प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आप-दा से मुक्ति दिलाने का वादा तो दिल्लीवालों से चुनाव कैंपेन की शुरुआत से ही कर रहे थे, दिल्ली में वोटिंग की पूर्वसंध्या पर भी वो अरविंद केजरीवाल पर चुन चुन कर हमला बोले. हरियाणा और महाराष्ट्र चुनावों बीजेपी के प्रदर्शन की चर्चा करते हुए मोदी ने केजरीवाल को घेरने के लिए ‘शीशमहल’ का खासतौर पर जिक्र किया.
दिल्ली में वोटिंग के दिन प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल साइट X पर लिखा है, मतदाताओं से मेरा आग्रह है… वे लोकतंत्र के इस उत्सव में पूरे उत्साह के साथ हिस्सा लें, और अपना कीमती वोट जरूर डालें… पहली बार वोट देने जा रहे सभी युवा साथियों को मेरी विशेष शुभकामनाएं… याद रखना है - पहले मतदान, फिर जलपान!
और आम आदमी पार्टी नेता केजरीवाल लिखते हैं, प्यारे दिल्लीवासियों… आपका वोट सिर्फ एक बटन नहीं, ये आपके बच्चों के उज्जवल भविष्य की नींव है… अच्छे स्कूल, बेहतरीन अस्पताल और हर परिवार को सम्मानजनक जीवन देने का अवसर है… हमें झूठ, नफरत और डर की राजनीति को हराकर सच्चाई, विकास और ईमानदारी को जिताना है… खुद भी वोट करें और अपने परिवार, दोस्तों, पड़ोसियों को भी प्रेरित करें… गुंडागर्दी हारेगी, दिल्ली जीतेगी.
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शुरू से ही बीजेपी से पूछते रहे हैं, दूल्हा कौन है? मुख्यमंत्री चेहरे पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा तो पहले ही जवाब दे चुके हैं, प्रधानमंत्री मोदी भी हरियाणा और महाराष्ट्र चुनाव की याद दिलाकर बीजेपी समर्थकों को वही संकेत दे रहे हैं - लेकिन क्या ये बीजेपी को हाल के विधानसभा चुनावों की तरफ फायदा पहुंचाएगा?
संसद से मोदी का केजरीवाल पर हमला
1. आप-दा से मुक्ति दिलाने का वादा: प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्लीवालों खासकर युवाों को आप-दा से मुक्ति दिलाने का वादा दोहराया है. कहा है, कुछ राजनीतिक दल हैं जो युवाओं के भविष्य लिए आप-दा हैं, उनको लगातार धोखा दे रहे हैं… ये दल चुनाव के दौरान भत्ता देने का वादा तो करते हैं, लेकिन पूरा नहीं करते हैं… ये दल युवाओं के भविष्य पर आप-दा बनकर गिरे हुए हैं.
मोदी ने कहा, हम कैसे काम करते हैं, ये हरियाणा में देख सकते हैं… बिना खर्ची, बिना पर्ची के नौकरी देने का वादा किया था… सरकार बनते ही नौजवानों को नौकरी मिल गई… इसी का परिणाम है कि हरियाणा में तीसरी बार भव्य विजय मिली है. ये अपनेआप में ऐतिहासिक घटना है… महाराष्ट्र में भी ऐतिहासिक परिणाम मिला है… जनता का आशीर्वाद है.
2. ‘शीशमहल’ न भूलने देने की कोशिश: आप-दा के साथ साथ मोदी ने पूरे चुनाव कैंपेन में ‘शीशमहल’ नाम भी बार बार लिया. ये दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास में हुए निर्माण पर एक स्टिंग ऑपरेशन का नाम था, जिसे बीजेपी ने लपक लिया है.
केजरीवाल को निशाने पर लेते हुए मोदी कहते हैं, अलग-अलग कदम उठाने से लाखों करोड़ रुपये की बचत हुई, लेकिन उन पैसों का इस्तेमाल हमने शीशमहल बनाने के लिए नहीं किया… हमने देश बनाने के लिए किया.
शीशमहल का नाम लेकर केजरीवाल के खिलाफ मोदी बीजेपी के भ्रष्टाचार के आरोपों के प्रभाव को बनाये रखने की कोशिश कर रहे हैं - क्योंकि, यही तो केजरीवाल और साथियों के कट्टर ईमानदारी के दावे पर सबसे बड़ा हमला है.
