैं गारंटी देता हूं, आपकी हर मुसीबत, हर परेशानी को समाप्त करने के लिए खप जाऊंगा.

साथ ही, मोदी ने दिल्ली में झुग्गियां न तोड़े जाने की भी गारंटी दी, और दिल्ली में पहले से चल रही कल्याणकारी योजनाओं को भी बीजेपी की सरकार बनने पर बंद न किये जाने की गारंटी दी है. केंद्रीय मंत्री अमित शाह भी गरीबों के लिए चल रही कल्याणकारी योजनाओं को बंद न किये जाने के लिए पहले से ही आश्वस्त कर रखा है. 

प्रधानमंत्री मोदी ने अरविंद केजरीवाल पर बीजेपी के सत्ता में आने पर झुग्गियां तोड़ दिये जाने को लेकर अफवाह फैलाने का आरोप लगाया है. दिल्ली में चुनाव कैपेंन के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बीजेपी के सत्ता में आ जाने पर मुफ्त की योजनाएं बंद कर दिये जाने और झुग्गियां तोड़ डालने के लगातार आरोप लगाते रहे हैं. 

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और ऐसी सारी बातों को अपनी तरफ से काउंटर करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने साफ किया है कि दिल्ली में जनहित की कोई भी योजना बंद नहीं की जाएगी, अगर बीजेपी दिल्ली में चुनाव जीतकर सरकार बनाने में कामयाब होती है.  

केजरीवाल की गारंटी बनाम मोदी की गारंटी

आम आदमी पार्टी ने चुनाव घोषणा पत्र ‘केजरीवाल की गारंटी’ के नाम से ही जारी किया है. पिछले चुनावों में मोदी की गारंटी भी सुनी जाती रही है, और दिल्ली चुनाव में भी मोदी के मुंह से ही गारंटी शब्द सुनने को मिल रहा है. बीजेपी नेता मोदी की गारंटी को काम होने की गारंटी कह कर लोगों को समझाते रहे हैं, लेकिन ऐसा भी देखने को मिला है कि बीजेपी की जीत की गारंटी भी नहीं होती है. 

1. ये गारंटी-गारंटी का खेल क्या है: आम आदमी पार्टी तो मैनिफेस्टो ही ‘केजरीवाल की गारंटी’ के नाम से जारी कर चुकी है, अब भारतीय जनता पार्टी की तरफ से भी दिल्ली के चुनावी मार्केट में ‘मोदी की गारंटी’ आ गई है. 

दिल्की एक रैली में मोदी कह रहे थे, 8 फरवरी को दिल्ली में भाजपा की सरकार बनेगी… 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है… 8 मार्च तक, दिल्ली की बहनों के खातों में 2,500 रुपया पहुंचना शुरू हो जाएगा… बहनों को सस्ता सिलेंडर भी मिलेगा, और पाइप से गैस पहुंचाने का काम भी तेज होगा… दिल्ली की बहनों के घर में भाजपा सरकार नल से शुद्ध जल भी पहुंचाएगी - और ये मोदी की गारंटी है.

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2. हकीकत और फसाने में फर्क तो है: मोदी का कहना है कि बीजेपी की सरकार बनने की सूरत में भी, दिल्ली में कोई भी वेलफेयर स्कीम बंद नहीं की जाएगी. ये बात दिल्ली में केजरीवाल सरकार की तरफ से मुफ्त, बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य के मामले में कही गई है.

असल में, पहले मोदी ने ही दिल्ली सरकार की मुफ्तवाली योजनाओं को रेवड़ी नाम दिया था, जिसे लेकर अरविंद केजरीवाल घूम घूम कर कहने लगे कि अगर बीजेपी सत्ता में आई तो दिल्ली में मुफ्त की सारी योजनाएं बंद हो जाएंगी - और खुद को पैसों का जादूगर होने का दावा करने वाले केजरीवाल जोड़ कर दावा कर रहे हैं कि आम आदमी पार्टी की सरकार नहीं बनने पर दिल्ली के हर परिवार करीब 25 हजार रुपये का एक्स्ट्रा भार पड़ेगा. 

3. लोगों के भरोसे का पैमाना: मध्य प्रदेश में भी ऐसी ही स्थिति बनी थी. 2023 में मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार पहले से थी, और महिलाओं के बैंक अकाउंट में पहले से ही कैश ट्रांसफर होता आ रहा था, कांग्रेस ने भी वैसी ही स्कीम का चुनावी वादा किया था, लेकिन लोगों को पहले से पैसे देती आ रही बीजेपी पर ज्यादा भरोसा हुआ, और सत्ता में वापसी करा दी. फर्क बस ये था कि एक पहले से पैसे दे रहा है, दूसरा पैसा देने का वादा कर रहा था.
 
मध्य प्रदेश की ही तरह कांग्रेस ने दिल्ली में भी महिलाओं को हर महीने पैसे देने का वादा किया है, लेकिन दिल्ली में केजरीवाल के बाद सत्ता की दूसरी दावेदार बीजेपी है, कांग्रेस का नंबर उसके बाद आता है. कुछ सीटों को छोड़ दें तो ज्यादातर जगह आप और बीजेपी के बीच ही आमने सामने का मुकाबला है. 

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4. महिलाओं के खाते में कैश ट्रांसफर: दिल्ली में पहले से चल रही मुफ्त वाली योजनाओं और महिलाओं को हर महीने पैसे देने वाली स्कीम की तुलना करें तो दिल्ली की स्थिति में थोड़ा फर्क भी है, अभी तक केजरीवाल ने सिर्फ घोषणा की है, दिल्ली में मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना अभी तक शुरू नहीं हुई है. केजरीवाल ने फिर से सरकार बनने पर 2100 रुपये हर महीने देने का वादा किया है. और, बीजेपी की सरकार बनने पर 2500 रुपये देने का वादा किया जा रहा है.

5. दिल्ली में ‘रेवड़ियों’ की गारंटी: बीजेपी के सत्ता में आने पर केजरीवाल ने मुफ्त की स्कीम खत्म किये जाने की बात वैसे ही की है, जैसे मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की जगह मोहन यादव को मुख्यमंत्री बना देने के बाद ‘लाडली बहना योजना’ बंद कर दिये जाने की अफवाह उड़ाई जाने लगी थी, लेकिन ये भी देखने को मिला है कि जोरदार आलोचना के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मनरेगा योजना बंद करने की जगह फंड बढ़ाते रहे हैं.

देखते हैं दिल्ली के लोग केजरीवाल की गारंटी पर ज्यादा भरोसा करते हैं, या मोदी की गारंटी पर - क्योंकि ये मामला रेवड़ियों का जो है.

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