पिछला सप्ताह पश्चिम बंगाल में सियासी घमासान का रहा. सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी के बीच तो घमासान मचा ही हुआ है. कांग्रेस और टीएमसी के बीच भी लफ्जों की लड़ाई पांव पसार चुकी है. सबसे बड़ी बात है कि पिछले एक सप्ताह में जिस तरीके की बयानबाजी टीएमसी और कांग्रेस के बीच हो रही है, उससे तो बंगाल में इंडिया गठबंधन की हवा निकलती दिख रही है.
इसकी शुरुआत तब हुई जब ये खबर सामने आई कि टीएमसी बंगाल में कांग्रेस को दो से ज्यादा सीट नहीं देना चाहती. इस खबर के सामने आते ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी पर हमला बोल दिया और आरोप लगाया कि ममता बनर्जी गठबंधन चाहती ही नहीं हैं. तृणमूल की ओर से भी अधीर के इस बयान के बाद ज़ुबानी लड़ाई तेज हो गई जो अभी तक जारी है.
इस सप्ताह की एक और बड़ी खबर रही ईडी अधिकारियों पर हमला. पिछले शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने राशन घोटाला मामले में उत्तर 24 परगना के कई जगहों पर छापेमारी शुरू की. इसी दौरान उत्तर 24 परगना के संदेश खाली में TMC नेता शेख शाहजहां के घर जब ED की टीम पहुंची तो आठ सौ से एक हजार लोग एकत्रित हो गए और ED की टीम पर हमला कर दिया. इस हमले में ED के तीन अधिकारी घायल हुए. ED की गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई. इस घटना के बाद तो बंगाल की सियासत में तूफान आ गया. भारतीय जनता पार्टी की ओर से राज्य की कानून व्यवस्था की तंग हालत का हवाला देते हुए मामले की NIA जांच की मांग कर दी गई.
वहीं, तृणमूल कांग्रेस की ओर से कहा गया कि ED की टीम ने लोगों को उकसाया और ED की टीम एकतरफा तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के घर पर छापा मार रही है, बल्कि BJP के नेताओं के घर पर कोई छापा नहीं मार रही है और ऐसे में लोगों ने उकताकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान अधीर रंजन चौधरी ने भी संदेशखाली मामले को लेकर ममता सरकार पर हमला तीखा कर दिया.
मामले में केंद्र सरकार की ओर से राज्य सरकार से मामले की रिपोर्ट मांगी गई है. साथ ही प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक राहुल नवीन कोलकाता आए और ED अधिकारियों के अलावा CISF और CRPF के अधिकारियों के साथ बैठक की और राज्यपाल से भी मिले. इस बीच राशन घोटाले में ईडी ने टीएमसी नेता और बोनगांव नगरपालिका अध्यक्ष शंकर आद्य को गिरफ्तार कर लिया.
इस दौरान गंगासागर मेला की तैयारियों का जायजा लेने गईं ममता बनर्जी का बयान भी सामने आया. उन्होंने कहा कि बंगाल की कानून व्यवस्था पर बरगलाया जा रहा है.
इस बीच बीजेपी की ओर से कोलकाता में सांगठनिक बैठकों के कई दौर हुए. इस दौरान बंगाल बीजेपी के प्रभारी मंगल पांडेय के नेतृत्व में हुई इन बैठकों में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर रणनीति पर चर्चा हुई और तय किया गया कि फरवरी महीने तक बंगाल में बीजेपी ममता सरकार की नाकामियों और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आगे बढ़ेगी. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गरीब कल्याण नीतियों के बारे में लोगो को बताया जाएगा और मुद्दा बनाया जाएगा.