3. ‘कट्टर ईमानदारी’ पर भी अटैक: अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया जैसे आम आदमी पार्टी के नेता खुद को कट्टर ईमानदार बताकर बीजेपी के भ्रष्टाचार के आरोपों को काउंटर करने की कोशिश करते रहे हैं, लेकिन मोदी ये बात किसी भी सूरत में भूलने नहीं देना चाहते. दिल्ली में मतदान की पूर्वसंध्या पर तो हरगिज नहीं.
लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं, हमने 12 करोड़ से ज्यादा शौचालय बनाकर बहनों और बेटियों की मुश्किलें दूर की है… आजकल मीडिया में ज्यादा ही चर्चा हो रही है, सोशल मीडिया में ज्यादा ही चर्चा हो रही है… कुछ नेताओं का फोकस घरों में जकूजी पर, स्टाइलिश शावर पर है, लेकिन हमारा फोकस हर घर जल पहुंचाने पर है.
केजरीवाल की गारंटी के रूप में आम आदमी पार्टी का मैनिफेस्टो जारी करते हुए अरविंद केजरीवाल ने स्वीकार किया था, 2020 में किये हुए 3 वादे हम पूरे नहीं कर पाए हैं, लेकिन हर हाल में उन्हें पूरा करेंगे क्योंकि ये काम हमारा सपना हैं.
और तीन काम में से एक था, दिल्ली में 24 घंटे पानी की सप्लाई - प्रधानमंत्री मोदी वही बात अपने तरीके से लोगों को याद दिलाने की कोशिश कर रहे हैं.
दिल्ली में बीजेपी को फायदा कैसे होगा
बेशक बीजेपी दिल्ली की सभी 7 लोकसभा सीटें लगातार तीन बार से जीत रही है, लेकिन विधानसभा में दो बार से दहाई का आंकड़ा पार करना भी मुश्किल हो रहा है - और अब तो एमसीडी भी आम आदमी पार्टी के हाथों गवां चुकी है.
2022 में अरविंद केजरीवाल ने एमसीडी से भी बीेजेपी को बेदखल कर दिया था, और ये बीजेपी की दिल्ली की सत्ता में वापसी की बड़ी वजह रही है.
पहले से ही सत्ता विरोधी लहर को फेस कर रहे अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दिल्ली की सड़कों पर गड्ढे और गंदगी की तस्वीरें और वीडियो दिखाकर बीजेपी लोगों के गुस्से को उभारने की काफी कोशिश की है. दिल्ली के उप राज्यपाल और स्वाति मालीवाल के वीडियो भी बीजेपी के लिए मददगार साबित हुए होंगे, ऐसा समझा जा सकता है, लेकिन सही पैमाइश तो 8 फरवरी को चुनाव नतीजे आने के बाद ही हो पाएगी.
जैसे बीते 6 चुनावों में जैसे नई दिल्ली सीट जीतने वाले का मुख्यमंत्री बनने का ट्रेंड देखा गया है, ये भी देखा जाता रहा है कि एमसीडी का चुनाव जीतने वाली राजनीतिक पार्टी विधानसभा चुनाव हार जाती है. बीजेपी के साथ भी ऐसा ही होता रहा है. 2007, 2012 और 2017 का एमसीडी चुनाव जीतने के बाद बीजेपी 2008, 2013, 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव लगातार हार चुकी है - देखना है 2022 में एमसीडी में विजय हासिल करने वाली आम आदमी पार्टी ये ट्रेंड बदल पाती है या नहीं.
अरविंद केजरीवाल बीजेपी के सीएम फेस को लेकर लगातार सवाल पूछते रहे हैं, जिसके जवाब में जेपी नड्डा याद दिलाते हैं, राजस्थान में भी हमारे घोड़े पर दूल्हा नहीं था, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी हमारे घोड़े पर दूल्हा नहीं था.
अरविंद केजरीवाल को काउंटर करने के लिए बीजेपी को भी ‘रेवड़ी’ का रास्ता ही अख्तियार करना पड़ा है, और रमेश बिधूड़ी के साथ साथ प्रवेश वर्मा को लोकसभा चुनाव में होल्ड कर विधानसभा चुनाव के मैदान में उतारना पड़ा है - दिल्ली में चुनाव प्रचार बंद होने के बाद सदन के पटल से केजरीवाल पर मोदी के हमले का असर देखना बाकी है.